रायपुर : बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए तत्कालीन सरकार के 58 फीसदी आरक्षण के फैसले को सही बताया है. इस फैसले के बाद आरक्षण के मुद्दे को लेकर अब भाजपा का कांग्रेस पर हमला तेज हो गया है. भाजपा नेता विक्रम उसेंडी ने कहा कि इस फैसले से न केवल प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार के 58 प्रतिशत आरक्षण का फैसला सही साबित हुआ है, बल्कि कांग्रेस की दोहरी राजनीति का पर्दाफाश हुआ है. बीजेपी शासन काल में लागू आदिवासियों के 32% आरक्षण पर कांग्रेसियों ने षड्यंत्र कर हाईकोर्ट में याचिका लगवाकर स्टे लगवा दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण संशोधन विधेयक 2012 पर लगे स्टे पर राहत दे दी है. अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी यह समझ लेना चाहिए कि वे संविधान से ऊपर नहीं हैं.
विक्रम उसेंडी का कांग्रेस पर गंभीर आरोप : विक्रम उसेंडी ने कहा कि "यह सभी को मालूम है कि जिन लोगों ने 58% आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट में पिटीशन दायर की थी, कांग्रेस की सरकार ने ऐसे लोगों को निगम आयोग मंडल के पद से सुशोभित किया है. यह सभी जानते हैं कि कांग्रेस के कहने पर ही उनके लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करवाई थी. सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने ऐसे लोगों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने वाले पदों पर बैठाया.''
भाजपा ने कांग्रेस पर उठाए सवाल: भाजपा नेता विक्रम उसेंडी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से मिले न्याय से स्पष्ट है कि हाईकोर्ट तक में शासन ने अपना पक्ष बेहतर नहीं रखा. कांग्रेस चाह रही थी कि सरकार किसी तरह हार जाए. इसीलिए उसने क्वांटिफायबल डेटा आयोग की रिपोर्ट को भी सार्वजनिक नहीं किया है. ऐसे तमाम कृत्यों के कारण कांग्रेस की नीयत पर हमेशा सवाल उठता ही रहेगा.
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भर्तियां शुरु करने की मांग : भाजपा ने यह आरोप भी लगाया है कि रमन सरकार के समय छत्तीसगढ़ में 58 प्रतिशत आरक्षण लागू किया लेकिन कांग्रेस ने उसे छीना. फिर बीजेपी ने संघर्ष कर सरकार के खिलाफ चक्काजाम, धरना और हर संभव प्रयास कर आरक्षण लागू करवाया है. छत्तीसगढ़ के लोगों को आरक्षण मिलता रहे, पार्टी इसके लिए प्रतिबद्ध है. भाजपा ने 58 फीसदी आरक्षण से स्टे हटने पर अब सरकार से भर्ती करने की मांग की है. बीजेपी ने जल्द से जल्द खाली पदों पर पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ आरक्षण रोस्टर लागू कर भर्तियां शुरु करने को कहा है.