ETV Bharat / state

कल्कि जयंती 2022: जानिये भगवान कल्कि से जुड़ी मान्यताएं और महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल कल्कि जयंती 3 अगस्त को (kalki jayanti 2022) है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का 10वां अवतार (lord vishnu) माना जाता है, जो अभी तक नहीं लिया गया है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु कल्कि के रूप में दसवां और आखिरी अवतार लेंगे. कल्कि जयंती के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से विशेष कृपा (significance of kalki jayant) बनी रहती है.

kalki jayanti 2022
कल्कि जयंती 2022 भगवान कल्कि से जुड़ी मान्यताऐं और महत्व
author img

By

Published : Aug 1, 2022, 4:40 PM IST

रायपुर: हिंदू धर्म में हर साल श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को कल्कि जयंती मनाई जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल कल्कि जयंती 3 अगस्त को मनाई (kalki jayanti 2022) जाएगी. कल्कि जयंती के दिन भगवान विष्णु की मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना (lord vishnu) की जाती है. यह दिन भगवान विष्णु के भक्तों के लिए अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण दिन (significance of kalki jayant) होता है.

क्या है मान्यता: हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, भगवान 'श्रीहरि विष्णु' भविष्य में जिस तारीख को कल्कि के रूप में अपना 10वां व आखरी अवतार (kalki jayanti 2022) लेंगे. उसी तिथि को हिंदू धर्म में कल्कि जयंती के रूप में हर साल मनाया (significance of kalki jayant) जाता है. इस दिन भगवान विष्णु का व्रत रखना शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के मंत्र, विष्णु चालीसा आदि का पाठ करना शुभ (kalki pooja vrat) होता है.

जानिए, क्या है 'कल्कि जयंती' का महत्व: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कलयुग में बढ़ते अत्याचार को खत्म करने के लिए भगवान विष्णु एक बार फिर धरती पर जन्म लेंगे. ऐसा माना जाता है कि कल्कि अवतार में भगवान विष्णु का जन्म सावन माह के षष्ठी के दिन होगा. कल्कि अवतार ब्रह्मांड के वर्तमान चक्र को अंत की ओर ले जाएंगे और फिर नए युग की शुरुआत (significance of kalki jayant)होगी. भगवान विष्णु के इसी अवतार के बाद कलयुग (lord vishnu) का अंत हो जायेगा.

यह भी पढ़ें: भगवान विष्णु का दसवां अवतार: कल्कि अवतार से पहले ही बना मंदिर, मान्यता- कलयुग में करेंगे दुष्टों का संहार

कब और कहां जन्म लेंगे 'कल्कि' भगवान: विष्णु पुराण के अनुसार, भगवान कल्कि का जन्म उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के पास स्थित संभल गांव में (kalki jayanti 2022) होगा. इनके भाई भी देवताओं के ही अवतार होंगे, जो फिर से धर्म की स्थापना करेंगे. इनके पिता भी भगवान विष्णु के परम भक्त होंगे. जिन्हों वेदों और पुराण को संपूर्ण ज्ञान (significance of kalki jayant) होगा. उनके पिता का नाम विष्णुयश होगा और माता का नाम सुमति होगा.

कैसा होगा भगवान विष्णु का यह अवतार: मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु का ये अवतार 64 कलाओं में निपुण (lord vishnu) होगा. जब कलयुग अपने चरम पर होगा और लोगों के दिल में केवल पाप फैला होगा, तब भगवान कल्कि उनके हदृय में भक्ति भाव जगाएंगे. इनका बात मानकर ही लोग धर्म पालन का मार्ग फिर अपनाएंगे. श्रीमद्भागवत में भी इस बारे में बताया गया है कि भगवान विष्णु का ये आखिरी अवतार (kalki jayanti 2022) होगा. श्रीमद्भागवत के 12वें अध्याय में भगवान कल्कि की विस्तार से कथा दी गई है.

रायपुर: हिंदू धर्म में हर साल श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को कल्कि जयंती मनाई जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल कल्कि जयंती 3 अगस्त को मनाई (kalki jayanti 2022) जाएगी. कल्कि जयंती के दिन भगवान विष्णु की मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना (lord vishnu) की जाती है. यह दिन भगवान विष्णु के भक्तों के लिए अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण दिन (significance of kalki jayant) होता है.

क्या है मान्यता: हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, भगवान 'श्रीहरि विष्णु' भविष्य में जिस तारीख को कल्कि के रूप में अपना 10वां व आखरी अवतार (kalki jayanti 2022) लेंगे. उसी तिथि को हिंदू धर्म में कल्कि जयंती के रूप में हर साल मनाया (significance of kalki jayant) जाता है. इस दिन भगवान विष्णु का व्रत रखना शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के मंत्र, विष्णु चालीसा आदि का पाठ करना शुभ (kalki pooja vrat) होता है.

जानिए, क्या है 'कल्कि जयंती' का महत्व: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कलयुग में बढ़ते अत्याचार को खत्म करने के लिए भगवान विष्णु एक बार फिर धरती पर जन्म लेंगे. ऐसा माना जाता है कि कल्कि अवतार में भगवान विष्णु का जन्म सावन माह के षष्ठी के दिन होगा. कल्कि अवतार ब्रह्मांड के वर्तमान चक्र को अंत की ओर ले जाएंगे और फिर नए युग की शुरुआत (significance of kalki jayant)होगी. भगवान विष्णु के इसी अवतार के बाद कलयुग (lord vishnu) का अंत हो जायेगा.

यह भी पढ़ें: भगवान विष्णु का दसवां अवतार: कल्कि अवतार से पहले ही बना मंदिर, मान्यता- कलयुग में करेंगे दुष्टों का संहार

कब और कहां जन्म लेंगे 'कल्कि' भगवान: विष्णु पुराण के अनुसार, भगवान कल्कि का जन्म उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के पास स्थित संभल गांव में (kalki jayanti 2022) होगा. इनके भाई भी देवताओं के ही अवतार होंगे, जो फिर से धर्म की स्थापना करेंगे. इनके पिता भी भगवान विष्णु के परम भक्त होंगे. जिन्हों वेदों और पुराण को संपूर्ण ज्ञान (significance of kalki jayant) होगा. उनके पिता का नाम विष्णुयश होगा और माता का नाम सुमति होगा.

कैसा होगा भगवान विष्णु का यह अवतार: मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु का ये अवतार 64 कलाओं में निपुण (lord vishnu) होगा. जब कलयुग अपने चरम पर होगा और लोगों के दिल में केवल पाप फैला होगा, तब भगवान कल्कि उनके हदृय में भक्ति भाव जगाएंगे. इनका बात मानकर ही लोग धर्म पालन का मार्ग फिर अपनाएंगे. श्रीमद्भागवत में भी इस बारे में बताया गया है कि भगवान विष्णु का ये आखिरी अवतार (kalki jayanti 2022) होगा. श्रीमद्भागवत के 12वें अध्याय में भगवान कल्कि की विस्तार से कथा दी गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.