रायपुर: छत्तीसगढ़ में साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. खास तौर पर ऐसे कई सारे एप्लीकेशन है जो धोखाधड़ी के लिए बनाए जाते हैं. लोग उसे इंस्टॉल कर आसानी से धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं. प्ले-स्टोर पर ऐसे कई सारे डेटिंग एप्लीकेशन हैं जिसे आज के युवा एक दूसरे से बात करने और मिलने के लिए इस्तेमाल करते हैं.
साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि डेटिंग के बहुत सारे एप्लीकेशन हैं. कुछ फेसबुक के साथ जुड़े हैं, कुछ अलग से एप्लीकेशन बने हैं. जैसे "टिंडर और हैपन" कई ऐसे युवा हैं जो यूट्यूब में फ्रेंडशिप एप्लीकेशन देखकर उसे डाउनलोड कर लेते है. किसी भी एप्लीकेशन में युवा अकाउंट बनाएं उसमें कोई गलत नहीं है, लेकिन फ्रेंडशिप एप्लीकेशन में कई तरह के लोगों के पर्सनल डिटेल मांगे जाते हैं. आप कम से कम पर्सनल डाटा उसमें शेयर करें. कम से कम चीजें पोस्ट करें. जो साइबर स्टोकर होता है वह आपको स्टॉक करता है और आप की पूरी डिटेल लेकर उसे किसी भी पर्पस के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे सावधान रहें.
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दोस्तों के कॉन्टैक्ट में रहें
साइबर वर्ल्ड में जो डेटिंग एप्लीकेशन है इसमें कई एप्लीकेशन ऐसे होते हैं जो अन नोन पर्सन से आपको मिलाते हैं. कई एप्लीकेशन ऐसे होते हैं जो नोन पर्सन से आपको मिलाते हैं. जैसे फेसबुक है उसमें आप जिसको जानते हैं उन्हें ही फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं, या उन्हीं का फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करते हैं. टिंडर और हैपन जैसे एप्लीकेशन के जरिए अगर आप किसी को मिलते हैं तो यह जरूर ध्यान रखें कि आप अपने दोस्तों से कॉन्टैक्ट में रहें. उनको बताते रहे. क्योंकि कल अगर उसके साथ फ्रॉड हुआ या उसके साथ कुछ घटना हुई तो यह उसके लिए भी मुसीबत होगी और पुलिस के लिए भी.
अभिभावकों से अपील
पहले इंटरनेट नहीं होने की वजह से पेरेंट्स बच्चों पर आसानी से ध्यान रख लेते थे. लेकिन अब बच्चे इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो अब पैरंट्स को भी अपडेट होना चाहिए. ऑनलाइन में बच्चे क्या देख रहे हैं. यह ध्यान रखना चाहिए. ताकि बच्चे भी पेरेंट्स के साथ फ्रैंक हो जाए और उनके दोस्त कौन है इसके बारे में जान सकें. उन पर दबाव न डालें बस उनकी मॉनिटरिंग करते रहें, कि उनके दोस्त कौन हैं और वह ठीक हैं या नहीं.