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Mata Kaushalya Mahotsav 2023 चंदखुरी में आज से कौशल्या महोत्सव, रामचरण हो सकते हैं शामिल - कौशल्या महोत्सव

Kaushalya Mahotsav 2023 चंदखुरी में आज से तीन दिवसीय माता कौशल्या महोत्सव की शुरुआत हो रही है. महोत्सव का शुभारंभ सीएम भूपेश बघेल करेंगे. शाम 7 बजकर 50 मिनट पर कौशल्या महोत्सव का शुभारंभ होगा. RRR एक्टर रामचरण तेजा भी कौशल्या महोत्सव में शामिल हो सकते हैं. बीते महीने सीएम भूपेश बघेल के सलाहकार गौरव द्विवेदी ने रामचरण तेजा को छत्तीसगढ़ आने का न्योता दिया था. Inauguration of Chandkhuri Mahotsav

Mata Kaushalya Mahotsav
माता कौशल्या महोत्सव
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Published : Apr 21, 2023, 7:43 AM IST

Updated : Apr 22, 2023, 7:42 AM IST

रायपुर: माता कौशल्या की जन्मभूमि चंदखुरी पूरे देश में प्रसिद्ध है. चंदखुरी की प्रसिद्धि के और प्रचार के लिए आज से तीन दिवसीय चंदखुरी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. 22 अप्रैल से 24 अप्रैल तक आरंग विधानसभा के चंदखुरी में कौशल्या महोत्सव शुरू होने जा रहा है. सीएम भूपेश बघेल आज शाम माता कौशल्या महोत्सव का उद्घाटन करेंगे. सीएम भूपेश ने विधानसभा में कौशल्या महोत्सव मनाने की घोषणा की थी.

Raipur latest news : एक्टर रामचरण तेजा को छत्तीसगढ़ आने का न्यौता

रामचरण को छत्तीसगढ़ आने का दिया था न्यौता : छत्तीसगढ़ सरकार के सलाहकार गौरव द्विवेदी मार्च के महीने में दिल्ली में एक्टर रामचरण तेजा से मिले थे. द्विवेदी ने रामचरण को छत्तीसगढ़ की पावन धरती पर आने का न्यौता दिया था. इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ में भगवान राम का ननिहाल होने की बात भी बताई थी. ये जानने के बाद रामचरण ने जल्द ही छत्तीसगढ़ आने की बात कही थी. ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि कौशल्या महोत्सव में रामचरण शामिल हो सकते हैं.

माता कौशल्या महोत्सव में खास: 22 अप्रैल को महोत्सव के पहले दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. शाम 5 बजे से शुरू होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में माधुरी महिला मानस मंडली गरियाबंद, पुष्पांजलि सिन्हा, राम की शक्ति पूजा वाराणसी व्योमेश शुक्ला, भक्तिमय गीत-संगीत भजन मुम्बई और कविता पौडवाल भक्ति गीतों से वातावरण को राममय बनाएंगे.

Akshaya Tritiya 2023 : अक्षय तृतीया में बदल जाएगी राशियों की किस्मत

कौशल्या की जन्मभूमि है चंदखुरी: रायपुर से लगे चंदखुरी को माता कौशल्या की जन्मभूमि माना जाता है. इस वजह से चंदखुरी भगवान राम के ननिहाल के रूप में प्रसिद्ध है. भगवान राम ने अपने बाल्यपन का काफी समय अपने ननिहाल में बिताया. इसी वजह को भगवान राम को छत्तीसगढ़ के लोग भाचा (भांजा) कहकर पुकारते हैं. ये भी दावा किया जाता है कि वनवास के 14 साल में से लगभग 10 साल प्रभु श्रीराम छत्तीसगढ़ के अलग-अलग स्थानों पर रहे.

क्या है चंदखुरी का इतिहास : माता कौशिल्या का यह मंदिर राजधानी रायपुर से लगभग 30 किलोमीटर दूर महानदी के तट पर बसा हुआ है. प्राचीन नगरी आरंग है. महाभारत काल में दानवीर मोरध्वज की राजधानी के रूप में विख्यात थी.रामायण काल में आरंग कौशल नरेश राजा भानुमंत की राजधानी हुआ करती थी. माता कौशल्या का यह मंदिर चारों ओर से तालाबों से घिरा हुआ है. इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि माता कौशल्या राम को अपनी गोद में लेकर बैठी हुई है.

रायपुर: माता कौशल्या की जन्मभूमि चंदखुरी पूरे देश में प्रसिद्ध है. चंदखुरी की प्रसिद्धि के और प्रचार के लिए आज से तीन दिवसीय चंदखुरी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. 22 अप्रैल से 24 अप्रैल तक आरंग विधानसभा के चंदखुरी में कौशल्या महोत्सव शुरू होने जा रहा है. सीएम भूपेश बघेल आज शाम माता कौशल्या महोत्सव का उद्घाटन करेंगे. सीएम भूपेश ने विधानसभा में कौशल्या महोत्सव मनाने की घोषणा की थी.

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रामचरण को छत्तीसगढ़ आने का दिया था न्यौता : छत्तीसगढ़ सरकार के सलाहकार गौरव द्विवेदी मार्च के महीने में दिल्ली में एक्टर रामचरण तेजा से मिले थे. द्विवेदी ने रामचरण को छत्तीसगढ़ की पावन धरती पर आने का न्यौता दिया था. इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ में भगवान राम का ननिहाल होने की बात भी बताई थी. ये जानने के बाद रामचरण ने जल्द ही छत्तीसगढ़ आने की बात कही थी. ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि कौशल्या महोत्सव में रामचरण शामिल हो सकते हैं.

माता कौशल्या महोत्सव में खास: 22 अप्रैल को महोत्सव के पहले दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. शाम 5 बजे से शुरू होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में माधुरी महिला मानस मंडली गरियाबंद, पुष्पांजलि सिन्हा, राम की शक्ति पूजा वाराणसी व्योमेश शुक्ला, भक्तिमय गीत-संगीत भजन मुम्बई और कविता पौडवाल भक्ति गीतों से वातावरण को राममय बनाएंगे.

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कौशल्या की जन्मभूमि है चंदखुरी: रायपुर से लगे चंदखुरी को माता कौशल्या की जन्मभूमि माना जाता है. इस वजह से चंदखुरी भगवान राम के ननिहाल के रूप में प्रसिद्ध है. भगवान राम ने अपने बाल्यपन का काफी समय अपने ननिहाल में बिताया. इसी वजह को भगवान राम को छत्तीसगढ़ के लोग भाचा (भांजा) कहकर पुकारते हैं. ये भी दावा किया जाता है कि वनवास के 14 साल में से लगभग 10 साल प्रभु श्रीराम छत्तीसगढ़ के अलग-अलग स्थानों पर रहे.

क्या है चंदखुरी का इतिहास : माता कौशिल्या का यह मंदिर राजधानी रायपुर से लगभग 30 किलोमीटर दूर महानदी के तट पर बसा हुआ है. प्राचीन नगरी आरंग है. महाभारत काल में दानवीर मोरध्वज की राजधानी के रूप में विख्यात थी.रामायण काल में आरंग कौशल नरेश राजा भानुमंत की राजधानी हुआ करती थी. माता कौशल्या का यह मंदिर चारों ओर से तालाबों से घिरा हुआ है. इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि माता कौशल्या राम को अपनी गोद में लेकर बैठी हुई है.

Last Updated : Apr 22, 2023, 7:42 AM IST
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