रायपुर/हैदराबाद: जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा छत्तीसगढ़ के संबंध में अनुसूचित जनजातियों की सूची में कुछ समुदायों को शामिल करने के लिए संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 आज राज्यसभा में पेश करेंगे. इससे पहले सितंबर 2022 को छत्तीसगढ़ के 12 जातीय समूह अनुसूचित जनजाति में शामिल किए गए थे.
सीएम ने चिट्ठी लिखकर उठाई थी मांग: सितंबर 2022 को केंद्रीय कैबिनेट ने इन समुदायों को अनुसूचित जनजाति यानी एसटी की सूची में शामिल करने के संशोधन विधेयक के प्रारूप के मंजूरी दी थी. इसकी मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर की थी.
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इन जनजातियों के लिए पिछली बार लाया गया था प्रस्ताव: केंद्र सरकार पिछली बार जिन 12 समुदायों को अनुसूचित जनजाति के लिए प्रस्तावित लाई थी, उनमें भरियाभूमिया (BhariaBhumia) के पर्याय के रूप में भूईंया (Bhuinya), भूईंया (Bhuiyan) और भूयां (Bhuyan) नाम के अंग्रेजी स्पेलिंग को बिना बदलाव किए भरिया (Bharia) का सुधार किया गया. वहीं पंडो, पण्डो, पन्डो और धनवार (Dhanwar) के पर्याय के रूप में धनुहार (Dhanuhar), धनुवार (Dhanuwar) को भी शामिल किया गया. गदबा (Gadba, Gadaba) और गोंड (Gond) के साथ गोंड़ को भी समाहित किया गया. वहीं कौंध (Kondh) के साथ कोंद (Kond) और कोडाकू (Kodaku) के साथ कोड़ाकू (Kodaku) शामिल हुए. नगेसिया (Nagesia), नगासिया (Nagasia) के पर्याय के रूप में किसान (Kisan) को और धनगढ़ (Dhangad) को बदले रूप धांगड़ (Dhangad) को भी अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिल जाएगा.
राज्यसभा में पेश होगा अनुसूचित जनजातियों से जुड़ा विधेयक: संसद के बजट सत्र में सोमवार को एक बार फिर से लोकसभा और राज्यसभा में हंगामे आसार हैं. अदाणी और चीन मामले पर विपक्षी दल केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे. विपक्ष अडानी मामले में लगातार जेपीसी (ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी) की मांग कर रहा है. दूसरी तरफ जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा छत्तीसगढ़ के संबंध में एक महत्वपूर्ण विधेयक राज्यसभा में पेश करेंगे, जो अनुसूचित जनजातियों की सूची में कुछ समुदायों को शामिल करने के लिए है.