रायपुर: छ्त्तीसगढ़ में धर्म को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों में होड़ लगी है. दोनों धर्म के मामले में किसी से पीछे नहीं रहना चाहते. हनुमान जी को लेकर मचे शो शराबे के बीच भाजपा और कांग्रेस को हनुमान चालीसा का कितना ज्ञान है, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के नेताओं से बातचीत की.
हनुमान चालीसा नहीं सुना पाए मूणत: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेश मूणत रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करते की तो बात कही. दावा किया कि हम सनातन संस्कृति को मनाने वाले हैं, जो वोट की राजनीति के लिए टोपी नहीं पहनते.
जब राजेश मूणत से हनुमान चालीसा याद होने का सवाल पूछा गया तो उन्होने कहा "हमें हनुमान चालीसा याद है. कांग्रेसियों को क्या याद है, कांग्रेसी कभी राम के नाम पर प्रश्नवाचक चिन्ह, कभी बजरंगियों के बारे में गलत कहते हैं." पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि "हनुमान चालीसा और सुंदरकांड कोई अलग नहीं है. हनुमान चालीसा भी वही है और सुंदरकांड भी वही है. जिन्हें जो पाठ करना है वह करें. हम चाहते हैं कि सभी भगवान राम के शरण में जाएं. उसी से सभी का कल्याण होता है."
कौशिक बोले-देखकर करना चाहिए पाठ: हनुमान चालीसा याद होने के सवाल पर धरमलाल कौशिक ने कहा कि "हनुमान चालीसा सभी को याद है और मैं भी बिना देखे उसे सुना सकता हूं, लेकिन अगर हनुमान चालीसा का पाठ देख कर करना चाहिए. पाठ करते समय एक भी मात्रा गलत ना हो इसलिए मैं समझता हूं उसे सामने रखकर पाठ किया जाए तो ज्यादा अच्छा है."
कौन दिखावटी और कौन असली, समझ आ गया-कांग्रेस: भाजपा के हनुमान चालीसा पढ़ने और कांग्रेसियों के सुंदरकांड को लेकर ईटीवी भारत ने कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर बातचीत की. उन्होंने कहा "भारतीय जनता पार्टी धर्म के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना चाहती है. जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी सरकार में है, और जिन राज्यों में उनकी सरकार नहीं है, वहां जनता के पास बताने के लिए कोई मुद्दा नहीं है. कांग्रेस पार्टी धर्म के आधार पर कोई राजनीति नहीं करती है."
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1 मिनट 50 सेकेंड में सुना दिया हनुमान चालीसा: कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करने का दावा किया. ईटीवी भारत के कैमरे के सामने ही उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ शुरू किया और 1 मिनट 50 सेकेंड के में ही इसे पूरा सुना दिया.
बजरंग बली और हनुमान चालीसा पर राजनीति करने वाले नेताओं से बात कर हमने यह जानने की कोशिश की उन्हें धर्म का कितना ज्ञान है. कई नेताओं ने इसकी सही व्याख्या की. लेकिन कुल मिलाकर इन नेताओं ने धर्म को राजनीति में लाने का काम किया है.