ETV Bharat / state

कौन हैं वे दो अफसर जिनके फैसले ने खड़ा कर दिया सियासी भूचाल, रमन-भूपेश आमने-सामने !

छत्तीसगढ़ में 2 अफसरों ने प्रदेश में सियासी भूचाल खड़ा कर दिया है. भाजपा ने किसान महापंचायत का आयोजन किया, लेकिन अफसरों ने जगह बदलने का फैसला ले लिया. इसे लेकर रमन सिंह नाराज नजर आ रहे हैं. अधिकारियों पर लगातार हमलावर हैं.

bjp-and-congress-counter-attack-on-decision-of-ias-and-sdm-in-chhattisgarh
IAS रमेश कुमार शर्मा और एसडीएएम विनय कुमार सोनी
author img

By

Published : Dec 19, 2020, 7:59 PM IST

Updated : Dec 20, 2020, 6:50 AM IST

रायपुर: आइए जानते हैं उन अधिकारियों के बारे में जिनके फैसले ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को प्रशासन के खिलाफ बोलने पर मजबूर कर दिया है. उनके इस कदम से प्रदेश की सियासत में वर्तमान सीएम और पूर्व सीएम को आमने-सामने ला कर खड़ा कर दिया है. भाजपा द्वारा आयोजित किसान महापंचायत की जगह बदलने को लेकर शुरू हुए इस विवाद से सियासी पारा उफान पर है. राजनीतिक प्रदर्शन की जगह बदलने का फैसला जिला प्रशासन का है. ऐसे में जानते हैं कि रमन सिंह के गृह नगर में अपने फैसले से नाराज करने वाले कलेक्टर कौन हैं.

पढ़ें: अफसरों पर फिर बरसे रमन, कहा- कॉन्ट्रैक्ट पर आए अधिकारी मनमानी और करप्शन में लिप्त
रमेश कुमार शर्मा, कलेक्टर कबीरधाम
कुछ महीने पहले कबीरधाम जिला के कलेक्टर के तौर पर पद संभालने वाले रमेश कुमार शर्मा 2010 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वैसे तो वे मूल रूप से राज्य प्रशासनिक सेवा से हैं. 2010 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रमोट किया गया था. वे राजनांदगांव जिले के चिखली के रहने वाले हैं. रमेश कुमार शर्मा, रमन सरकार के समय आईएएस अधिकारी के तौर पर प्रमोट हुए थे. लेकिन लंबे समय से मंत्रालय में ही विभिन्न पदों पर अपनी सेवा दे रहे थे. कुछ महीने पहले कोविड-19 महामारी के दौरान ही भूपेश सरकार ने बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की थी. तब इन्हें अवनीश शरण की जगह पर कबीरधाम कलेक्टर नियुक्त किया गया था.

BJP and Congress Counter attack on decision of IAS and SDM in Chhattisgarh
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा

पढ़ें: बीजेपी को लोकतंत्र पर भरोसा नहीं, कांग्रेस सरकार गिराने का कर रहे षडयंत्र-सीएम बघेल

एसडीएम विनय कुमार सोनी का नाम चर्चा में

मामले में दूसरे अधिकारी का नाम जुड़ा है, वो एसडीएम विनय कुमार सोनी हैं. 2015 बैच के डिप्टी कलेक्टर हैं. वे बालोद जिले के डौंडी लोहारा के रहने वाले हैं. राज्य प्रशासनिक सेवा में आने से पहले वे शिक्षक रहे हैं. उनकी पहली पोस्टिंग धुर नक्सल प्रभावित जिला सुकमा में रही. करीब ढाई साल पहले उनका तबादला कबीरधाम जिले में किया गया था. यहां वे जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर रहे. इसके बाद उन्हें बोड़ला तहसील में अनुविभागीय अधिकारी बनाया गया. एक हफ्ते पहले ही उन्हें कवर्धा एसडीएम बनाया गया है.

BJP and Congress Counter attack on decision of IAS and SDM in Chhattisgarh
विनय कुमार सोनी

एसडीएम बनते ही सियासी दांव पेच में उछला नाम
कवर्धा में एसडीएम के पद पर ज्वाइन करते ही सियासी दांव पेच में उनका नाम आ गया है. भाजपा के किसान महापंचायत की जगह बदलने पर जहां पूर्व सीएम रमन बिफर पड़े और अधिकारियों को काम काज ठीक से करने की नसीहत दे दिए. वहीं सीएम भूपेश ने रमन सिंह पर अधिकारियों को धमकाने का आरोप लगाते हुए सियासी हमला बोल दिया है.

रायपुर: आइए जानते हैं उन अधिकारियों के बारे में जिनके फैसले ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को प्रशासन के खिलाफ बोलने पर मजबूर कर दिया है. उनके इस कदम से प्रदेश की सियासत में वर्तमान सीएम और पूर्व सीएम को आमने-सामने ला कर खड़ा कर दिया है. भाजपा द्वारा आयोजित किसान महापंचायत की जगह बदलने को लेकर शुरू हुए इस विवाद से सियासी पारा उफान पर है. राजनीतिक प्रदर्शन की जगह बदलने का फैसला जिला प्रशासन का है. ऐसे में जानते हैं कि रमन सिंह के गृह नगर में अपने फैसले से नाराज करने वाले कलेक्टर कौन हैं.

पढ़ें: अफसरों पर फिर बरसे रमन, कहा- कॉन्ट्रैक्ट पर आए अधिकारी मनमानी और करप्शन में लिप्त
रमेश कुमार शर्मा, कलेक्टर कबीरधाम
कुछ महीने पहले कबीरधाम जिला के कलेक्टर के तौर पर पद संभालने वाले रमेश कुमार शर्मा 2010 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वैसे तो वे मूल रूप से राज्य प्रशासनिक सेवा से हैं. 2010 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रमोट किया गया था. वे राजनांदगांव जिले के चिखली के रहने वाले हैं. रमेश कुमार शर्मा, रमन सरकार के समय आईएएस अधिकारी के तौर पर प्रमोट हुए थे. लेकिन लंबे समय से मंत्रालय में ही विभिन्न पदों पर अपनी सेवा दे रहे थे. कुछ महीने पहले कोविड-19 महामारी के दौरान ही भूपेश सरकार ने बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की थी. तब इन्हें अवनीश शरण की जगह पर कबीरधाम कलेक्टर नियुक्त किया गया था.

BJP and Congress Counter attack on decision of IAS and SDM in Chhattisgarh
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा

पढ़ें: बीजेपी को लोकतंत्र पर भरोसा नहीं, कांग्रेस सरकार गिराने का कर रहे षडयंत्र-सीएम बघेल

एसडीएम विनय कुमार सोनी का नाम चर्चा में

मामले में दूसरे अधिकारी का नाम जुड़ा है, वो एसडीएम विनय कुमार सोनी हैं. 2015 बैच के डिप्टी कलेक्टर हैं. वे बालोद जिले के डौंडी लोहारा के रहने वाले हैं. राज्य प्रशासनिक सेवा में आने से पहले वे शिक्षक रहे हैं. उनकी पहली पोस्टिंग धुर नक्सल प्रभावित जिला सुकमा में रही. करीब ढाई साल पहले उनका तबादला कबीरधाम जिले में किया गया था. यहां वे जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर रहे. इसके बाद उन्हें बोड़ला तहसील में अनुविभागीय अधिकारी बनाया गया. एक हफ्ते पहले ही उन्हें कवर्धा एसडीएम बनाया गया है.

BJP and Congress Counter attack on decision of IAS and SDM in Chhattisgarh
विनय कुमार सोनी

एसडीएम बनते ही सियासी दांव पेच में उछला नाम
कवर्धा में एसडीएम के पद पर ज्वाइन करते ही सियासी दांव पेच में उनका नाम आ गया है. भाजपा के किसान महापंचायत की जगह बदलने पर जहां पूर्व सीएम रमन बिफर पड़े और अधिकारियों को काम काज ठीक से करने की नसीहत दे दिए. वहीं सीएम भूपेश ने रमन सिंह पर अधिकारियों को धमकाने का आरोप लगाते हुए सियासी हमला बोल दिया है.

Last Updated : Dec 20, 2020, 6:50 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.