नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात (Bhupesh Baghel Meets Amit Shah ) की. इस मुलाकात में सीएम बघेल ने जीएसटी प्रणाली से राज्य पर पड़े असर को लेकर चर्चा की. सीएम बघेल ने बस्तर में संचार सुविधाओं के विस्तार और बस्तर में सीआरपीएफ की दो और बटालियन की तैनाती को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से विस्तृत चर्चा की. लगभग चालीस मिनट चली मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान सीएम ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री के सामने कई विषय रखे हैं.
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए सहायता राशि दोबारा शुरू करने की मांग: इनमें से मुख्य है सेंट्रल एक्साइज के तहत राज्य का 11 हजार करोड़ काट लिया जाना, जो कि केंद्र द्वारा पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती के बदले काटा गया है. भूपेश बघेल ने आगे कहा कि नक्सल प्रभावित राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ के कई जिलों को केंद्र से अतिरिक्त रकम दिये जाने का प्रावधान रहा है. लेकिन वर्ष 2021 से यह फंड केंद्र की तरफ से रुका हुआ है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से मिल कर इसे पुनः शुरू करने का आग्रह किया है.
छत्तीसगढ़ के 7 नक्सल प्रभावित जिलों के लिए यह सहायता राशि दी जा रही थी. जो अभी फिलहाल बंद है. इसे शुरू करने की मांग सीएम की तरफ से की गई है. केंद्रीय गृह मंत्री से अपनी मुलाकात को सकारात्मक बताते हुए बघेल ने कहा कि अमित शाह ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इन सभी विषयों पर वह जल्द अधिकारियों की एक बैठक बुलाएंगे और निर्णय करेंगे.
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प्री-फैब्रिकेटेड स्टील ब्रिज के लिए मिले अनुमति: भूपेश बघेल ने कहा कि हमने केंद्र से अनुरोध किया है कि केंद्र हमें प्री-फैब्रिकेटेड स्टील ब्रिज के लिए अनुमति दे. पिछली बैठक में हमें मौखिक अनुमति मिली थी, लेकिन सहमति अब तक नहीं दी गई है. जून में जीएसटी मुआवजा सिस्टम खत्म होने जा रहा है. इसका राज्यों पर बुरा असर पड़ेगा. इसे लेकर भी केंद्रीय मंत्री से बात की है.इस बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू और पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा भी शामिल रहे
बस्तर के विकास पर हुई चर्चा: सीएम ने कहा कि बस्तर अंचल में लौह अयस्क प्रचुरता से उपलब्ध है. यदि बस्तर में स्थापित होने वाले स्टील प्लांट्स को 30 प्रतिशत डिस्काउन्ट पर लौह अयस्क उपलब्ध कराया जाए, तो वहां सैकड़ों करोड़ का निवेश तथा हजारों की संख्या में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर निर्मित होंगे. उन्होंने कहा कि कठिन भौगोलिक क्षेत्रों के कारण बड़े भाग में अभी तक ग्रिड की बिजली नहीं पहुंच पाई है. सौर उर्जा संयंत्रों की बड़ी संख्या में स्थापना से ही आमजन की उर्जा आवश्यकता की पूर्ति तथा उनका आर्थिक विकास संभव है. मुख्यमंत्री ने वनांचलों में लघु वनोपज, वन औषधियां तथा अनेक प्रकार की उद्यानिकी फसलों के प्रसंस्करण एवं विक्रय की व्यवस्था के लिए कोल्ड चेन निर्मित करने के लिए अनुदान की मांग की है.