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भूपेश सरकार ने संविदा डॉक्टरों के वेतन में कटौती के आदेश दिए

छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने संविदा डॉक्टरों के वेतन में कटौती (cut salary of contract doctors) के आदेश दिए हैं. जिसके बाद से (bond based doctor) संविदा डॉक्टर सरकार के फैसले के प्रति नाराजगी जता रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर सेवा देने के बावजूद उनके वेतन में कटौती की जा रही है. सरकार का ये फैसला गलत है.

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डॉक्टरों के वेतन में कटौती
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Published : May 29, 2021, 4:06 PM IST

Updated : May 29, 2021, 4:16 PM IST

रायपुर: कोरोना महामारी के बीच प्रदेश सरकार और आम जनता की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ( chhattisgarh Government ) ने अनुबंध डॉक्टरों की सैलरी में कटौती (contract doctors salary cut ) करने का फैसला लिया है. फैसले को लेकर संविदा डॉक्टरों में नाराजगी है. संविदा डॉक्टरों का कहना है कि जब मेडिकल कॉलेज में सीट बढ़ाने या अन्य सुविधा दिखाने की बात आती है, तो हमें गिनती में शामिल किया जाता है. लेकिन जब वेतन देने की बात आती है तो इस तरह का रवैया अपनाया जा रहा है.

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संविदा डॉक्टरों के वेतन में कटौती के आदेश

इनाम के तौर पर वेतन कटौती?

कोरोना वार्ड में कठिन ड्यूटी दे रहे इन डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह का फैसला लिया जाना मानवीय नहीं है. उनका कहना है कि बिना छुट्टी लिए इतनी मुश्किल ड्यूटी करने के बावजूद उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है. जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाने के बदले इनाम के तौर पर हमारे वेतन में कटौती की जा रही है. (reduction in salary of doctors) डॉक्टरों ने इस आदेश को गलत बताया है. डॉक्टरों में इसे लेकर घोर निराशा है.

मेडिकल कॉलेज अस्पताल आने वाले मरीजों को प्राइवेट अस्पताल रेफर करने वाले डॉक्टर सावधान !

सरकार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें?

बता दें छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी (Shortage of doctors in hospitals) है. ऐसे में इन डॉक्टरों को नाराज करना सरकार को भारी भी पड़ सकता है. क्योंकि स्वास्थ्य सेवा प्रभावित होने पर इसका सीधा प्रभाव जनता पर पड़ेगा. अभी धीरे-धीरे कोरोना की दूसरी लहर से उबर रहे हैं. कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी भी करनी है. सरकार के इस फैसले को लेकर संविदा के तहत सेवा दे रहे डॉक्टर नाराज हैं. ऐसे में सरकार किस तरह बीच का रास्ता निकालती है. ये देखने वाली बात होगी.

रायपुर: कोरोना महामारी के बीच प्रदेश सरकार और आम जनता की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ( chhattisgarh Government ) ने अनुबंध डॉक्टरों की सैलरी में कटौती (contract doctors salary cut ) करने का फैसला लिया है. फैसले को लेकर संविदा डॉक्टरों में नाराजगी है. संविदा डॉक्टरों का कहना है कि जब मेडिकल कॉलेज में सीट बढ़ाने या अन्य सुविधा दिखाने की बात आती है, तो हमें गिनती में शामिल किया जाता है. लेकिन जब वेतन देने की बात आती है तो इस तरह का रवैया अपनाया जा रहा है.

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संविदा डॉक्टरों के वेतन में कटौती के आदेश

इनाम के तौर पर वेतन कटौती?

कोरोना वार्ड में कठिन ड्यूटी दे रहे इन डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह का फैसला लिया जाना मानवीय नहीं है. उनका कहना है कि बिना छुट्टी लिए इतनी मुश्किल ड्यूटी करने के बावजूद उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है. जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाने के बदले इनाम के तौर पर हमारे वेतन में कटौती की जा रही है. (reduction in salary of doctors) डॉक्टरों ने इस आदेश को गलत बताया है. डॉक्टरों में इसे लेकर घोर निराशा है.

मेडिकल कॉलेज अस्पताल आने वाले मरीजों को प्राइवेट अस्पताल रेफर करने वाले डॉक्टर सावधान !

सरकार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें?

बता दें छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी (Shortage of doctors in hospitals) है. ऐसे में इन डॉक्टरों को नाराज करना सरकार को भारी भी पड़ सकता है. क्योंकि स्वास्थ्य सेवा प्रभावित होने पर इसका सीधा प्रभाव जनता पर पड़ेगा. अभी धीरे-धीरे कोरोना की दूसरी लहर से उबर रहे हैं. कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी भी करनी है. सरकार के इस फैसले को लेकर संविदा के तहत सेवा दे रहे डॉक्टर नाराज हैं. ऐसे में सरकार किस तरह बीच का रास्ता निकालती है. ये देखने वाली बात होगी.

Last Updated : May 29, 2021, 4:16 PM IST
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