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National Tribal Dance Festival: नृत्य के महाकुंभ में मिटी सियासी दूरियां

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Published : Dec 29, 2019, 9:08 AM IST

छत्तीसगढ़ में तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव चल रहा है, जिसका रविवार आखिरी दिन है. कार्यक्रम के दूसरे दिन कई बड़े नेता मौजूद रहे. कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर नाचते नजर आए.

नेताओं ने किया नृत्य
नेताओं ने किया नृत्य

रायपुर: छत्तीसगढ़ में तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव चल रहा है. शनिवार कार्यक्रम का दूसरा दिन था. इस कार्यक्रम में जहां एक ओर देश-विदेश से आए आदिवासियों ने रंगारंग आकर्षक प्रस्तुतियां देकर अनेकता में एकता दिखाई है. वहीं इस कार्यक्रम में भाजपा और कांग्रेस की सियासी दूरियां भी मिटती नजर आई. कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर नाचते नजर आए.

नेताओं ने किया नृत्य

समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यपाल अनुसुइया ऊइके ने कहा कि आदिवासियों की संस्कृति बहुत वैभवशाली रही है. इस राष्ट्रीय महोत्सव में अनेकता में एकता की झलक देखने को मिली है. उन्होंने सीएम भूपेश को कार्यक्रम की बधाईयां भी दी. उन्होंने कहा कि जितने आंनद और उल्लास से आदिवासी समाज जीता है उतना कोई नहीं जीता.

उन्होंने कहा कि आज देश में जंगल बचा है तो उनकी वजह से है. जंगल, पेड़, पशु, पक्षी उनके कुलदेव होते हैं. राज्यपाल अनुसुइया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, केबिनेट मंत्री और अन्य अतिथियो ने थाईलैंड और बेलारूस के नृत्य दलों की प्रस्तुति के दौरान खुद को झूमने से नहीं रोक पाए. कार्यक्रम में मौजूद सभी नेताओं ने जशपुर के कलाकारों साथ मांदर की थाप पर कर्मा नृत्य भी किया.

इन राज्यों के कलाकारों ने किया प्रदर्शन
कार्यक्रम में थाईलैंड, श्रीलंका, मालदीव और बेलारूस के साथ ही बांग्लादेश के दल ने भी दर्शकों को अपने-अपने देश की संस्कृति एवं लोकनृत्य से रु-ब-रू कराया. वहीं देर रात तक त्रिपुरा, सिक्किम, मध्यप्रदेश और राजस्थान के साथ ही छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा, कोंडागांव और जशपुर के दलों ने विभिन्न आदिवासी नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया.
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रायपुर: छत्तीसगढ़ में तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव चल रहा है. शनिवार कार्यक्रम का दूसरा दिन था. इस कार्यक्रम में जहां एक ओर देश-विदेश से आए आदिवासियों ने रंगारंग आकर्षक प्रस्तुतियां देकर अनेकता में एकता दिखाई है. वहीं इस कार्यक्रम में भाजपा और कांग्रेस की सियासी दूरियां भी मिटती नजर आई. कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर नाचते नजर आए.

नेताओं ने किया नृत्य

समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यपाल अनुसुइया ऊइके ने कहा कि आदिवासियों की संस्कृति बहुत वैभवशाली रही है. इस राष्ट्रीय महोत्सव में अनेकता में एकता की झलक देखने को मिली है. उन्होंने सीएम भूपेश को कार्यक्रम की बधाईयां भी दी. उन्होंने कहा कि जितने आंनद और उल्लास से आदिवासी समाज जीता है उतना कोई नहीं जीता.

उन्होंने कहा कि आज देश में जंगल बचा है तो उनकी वजह से है. जंगल, पेड़, पशु, पक्षी उनके कुलदेव होते हैं. राज्यपाल अनुसुइया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, केबिनेट मंत्री और अन्य अतिथियो ने थाईलैंड और बेलारूस के नृत्य दलों की प्रस्तुति के दौरान खुद को झूमने से नहीं रोक पाए. कार्यक्रम में मौजूद सभी नेताओं ने जशपुर के कलाकारों साथ मांदर की थाप पर कर्मा नृत्य भी किया.

इन राज्यों के कलाकारों ने किया प्रदर्शन
कार्यक्रम में थाईलैंड, श्रीलंका, मालदीव और बेलारूस के साथ ही बांग्लादेश के दल ने भी दर्शकों को अपने-अपने देश की संस्कृति एवं लोकनृत्य से रु-ब-रू कराया. वहीं देर रात तक त्रिपुरा, सिक्किम, मध्यप्रदेश और राजस्थान के साथ ही छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा, कोंडागांव और जशपुर के दलों ने विभिन्न आदिवासी नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया.
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रायपुर. राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दूसरे दिन भी आज देर रात तक छत्तीसगढ़ सहित भारत के कई प्रदेशों और दूसरे देशों से आए आदिवासी नृत्य दलों ने रंगारंग आकर्षक प्रस्तुतियां दी। गीत, संगीत, नृत्य और रंगों के सम्मोहन में दर्शकों के साथ ही अतिथिगण भी देर रात तक बंधे रहे। ऊपर मंच पर कलाकारों के और नीचे अतिथियों व दर्शकों के पैर लगातार थिरकते रहे।

Body:आदिवासी महोत्सव में मंच पर पहुँचे नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने अपने भाषण की शुरुआत से ही राज्य सरकार को टारगेट किया। उन्होंने कहा कि गुंडाधुर और शहीद वीर नारायण को मैं नमन करता हूं। सारे समुदाय में गौरवशाली संस्कृति विराजमान है तो आदिवासी समाज मे है। प्रदेश में धान खरीदी को लेकर उन्होबे राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज आदिवासी समाज सड़को में उतरकर प्रदर्शन कर रहे है। सड़को पर धान बेचने के लिए प्रदर्शन ना करना पड़े, इसके लिए प्रयास करने की आवश्यकता है। वही सीएम भूपेश बघेल ने अपने अंदाज में कहा कि आदिवासी कहने मात्र से केवल एक नृत्य नही है पूरी दुनिया में जितनी संस्कृति है उसकी झलक देखने को मिल रही है। वही नेता प्रतिपक्ष को सीएम भूपेश बघेल ने जवाब देते हुए कहा कि इशारों इशारों में नगरीय निकाय चुनाव के नतीजों के बाद जनता ने आपको सारे सवालों का जवाब दे दिया है । आने वाले समय मे और जवाब मिलेगा
वही समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यपाल अनुसुईया ऊईके ने कहा कि आदिवासियों की संस्कृति बहुत वैभवशाली रही है। इस राष्ट्रीय महोत्सव में अनेकता में एकता की झलक देखने को मिली है। आयोजन के लिए सीएम भूपेश बघेल को शुभकामनाएं देती हूं। जितना आंनद और उल्लास से आदिवासी समाज जीता है उतना कोई नही। यही नही उन्होंने कहा कि आज देश मे जंगल बचा है तो उनकी वजह से है, वे जंगल पेड़ पशु पक्षी उनके कुलदेव होते है। राज्यपाल अनुसुईया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, केबिनेट मंत्री और अन्य अतिथियो ने थाईलैंड और बेलारूस के नृत्य दलों की प्रस्तुति के दौरान खुद को थिरकने से नहीं रोक पाए। वे काफी देर तक उनके साथ कदम मिलाते रहे। वे मांदर की थाप पर जशपुर के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत कर्मा नृत्य पर भी झूमे। आज शाम को थाईलैंड एवं बेलारूस के साथ ही बांग्लादेश के दल ने भी दर्शकों को अपने-अपने देश की संस्कृति एवं लोकनृत्य से रु-ब-रू कराया। आदिवासी रंगो से सराबोर महोत्सव के दूसरे दिन आज शाम से लेकर देर रात तक त्रिपुरा, सिक्किम, मध्यप्रदेश और राजस्थान के साथ ही छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा, कोंडागांव और जशपुर के दलों ने विभिन्न आदिवासी नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया। दूसरे दिन की प्रस्तुतियों का समापन रात 11 बजे जशपुर के उराव जनजाति के कलाकारों द्वारा पेश किए गए आकर्षक आदिवासी कर्मा नृत्य से हुआ।Conclusion:
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