बीजापुर/रायपुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में संचालित पोटाकेबिनों में मलेरिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. सोमवार को जिले के चिन्नाकोड़ेपाल में संचालित पोटाकेबिन में मलेरिया से छठवीं कक्षा के एक छात्र की मौत हो गई. जिसके बाद भाजपा नेता और पूर्व मंत्री महेश गागड़ा पोटाकेबिन का निरीक्षण करने पहुंचे थे. निरीक्षण के दौरान भारी अव्यवस्था देख महेश गागड़ा ने पोटकेबिन के अध्यक्ष पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होने जिला प्रशासन से मामले में कार्रवाई करने की मांग की है.
पोटाकेबिन में दिखी अव्यवस्था: पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा नेता महेश गागड़ा के निरीक्षण के दौरान काफी अव्यवस्था देखने को मिली. परिसर में साफ-सफाई बिल्कुल भी नहीं थी. वहां काफी गंदगी फैली हुई थी. शयनकक्ष में मच्छरदानी का भी अभाव था. महेश गागड़ा ने पोटाकेबिन के अध्यक्ष पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. उन्होंने जिला प्रशासन से पोटाकेबिन के अध्यक्ष के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की भी मांग की है. सोमवार को चिलनार निवासी बारह वर्षीय बबलू पुनेम की मौत मलेरिया से हुई थी.
"तबीयत बिगड़ने के बाद छात्र ने रात में अधीक्षक को उठाने का प्रयास किया था, लेकिन अधीक्षक ने नजरअंदाज किया. अगली सुबह जब तबियत बिगड़ी, तब जल्दबाजी में अस्पताल लाया गया और छात्र को परिजन को सौंपा गया." - महेश गागड़ा, पूर्व मंत्री और भाजपा नेता
पोटाकेबिन में स्वास्थ्य सुविधाओं का टोटा: महेश गागड़ा ने इसके पहले भी भैरमगढ़ के अलग-अलग आश्रमों का दौरा किया था. जिस दौरान उन्होंने आरोप लगाया था कि दवाई और इंजेक्शन समय पर आवश्यकता के अनुसार उपलब्ध नहीं हो रहा है. विभाग की ओर से मात्र एक इंजेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है. बाकी अधीक्षक द्वारा खरीदने की बात कही गई, लेकिन अधीक्षक नहीं खरीद रहे हैं. अंत में नुकसान आदिवासी छात्र छात्राओं को उठाना पड़ रहा है. यह घोर लापरवाही को दर्शाता है." गागड़ा ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को जिला मुख्यालय से बाहर निकलकर पोटाकेबिनों का दौरा करने और और समस्याओं पर ध्यान देने की बात कही है.
डॉक्टरों पर भी लापरवाही के आरोप: जानकारी के अनुसार, छात्र को जिला अस्पताल बीजापुर में इलाज हेतु दाखिल कराया गया था. लेकिन चिकित्सकों ने उसे एक ही दिन में डिस्चार्ज कर दिया. अस्पताल प्रशासन ने किस आधार पर एक ही दिन में छात्रों को अस्पताल से छुट्टी दे दी, यह बात अभी तक साफ नहीं हुई है.