रायपुर: छत्तीसगढ़ में मंगलवार को पहले चरण का मतदान है. इसे लेकर सभी राजनीतिक दलों में अपनी अपनी कमर कस ली है. पहले चरण में 20 सीटों पर मतदान होना है. इन 20 सीटों में कई सीट हाईप्रोफाइल है. तो कुछ किसी एक राजनीतिक दल का अभेद किला भी है. ऐसे में इन हाईप्रोफाइल सीटों पर मुकाबला जबरदस्त होने वाला है. आइए एक नजर डालते हैं छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान वाले हाईप्रोफाइल सीटों पर, जिन पर सबकी निगाहें टिकी होगी.
रमन सिंह का गढ़ राजनांदगांव: सबसे पहले बात करते हैं राजनांदगांव विधानसभा सीट की. ये सीट छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह का विधानसभा क्षेत्र है. इस सीट से लगातार रमन सिंह जीतते आए हैं. यही कारण है कि इस सीट से कांग्रेस ने भी इस बार दिग्गज चेहरे को मौका दिया है. कांग्रेस ने राजनांदगांव विधानसभा सीट से गिरीश देवांगन को टिकट दिया है. गिरीश देवांगन लगातार रमन सिंह को हराने का दावा कर रहे हैं. ऐसे में चुनाव परिणाम के दिन ही पता चलेगा कि कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश रमन के गढ़ में सेंध लगा पाते हैं, या फिर से राजनांदगांव की जनता रमन सिंह को ही जीताती है.
रमन सिंह के गृहजिले से अकबर उम्मीदवार: छत्तीसगढ़ का कवर्धा विधानसभा सीट भी हाईप्रोफाइल सीटों में एक हैं. इस सीट से बघेल कैबिनेट के मंत्री मोहम्मद अकबर विधायक हैं. कवर्धा विधानसभा सीट इसलिए भी हाईप्रोफाइल सीट मानी जाती है. क्योंकि यह विधानसभा पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का गृह जिला भी है. लेकिन पिछले पांच साल से रमन सिंह के सम्राज्य कवर्धा में मोहम्मद अकबर की बादशाहत रही है. मोहम्मद अकबर इस सीट के विधायक हैं. पिछले 4 बार से अकबर इस सीट से जीत हासिल करते आ रहे हैं. वहीं, इस सीट पर बीजेपी ने विजय शर्मा को टिकट दिया है. विजय शर्मा 2 बार जिला पंचायत सदस्य के साथ ही भाजपा प्रदेश महामंत्री रहे हैं. बीते दिनों कवर्धा में हुए संप्रदायिक दंगे में विजय शर्मा का नाम सबसे ऊपर रहा है. इसलिए भाजपा ने इस बार कवर्धा विधानसभा सीट में हिन्दू मुस्लिम कार्ड खेला है. यही कारण है कि इस सीट पर टक्कर जोरदार देखने को मिलेगी.
लता और मरकाम में कांटे की टक्कर: प्रदेश के हाईप्रोफाइल सीटों में कोंडागांव विधानसभा सीट भी एक है. इस सीट से बघेल कैबिनेट के मंत्री मोहन मरकाम विधायक हैं. वहीं बीजेपी से भी इस सीट पर दिग्गज नेता लता उसेंडी चुनावी मैदान में है. मोहन मरकाम से लगातार दो बार लता उसेंडी हारीत आई हैं. वहीं, साल 2018 के विधानसभा चुनाव में दोनों प्रत्याशियों के वोटों का अंतर काफी कम रहा. दरअसल, मोहन मरकाम चौथी बार तो लता पांचवी बार इस सीट से चुनाव लड़ रही हैं. दो बार साल 2003 और साल 2008 के विधानसभा चुनाव में लता को जीत मिली थी.वहीं, साल 2013 और साल 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. यह चौथी बार है जब मोहन मरकाम और लता उसेंडी आमने-सामने चुनावी रण होंगे. यही कारण है कि इस बार कोंडागांव की लड़ाई दिलचस्प होने वाली है.
कांग्रेस का अभेद किला कोंटा: छत्तीसगढ़ का कोंटा विधानसभा सीट भी हाईप्रोफाइल सीट है. इस सीट से छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा विधायक हैं. ये सीट इसलिए भी खास है, क्योंकि ये सीट कांग्रेस का अभेद किला है. इस सीट से लगातार 5 बार कवासी लखमा विधायक रहे हैं. इस बार भी कांग्रेस ने उन्हें कोंटा से ही टिकट दिया है. वहीं, बीजेपी ने इस सीट से नया चेहरे को जगह दी है. इस सीट से बीजेपी ने सोयम मुका को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में देखना होगा कि कांग्रेस के किले को बीजेपी का नया चेहरा भेद पाती है या फिर से कवासी लखमा ही यहां से जीत हासिल करेंगे.
चित्रकोट में जबरदस्त मुकाबला: चित्रकोट विधानसभा सीट भी छत्तीसगढ़ के हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है. यहां से पीसीसी चीफ दीपक बैज को कांग्रेस ने टिकट दिया है. दीपक बैज कांग्रेस के दिग्गज नेता होने के साथ ही कैबिनेट मंत्री भी है. वही, क्षेत्र में उनकी पकड़ भी अच्छी बताई जा रही है. इधर, बीजेपी ने विनायक गोयल को टिकट दिया है.
बीजापुर में भी टक्कर होगी कांटे की: छत्तीसगढ़ के हाई प्रोफाइल सीटों में बीजापुर विधानसभा सीट भी एक है. इस सीट से कांग्रेस ने विक्रम मंडावी को टिकट दिया है. वहीं, बीजेपी ने महेश गागड़ा पर भरोसा जताया है. विक्रम मंडावी इस सीट से विधायक हैं. महेश गागड़ा पहले इस सीट से विधायक रह चुके हैं. चोथी बार वो इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, तीसरी बार विक्रम मंडावी से उनका सामना हो रहा है . यही कारण है इस सीट की लड़ाई दिलचस्प होने वाली है.
अंतागढ़ में बागी अनूप नाग से हो सकता है कांग्रेस को नुकसान: बात अगर अंतागढ़ विधानसभा सीट की करें तो ये सीट भी हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है. इस विधानसभा में हमेशा बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर रही है. अंतागढ़ विधानसभा पहले नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़ता था. यह सीट एसटी वर्ग के लिए आरक्षित सीट है. अंतागढ़ विधानसभा भाजपा का गढ़ रहा है. लेकिन भाजपा के इस गढ़ में साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अनूप नाग ने जीत हासिल की थी. उन्होंने बीजेपी के विक्रम उसेंडी को हरा दिया था. इस सीट से कांग्रेस ने अनूप नाग का टिकट काट कर रूप सिंह पोटाई को टिकट दिया है. रूप सिंह कांग्रेस का नया चेहरा हैं. वहीं, बीजेपी ने एक बार फिर पुराने दिग्गज नेता विक्रम उसेंडी को ही चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं, क्षेत्र के विधायक अनूप नाग ने कांग्रेस से बगावत छेड़ दी है. वो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. यही कारण है कि इस सीट पर होने वाले मुकाबले पर हर किसी की नजर रहेगी.
दंतेवाड़ा में भी जबरदस्त टक्कर: दंतेवाड़ा विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ के हाईप्रोफाइल सीटों में एक है. यहां भी मुकाबला दिलचस्प होने वाला है क्योंकि कांग्रेस ने वर्तमान कांग्रेस विधायक देवती कर्मा का टिकट काटकर उनके बेटे छविन्द्र कर्मा को दंतेवाड़ा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. इधर, बीजेपी ने दंतेवाड़ा सीट से चैतराम अटामी को टिकट दिया है.यही कारण है कि इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा.
नारायणपुर में चंदन कश्यप और केदार कश्यप आमने सामने: नारायणपुर विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ के हाईप्रोफाइल सीटों में एक है. ये क्षेत्र नक्सल प्रभावित है. यहां से कांग्रेस ने सीटिंग एमएलए चंदन कश्यप को दोबारा चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं बीजेपी ने अपने दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री केदार कश्यप को नारायणपुर सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है.यही कारण है कि इस सीट पर इस बार का मुकाबला दिलचस्प होने वाला है.