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Bhai dooj 2022 कब मनाया जाएगा भाई दूज का त्योहार - religious importance significance of bhai dooj

Bhai dooj 2022 शास्त्रों के अनुसार यम द्वितीया यानी भाईदूज के दिन यमराज अपनी बहन के घर दोपहर के समय आए थे और बहन की पूजा स्वीकार करके उनके घर भोजन किया था. वरदान में यमराज ने यमुना को कहा था कि भाई दूज यानी यम द्वितीया के दिन जो भाई अपनी बहनों के घर आकर उनकी पूजा स्वीकार करेंगे और उनके घर भोजन करेंगे उन्हें अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा.तब दिवाली के दूसरे दिन भाईदूज की परंपरा शुरु हुई.bhai dooj History

Bhai dooj 2022
कब मनाया जाएगा भाई दूज का त्योहार
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Published : Oct 26, 2022, 12:53 AM IST

Updated : Oct 27, 2022, 3:42 PM IST

Bhai dooj 2022 इस बार 27 अक्टूबर को विशाखा नक्षत्र शोभन योग और राक्षस आनंद योग में वृश्चिक राशि के चंद्रमा में भाईदूज का पावन पर्व मनाया जाएगा. भाई दूज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भद्र योग मालव्य योग शश योग हंस योग जैसे प्रमुख योगों का निर्माण हो रहा है. आज के दिन नवीन वस्त्र धारण करने का भी दिन है.

कब मनाया जाएगा भाई दूज का त्योहार

भाईदूज का महत्व : यह त्यौहार भाद्रपद द्वितीया तिथि को मनाया जाएगा. आज के दिन को विश्वकर्मा पूजा चित्रगुप्त पूजन के रूप में भी मनाया जाता है. भाई दूज के दिन रक्षाबंधन की तरह बहनें अपने भाइयों की पूजा करती है आरती करती है, उन्हें तिलक करती है, और भाई अपनी बहनों को यथाशक्ति और यथा सामर्थ उपहार प्रदान करते हैं. religious importance significance of bhai dooj


भाईदूज की परंपरा : ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "भाई बहन के पवित्र प्रेम और स्नेह बंधन का यह पावन पर्व संपूर्ण भारत में मनाया जाता है. इस पर्व में भाई अपनी बहनों को नवीन वस्त्र नवीन आभूषण और द्रव्य आदि भेंट करते हैं. आज के दिन आरती करते समय यह ध्यान रखें कि भाई का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रहना चाहिए. इस दिन तिलक लगाने का विशेष महत्व है."



कैसे करें भाई दूज के दिन पूजा : बहनों के द्वारा रोली चंदन बंदन गोपी चंदन अष्ट चंदन रक्त चंदन आदि के द्वारा भाईयों का तिलक करने का विधान है. भाइयों की आरती की जाती है. दीपक के द्वारा भाइयों का पूजन किया जाता है, साथ ही रक्षा सूत्र आदि भी बांधे जाते हैं. इसके साथ ही इस पूजन में यह ध्यान रखें कि भाई एक योग्य आसन पर खड़े होकर इस पूजन को करवाएं. दीपावली के पांच दिवसीय त्यौहार का समापन भाई दूज के द्वारा होता है. यह पर्व अपने आप में अनेक सांस्कृतिक विरासत को लपेटे हुए रहता है.

Bhai dooj 2022 इस बार 27 अक्टूबर को विशाखा नक्षत्र शोभन योग और राक्षस आनंद योग में वृश्चिक राशि के चंद्रमा में भाईदूज का पावन पर्व मनाया जाएगा. भाई दूज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भद्र योग मालव्य योग शश योग हंस योग जैसे प्रमुख योगों का निर्माण हो रहा है. आज के दिन नवीन वस्त्र धारण करने का भी दिन है.

कब मनाया जाएगा भाई दूज का त्योहार

भाईदूज का महत्व : यह त्यौहार भाद्रपद द्वितीया तिथि को मनाया जाएगा. आज के दिन को विश्वकर्मा पूजा चित्रगुप्त पूजन के रूप में भी मनाया जाता है. भाई दूज के दिन रक्षाबंधन की तरह बहनें अपने भाइयों की पूजा करती है आरती करती है, उन्हें तिलक करती है, और भाई अपनी बहनों को यथाशक्ति और यथा सामर्थ उपहार प्रदान करते हैं. religious importance significance of bhai dooj


भाईदूज की परंपरा : ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "भाई बहन के पवित्र प्रेम और स्नेह बंधन का यह पावन पर्व संपूर्ण भारत में मनाया जाता है. इस पर्व में भाई अपनी बहनों को नवीन वस्त्र नवीन आभूषण और द्रव्य आदि भेंट करते हैं. आज के दिन आरती करते समय यह ध्यान रखें कि भाई का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रहना चाहिए. इस दिन तिलक लगाने का विशेष महत्व है."



कैसे करें भाई दूज के दिन पूजा : बहनों के द्वारा रोली चंदन बंदन गोपी चंदन अष्ट चंदन रक्त चंदन आदि के द्वारा भाईयों का तिलक करने का विधान है. भाइयों की आरती की जाती है. दीपक के द्वारा भाइयों का पूजन किया जाता है, साथ ही रक्षा सूत्र आदि भी बांधे जाते हैं. इसके साथ ही इस पूजन में यह ध्यान रखें कि भाई एक योग्य आसन पर खड़े होकर इस पूजन को करवाएं. दीपावली के पांच दिवसीय त्यौहार का समापन भाई दूज के द्वारा होता है. यह पर्व अपने आप में अनेक सांस्कृतिक विरासत को लपेटे हुए रहता है.

Last Updated : Oct 27, 2022, 3:42 PM IST
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