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प्रसिद्ध संत बर्फानी बाबा ने त्यागी देह, आज मेहंदीपुर बालाजी में दिलाई जाएगी समाधि - Mehndipur Balaji indore

मशहूर बर्फानी बाबा ने बुधवार देर रात अपनी देह त्याग दी. अब शुक्रवार को मेहंदीपुर बालाजी स्थित आश्रम में उन्हें समाधि दी जाएगी.

The famous saint Barfani Baba will be given samadhi today
प्रसिद्ध संत बर्फानी बाबा ने त्यागी देह
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Published : Dec 25, 2020, 10:03 AM IST

इंदौर। बर्फानी बाबा महाराज बुधवार देर रात अहमदाबाद में ब्रह्मलीन हो गए. गुरुवार को उनकी पार्थिव देह मेहंदीपुर बालाजी स्थित आश्रम में लाई गई. यहां शुक्रवार को आश्रम में उनको समाधि दी जाएगी. बर्फानी बाबा के अंतिम दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त आश्रम पहुंचे हैं. इंदौर से भी सैकड़ों की संख्या में भक्त बाबा के दर्शन के लिए रवाना हुए हैं. भक्तों का दावा है कि कुछ दिन पहले ही बाबा ने अपना समाधि स्थल मेहंदीपुर बालाजी में बनाने के लिए कहा था. यहां उनका आश्रम भी है. बाबा का एक आश्रम इंदौर में भी है, जो बर्फानीधाम के नाम से प्रसिद्ध है.

The famous saint Barfani Baba will be given samadhi today
बर्फानी बाबा

'बर्फानी बाबा की उम्र सैकड़ों साल'

बर्फानी बाबा की उम्र को लेकर उनके भक्तों का दावा रहा है कि उनकी आयु सैकड़ों साल हैं. बाबा बर्फानी की प्रेरणा से इंदौर के मालवीय नगर में भी बर्फानी धाम की स्थापना की गई है. जहां प्रतिवर्ष शरद पूर्णिमा पर हजारों अस्थमा रोगियों को औषधियुक्त खीर का वितरण किया जाता है. ये दवाई मुफ्त बांटी जाती है. इस आश्रम की व्यवस्था महामंडलेश्वर भरतदास बर्फानी के जिम्मे है.

The famous saint Barfani Baba will be given samadhi today
बर्फानी बाबा

यूपी में जन्म लिया अमरकंटक में तप किया

बाबा बर्फानी ने हिमालय के मानसरोवर में तप किया है. उनके शिष्यों के मुताबिक, बाबा का मूल नाम लाल बिहारी दास है. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के डोडिया खेड़ा गांव में हुआ था. तप और साधना में रुचि होने होने के चलते उन्होंने अपना घर छोड़ दिया. हिमालय में जाकर जटिल साधना की. बाबा ने अमरकंटक में भी तपस्या की थी.

saint Barfani Baba with the disciples
शिष्यों के साथ बर्फानी बाबा

आश्रम की शुरुआत अमरकंटक से हुई

इंदौर के बर्फानीधाम आश्रम के बारे में कहा जाता है कि यहां पर जो राज राजेश्वरी महात्रिपुर सुंदरी का मंदिर है, उसमें विराजीं माता के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है. मंदिर की प्रतिमा बांसवाड़ा में विराजित प्रतिमा के जैसी ही है, क्योंकि बांसवाड़ा के ही कारीगर से इसे बनवाया गया था. मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा 1996 में हुई थी. यहां पर पारे के भोलेनाथ हैं. पारेश्वर महादेव के दर्शन मात्र से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. आश्रम की शुरुआत अमरकंटक से हुई थी. इसके बाद राजनांदगांव, इंदौर, विशाखापट्टनम सहित देश के कई राज्यों में बाबा के आश्रम हैं.

Barfani Baba
बर्फानी बाबा

इंदौर। बर्फानी बाबा महाराज बुधवार देर रात अहमदाबाद में ब्रह्मलीन हो गए. गुरुवार को उनकी पार्थिव देह मेहंदीपुर बालाजी स्थित आश्रम में लाई गई. यहां शुक्रवार को आश्रम में उनको समाधि दी जाएगी. बर्फानी बाबा के अंतिम दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त आश्रम पहुंचे हैं. इंदौर से भी सैकड़ों की संख्या में भक्त बाबा के दर्शन के लिए रवाना हुए हैं. भक्तों का दावा है कि कुछ दिन पहले ही बाबा ने अपना समाधि स्थल मेहंदीपुर बालाजी में बनाने के लिए कहा था. यहां उनका आश्रम भी है. बाबा का एक आश्रम इंदौर में भी है, जो बर्फानीधाम के नाम से प्रसिद्ध है.

The famous saint Barfani Baba will be given samadhi today
बर्फानी बाबा

'बर्फानी बाबा की उम्र सैकड़ों साल'

बर्फानी बाबा की उम्र को लेकर उनके भक्तों का दावा रहा है कि उनकी आयु सैकड़ों साल हैं. बाबा बर्फानी की प्रेरणा से इंदौर के मालवीय नगर में भी बर्फानी धाम की स्थापना की गई है. जहां प्रतिवर्ष शरद पूर्णिमा पर हजारों अस्थमा रोगियों को औषधियुक्त खीर का वितरण किया जाता है. ये दवाई मुफ्त बांटी जाती है. इस आश्रम की व्यवस्था महामंडलेश्वर भरतदास बर्फानी के जिम्मे है.

The famous saint Barfani Baba will be given samadhi today
बर्फानी बाबा

यूपी में जन्म लिया अमरकंटक में तप किया

बाबा बर्फानी ने हिमालय के मानसरोवर में तप किया है. उनके शिष्यों के मुताबिक, बाबा का मूल नाम लाल बिहारी दास है. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के डोडिया खेड़ा गांव में हुआ था. तप और साधना में रुचि होने होने के चलते उन्होंने अपना घर छोड़ दिया. हिमालय में जाकर जटिल साधना की. बाबा ने अमरकंटक में भी तपस्या की थी.

saint Barfani Baba with the disciples
शिष्यों के साथ बर्फानी बाबा

आश्रम की शुरुआत अमरकंटक से हुई

इंदौर के बर्फानीधाम आश्रम के बारे में कहा जाता है कि यहां पर जो राज राजेश्वरी महात्रिपुर सुंदरी का मंदिर है, उसमें विराजीं माता के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है. मंदिर की प्रतिमा बांसवाड़ा में विराजित प्रतिमा के जैसी ही है, क्योंकि बांसवाड़ा के ही कारीगर से इसे बनवाया गया था. मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा 1996 में हुई थी. यहां पर पारे के भोलेनाथ हैं. पारेश्वर महादेव के दर्शन मात्र से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. आश्रम की शुरुआत अमरकंटक से हुई थी. इसके बाद राजनांदगांव, इंदौर, विशाखापट्टनम सहित देश के कई राज्यों में बाबा के आश्रम हैं.

Barfani Baba
बर्फानी बाबा
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