रायपुर : अंतागढ़ टेप कांड मामले में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है. 2014 में अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी रहे मंतूराम पवार ने 164 का बयान दर्ज कराया है. न्यायालय में बयान दर्ज कराते हुए पवार ने कहा है कि उन्होंने दवाब में नाम वापस लिया था. पवार ने कहा कि 7.5 करोड़ रुपए की डील हुई थी. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी डील में शामिल हैं.
- उन्होंने पैसे के लेन-देन का भाजपा पर आरोप लगाया है.
- मंतूराम ने कहा है कि 7.5 करोड़ रुपए में पूरी डील हुई थी.
- मंतूराम ने डील तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत के बंगले पर होने की बात कही.
- वहीं मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और पूर्व विधायक अमित जोगी पर लगाया गंभीर आरोप लगाया है.
क्या है अंतागढ़ टेपकांड
- साल 2014 में अंतागढ़ के तत्कालीन विधायक विक्रम उसेंडी ने लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दिया था.
- उपचुनाव में कांग्रेस ने पूर्व विधायक मंतू राम पवार को प्रत्याशी बनाया था. भाजपा से भोजराम नाग खड़े हुए थे.
- नाम वापसी के अंतिम वक्त पर मंतूराम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था. इससे भाजपा को एक तरह का वॉकओवर मिल गया था.
- इसके बाद फिरोज सिद्दीकी नाम से एक व्यक्ति का फोन कॉल वायरल हुआ था.
- आरोप लगे थे कि तब कांग्रेस में रहे पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने मंतू की नाम वापसी कराई.
- टेपकांड में कथित रूप से अमित जोगी और तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता के बीच हुई बातचीत बताई गई थी.
- तत्कालीन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अंतागढ़ उप चुनाव के दौरान पैसे के लेनदेन का आरोप लगाया था.
- पूर्व मुख्यमंत्री जोगी और रमन सिंह ने इस मामले में शामिल होने से इंकार किया था. बाद में कांग्रेस ने अमित जोगी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
- जिसके बाद अजीत जोगी ने राज्य में नई राजनीति पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का गठन कर लिया था.
- 2015 में मंतूराम पवार भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे.