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ये अविष्कार बना महिलाओं का हथियार, जोर का झटका देगी ये सैंडल

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Published : Oct 20, 2019, 8:03 PM IST

Updated : Oct 20, 2019, 8:16 PM IST

बिलासपुर के कक्षा 10वीं के छात्र ने महिला सुरक्षा को ध्यान में रखकर एक सैंडल बनाया हैं. जिसमें बहुत सी खूबियां है. विस्तार से पढ़कर जानें इस बाल वैज्ञानिक के दिलचस्प अविष्कार.

महिला सुरक्षा पर अविष्कार

रायपुर: कक्षा 10वीं के छात्र ने एक ऐसे सैंडल का अविष्कार किया है. जो महिला सुरक्षा को लेकर कारगार साबित होगा. दरअसल इस फुटवेयर में ऐसी डिवाइस फिट की गई है, जिससे इसे पहनने वाली महिला आसानी से किसी को भी बिजली के झटके दे सकती है. मुसीबत के वक्त अपनी रक्षा कर सकती.

बाल वैज्ञानिक का अविष्कार

GPS से ट्रैकिंग
यह तो इस खास सैंडल की सिर्फ एक खूबी है. आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि, इलेक्ट्रिक डिवाइस के साथ ही सेंडल में जीपीएस डिवाइस भी फिट है और इसकी वजह से आप मुसीबत के वक्त में अपनों तक संदेश भेज सकते हैं. इसी सैंडल से आपको हमेशा ट्रैक भी किया जा सकता है.

ज्यादा खर्च भी नहीं
इस शानदार गैजेट का अविष्कार करने वाले बाल वैज्ञानिक का नाम क्रिस्टीन एडविन हैं. जो बिलासपुर भारत माता स्कूल में 10वीं कक्षा का छात्र है. दिलचस्प बात यह है कि इस जूनियर साइंटिस्ट ने इस हाईटेक सैंडल को बनाने में महज एक हजार रुपये खर्च किए हैं.

पहल का इंतजार
अब सरकार को चाहिए कि इस जूनियर साइंटिस्ट को प्लेटफॉर्म मुहैया कराए, ताकि होनहार की कला को बाजार मिलने के साथ ही महिलाओं की सुरक्षा हो सके.

रायपुर: कक्षा 10वीं के छात्र ने एक ऐसे सैंडल का अविष्कार किया है. जो महिला सुरक्षा को लेकर कारगार साबित होगा. दरअसल इस फुटवेयर में ऐसी डिवाइस फिट की गई है, जिससे इसे पहनने वाली महिला आसानी से किसी को भी बिजली के झटके दे सकती है. मुसीबत के वक्त अपनी रक्षा कर सकती.

बाल वैज्ञानिक का अविष्कार

GPS से ट्रैकिंग
यह तो इस खास सैंडल की सिर्फ एक खूबी है. आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि, इलेक्ट्रिक डिवाइस के साथ ही सेंडल में जीपीएस डिवाइस भी फिट है और इसकी वजह से आप मुसीबत के वक्त में अपनों तक संदेश भेज सकते हैं. इसी सैंडल से आपको हमेशा ट्रैक भी किया जा सकता है.

ज्यादा खर्च भी नहीं
इस शानदार गैजेट का अविष्कार करने वाले बाल वैज्ञानिक का नाम क्रिस्टीन एडविन हैं. जो बिलासपुर भारत माता स्कूल में 10वीं कक्षा का छात्र है. दिलचस्प बात यह है कि इस जूनियर साइंटिस्ट ने इस हाईटेक सैंडल को बनाने में महज एक हजार रुपये खर्च किए हैं.

पहल का इंतजार
अब सरकार को चाहिए कि इस जूनियर साइंटिस्ट को प्लेटफॉर्म मुहैया कराए, ताकि होनहार की कला को बाजार मिलने के साथ ही महिलाओं की सुरक्षा हो सके.

Intro:रायपुर महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बेहद खास सैंडल तैयार की गई है सैंडल में ऐसी डिवाइस लगाई है जिससे अगर कोई महिला मुसीबत में हो या कोई नहीं छेड़ा रहा तो इस सैंडल के जरिए बिजली के झटके देकर महिला अपने आप को सुरक्षित कर सकती है


Body:इसके साथ ही सेंडल में जीपीएस डिवाइस भी फिट की गई है जो लोकेशन की जानकारी भी दे देगी यानि अकेले सफर के दौरान या फोन ऑफ हो जाने के दौरान सैंडल के जरिए महिलाओं और युवतियों के परिजनों को उनकी लोकेशन की जानकारी मिलती रहेगी

खास बात यह है कि इस डिवाइस को दसवीं के पढ़ने वाले स्टूडेंट क्रिस्टीन एडविन ने बनाया है महिलाओं के साथ हो रही छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए डिवाइस को तैयार किया है ।


Conclusion:यह सैंडल मात्र 400 की लागत से बन जाता है यदि इसमें जीपीएस लगाया जाए तो तकरीबन एक हजार की लागत से या सैंडल बनाया जा सकता है
Last Updated : Oct 20, 2019, 8:16 PM IST
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