रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में इस बार राजनीतिक दलों में मुद्दों की महाभारत देखने को मिल रही है. सभी पार्टियां अपने सियासी नफा नुकसान को लेकर चुनावी दंगल में कदम रख रहे हैं. सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी जहां अपनी तरफ से हर वादों को पूरा करने का दम भर रही है. तो वहीं मुद्दों के मैदान में बीजेपी अपने तरकश से नए नए तीर निकाल कर कांग्रेस और अन्य पार्टियों पर हमला कर रही है. आम आदमी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों पर निशाना साधते हुए. दिल्ली और पंजाब की तरह गवर्नेंस देने की बात कर रही है. जबकि जोगी कांग्रेस छत्तीसगढ़ के लोगों को हक देने का मुद्दा उछाल रही है. जेसीसीजे बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों पर भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रही है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में इन मुद्दों पर सियासत ने पकड़ी रफ्तार
- जाति जनगणना का मुद्दा: छत्तीसगढ़ चुनाव की जंग में सबसे पहले जो मुद्दा ज्यादा चर्चा में बना हुआ है. वह है जाति जनगणना का मुद्दा. बिहार में जाति जनगणना होने के बाद अब कांग्रेस ने इस मुद्दे पर खेलना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता इसे तुरुप के पत्ते की तरह इस्तेमाल कर रही है. कांग्रेस की टॉप लीडरशिप समेत सीएम बघेल और टीएस सिंहदेव बार बार यह दावा कर रहे हैं कि अगर सत्ता में दोबारा कांग्रेस की वापसी हुई तो इस बार वह जातिगत जनगणना करवाएंगे. जबकि बीजेपी कांग्रेस की नीयत पर सवाल खड़े कर रही है. बीजेपी का कहना है कि साल 2014 तक केंद्र की सत्ता में कांग्रेस काबिज रही. पांच साल 2018 से 2023 तक राज्य में कांग्रेस का शासन रहा तो जाति जनगणना क्यों नहीं ये लोग करवा पाए. अब चुनाव की घडी़ में अब फिर वोटरों को भटकाने के लिए यह इस तरह की बात कर रहे हैं.
- पीएससी स्कैम: दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा पीएससी स्कैम का है. जिस पर छत्तीसगढ़ की सियासत नाच रही है. बीजेपी कांग्रेस पर पीएससी स्कैम को लेकर हमला बोल रही है. जबकि कांग्रेस सरकार की तरफ से इस स्कैम का सबूत मांगा जा रहा है. अब इस मसले पर सीबीआई जांच की मांग भी विपक्ष की ओर से की जा रही है. चुनावी बिसात में यह मुद्दा सबसे बड़ा हॉट टॉपिक बनता जा रहा है.सीएम बघेल की तरफ से दावा किया जा रहा है कि बीजेपी सरकार में किसी तरह की कोई परीक्षा नहीं हुई. कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राज्य में पीएससी की परीक्षाएं हुईं. बीजेपी ने अपने शासनकाल में हुई पीएससी परीक्षाओं की जांच नहीं कराई है. जबकि उनके शासनकाल में हुई परीक्षाओं पर कोर्ट में केस चल रहे हैं. उच्च न्यायालय में इसके खिलाफ फैसले आए, लेकिन रमन सिंह ने इसकी जांच नहीं की. हमने पीएससी, व्यापम और अन्य परीक्षाएं करवाई है.
- घोटाला और ईडी जांच का मुद्दा: छत्तीसगढ़ के चुनावी समर में घोटाला और ईडी जांच का मुद्दा भी चरम पर है. एक तरफ बीजेपी कांग्रेस सरकार पर शराब घोटाला, कोयला लेवी घोटाला, डीएमएफ फंड में गड़बड़ी और गौठान घोटाले का आरोप लगा रही है. तो दूसरी तरफ कांग्रेस बीजेपी पर ईडी के बहाने कांग्रेस सरकार को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगा रही है. इस तरह राज्य में घोटाले और ईडी कार्रवाई को लेकर सियासत चरम पर जारी है.
- महादेव सट्टेबाजी स्कैम का मुद्दा: हाल के दिनों में छत्तीसगढ़ की सियासत में महादेव सट्टेबाजी स्कैम का मुद्दा छाया हुआ है. लगातार ईडी की कार्रवाई इसमें जारी है. बॉलीवुड फिल्म स्टार्स के साथ ही छत्तीसगढ़ के कई नामचीन हस्तियों के नाम इस स्कैम से जुड़ रहे हैं. दुर्ग से दुबई तक जांच का दायरा बढ़ा है. ईडी का ताबड़तोड़ एक्शन जारी है तो बीजेपी और कांग्रेस में इस मुद्दे पर जबरदस्त घमासान दिख रहा है. सीएम बघेल महादेव एप को बंद करने की मांग मोदी सरकार से कर रहे हैं. जबकि बीजेपी इस केस में आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है. बीजेपी महादेव सट्टेबाजी जैसे मामले में बघेल सरकार को घेर रही है.
- धान खरीदी का मुद्दा: अब जिस मुद्दे की बात हम करने जा रहे हैं. वह छत्तीसगढ़ की सियासत को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है. वो है धान खरीदी का मुद्दा. पीएम मोदी लगातार अपनी जनसभा में इस मुद्दे को उठा रहे हैं. पीएम मोदी दावा कर रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में हो रही धान खरीदी का भुगतान केंद्र सरकार कर रही है. जबकि उनके इस दावे को कांग्रेस सरकार नकार रही है. कांग्रेस का कहना है कि राज्य में धान खरीदी बघेल सरकार अपने बूते पर कर रही है.
- महिलाओं के खिलाफ अपराध और क्राइम का मुद्दा: राज्य में बीजेपी ने बघेल सरकार पर छत्तीसगढ़ को अपराधगढ़ बनाने का आरोप लगाया है. बीजेपी का आरोप है कि सरकार क्राइम रोकने में विफल रही है. लेकिन कांग्रेस की तरफ से कहा जा रहा है कि प्रदेश में बीजेपी शासनकाल की तुलना में कांग्रेस सरकार में अपराध का ग्राफ घटा है. कांग्रेस की तरफ से इस मामले में एनसीआरबी का आंकड़ा पेश किया जा रहा है. बीजेपी प्रदेश में हो रही रेप की घटनाओं को लेकर बघेल सरकार पर कानून व्यवस्था को सही से हैंडल नहीं करने का आरोप लगा रही है.
- महिला आरक्षण: बीजेपी हाल ही संसद से पारित नारि शक्ति वंदन बिल यानि की महिला आरक्षण विधेयक के पास होने की बात लोगों तक पहुंचा रही है. इसे बीजेपी सरकार के प्रयास की वजह से मुमकिन बता रही है. तो वहीं कांग्रेस महिला आरक्षण विधेयक पर उनकी पार्टी की तरफ से बीते सालों में की गई कोशिश का जिक्र कर रही है. महिला आरक्षण में जातिगत आरक्षण का कार्ड कांग्रेस खेल रही है.
- बेरोजगारी, गरीबी और आदिवासी विकास का मुद्दा: कांग्रेस बेरोजगारी के मामले में बीजेपी और मोदी सरकार को घेर रही है. वह बीते 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी होने की बात कह रही है. मोदी सरकार पर दो करोड़ रोजगार को लेकर भी हमला बोला जा रहा है. इस मसले पर बीजेपी की तरफ से बघेल सरकार पर राज्य में लोगों को नौकरी नहीं देने के आरोप लग रहे हैं. बीजेपी इस मुद्दे को भुनाते हुए इसके तर्क में यह कह रही है कि यहां बेरोजगार हैं तभी उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है.
- पीएम आवास योजना का मुद्दा: बीजेपी की तरफ से बघेल सरकार पर पीएम आवास योजना के घरों के लिए राज्यांश की राशि नहीं देने का आरोप लगाया जा रहा है. पीएम मोदी अपनी हर सभा में इस मुद्दे को उठा रहे हैं. जबकि कांग्रेस इसके लिए मोदी सरकार पर सर्वे नहीं कराने की बात कह रही है. जिसकी वजह से पीएम आवास योजना का पैसा जरूरतमंदों को नहीं मिलने की बात कही जा रही है.
- नक्सलवाद का मुद्दा: बीजेपी की तरफ से बघेल सरकार पर नक्सलवाद को लेकर कोई नीति नहीं होने का आरोप लगाया जा रहा है. बीजेपी लगातार यह दावा कर रही है कि प्रदेश में बीते पांच सालों में नक्सली वारदात में वृद्धि हुई है. बस्तर में टारगेट किलिंग का मुद्दा भी बीजेपी उठा रही है. जबकि बघेल सरकार इन आरोपों को झूठा करार दे रही है.
इसके अलावा शराबबंदी, कर्मचारियों की अनदेखी और ट्रेनों को रद्द करने जैसे मुद्दे छत्तीसगढ़ चुनाव में लगातार उभर रहे हैं. इन सब मुद्दों को राजनीतिक पार्टियों अपना अस्त्र बनाकर राजनीति कर रही है. दूसरी ओर आम आदमी पार्टी प्रदेश में बुनियादी इश्यू को उठाने का काम कर रही है. तो वहीं जेसीसीजे छत्तीसगढ़ियावाद की राजनीति पर बात कर रही है. ऐसे में देखना होगा कि इस मुद्दों की महाभारत का असर छत्तीसगढ़ चुनाव में किस पार्टी को जीत दिलाता है और किसे सत्ता से दूर रखता है.