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पीएम मोदी के प्लास्टिक बैन फॉर्मुले से पहले ही छत्तीसगढ़ ने कर दिया था शंखनाद

देश के मुखिया नरेंद्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को प्लास्टिकमुक्त बनाने के संकेत दिए थे और लोगों से पॉलीथिन को बैन करने के लिए अपील की है. इस मामले में छत्तीसगढ सरकार ने 14 जून को एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें खाने-पीने की चीजें, जैसे- कप, प्लेट, गिलास, विज्ञापन के लिए फ्लेक्स, बैनर, फोम और होर्डिंग्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

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Published : Aug 20, 2019, 5:34 PM IST

Updated : Aug 20, 2019, 5:41 PM IST

रायपुर: आपके लिए भले ही कैरी बैग या प्लास्टिक के थैले के बिना शापिंग करना आसान न हो. भले ही आप इसके बगैर मार्केटिंग करने के लिए तैयार न हों. इतना ही नहीं घर से बाजार जाने के लिए झोला या बैग नहीं ले जाना पसंद करते हों, पर क्या आपने सोचा है. आपकी यही आदत देश के पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रही है.

पीएम मोदी के प्लास्टिक बैन फॉर्मूले से पहले ही छत्तीसगढ़ ने कर दिया था शंखनाद

बहरहाल, देर सबेर देश के मुखिया नरेंद्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस पर इसे लेकर जंग छेड़ दी है. लोगों से पॉलीथिन को बैन करने के लिए अपील की है. हालांकि पीएम मोदी के इस जंग से बहुत पहले ही छत्तीसगढ़ ने प्लास्टिक के विरोध में शंखनाद कर दिया था.

पर्यावरण के लिए जहर है प्लास्टिक

बता दें कि हर साल भारत में करोड़ों की संख्या में प्लास्टिक का प्रयोग होता है, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का सबसे बड़ा कारण है. प्लास्टिक के उपयोग से न केवल पर्यावरण नष्ट हो रहा है बल्कि जीव-जंतु के लिए भी ये मुसीबत बनते जा रहा है. प्लास्टिक को हराने के लिए प्रधानमंत्री ने एक नई पहल की शुरुआत कर दी है.

पीएम मोदी ने भी की थी अपील

मोदी ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को आगे बढ़ाते हुए 15 अगस्त को लाल किले से देश को प्लास्टिकमुक्त बनाने के संकेत दिए थे. उन्होंने कहा था कि 2 अक्टूबर गांधी जयंती से देश के नागरिक प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग पूरी तरह बंद करके जूट व कपड़े के थैलों का प्रयोग करें. इसके साथ ही व्यवसायी से भी अपील की है कि प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग पूरी तरह से बैन करें.

प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन
पर्यावरण को बचाने की इस जंग में छत्तीसगढ़ सरकार अपना कदम पहले ही आगे बढ़ा चुकी हैं और प्रदेश में प्लास्टिक उत्पादन पर शत-प्रतिशत बैन लागू किया जा चुका है. इस मामले में छत्तीसगढ सरकार ने 14 जून को एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें खाने-पीने की चीजें, जैसे- कप, प्लेट, गिलास, विज्ञापन के लिए फ्लेक्स, बैनर, फोम और होर्डिंग्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. राज्य में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी, लेकिन अब इसके निर्माण पर भी पूरी तरह से रोक लग चुका है. इसके बावजूद मार्केट में प्लास्टिक का उपयोग बंद नहीं हो रहा है.

संसद में उठाया गया था प्लास्टिक मुक्त भारत का मुद्दा
मोदी के ऐलान के बाद मामले में सियासत भी शुरू हो चुकी है. प्लास्टिकमुक्त भारत का मुद्दा कुछ दिन पहले ही संसद में उठाया गया था. 16 जुलाई को रायपुर के भाजपा सांसद सुनील सोनी ने लोकसभा में ये सुझाव दिया था. मोदी ke मन में यह विचार रायपुर के सांसद सुनील सोनी के सदन में कही गई बातों से आया है. प्लास्टिक पर प्रतिबंध की मुहिम जब शुरू होगी, तो छत्तीसगढ़ के सांसद के भाषण का ज़िक्र आने से पहले छत्तीसगढ़ में अब किए गए प्रयासों का ज़िक्र भी होगा.

अजीत जोगी ने की मोदी सरकार की तारीफ
छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने भी छत्तीसगढ़ में प्लास्टिक बेन को लेकर आदेश जारी किए थे पर वह सफल नहीं हो पाया था. छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ सुप्रीमो अजीत जोगी मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा है कि प्लास्टिक बेन करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति का होना जरूरी है. मोदी जी में कुछ भी करने की प्रबल इच्छाशक्ति है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत में घर-घर शौचालय बनाने जैसी योजना उनकी इच्छाशक्ति का ही परिणाम है तो वहीं कांग्रेस प्रवक्ता किरणमयी नायक जोगी को आड़े हाथों लिया है.

हाल ही में WHO की प्लास्टिक के घातक परिणाम को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें प्लास्टिक से होने वाले बड़े नुकसानों के बारे में बताया गया था. साथ ही इसके पर्यावरण पर पड़ रहे दुष्प्रभाव भी बताए गए थे, जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया था. सरकार ने सरकारी आयोजन, कार्यालय, स्थल, सार्वजनिक कैटरिंग में भी प्लास्टिक या फोम की सामाग्री के इस्तेमाल पर रोक लगाई है. लेकिन आम जनता के बीच अभी भी यह प्रतिबंध लागू नहीं हो पाया है. अब बस इंतज़ार नतीजे का है, जब प्लास्टिक पूरी तरह उपयोग से बाहर हो जाएगी.

रायपुर: आपके लिए भले ही कैरी बैग या प्लास्टिक के थैले के बिना शापिंग करना आसान न हो. भले ही आप इसके बगैर मार्केटिंग करने के लिए तैयार न हों. इतना ही नहीं घर से बाजार जाने के लिए झोला या बैग नहीं ले जाना पसंद करते हों, पर क्या आपने सोचा है. आपकी यही आदत देश के पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रही है.

पीएम मोदी के प्लास्टिक बैन फॉर्मूले से पहले ही छत्तीसगढ़ ने कर दिया था शंखनाद

बहरहाल, देर सबेर देश के मुखिया नरेंद्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस पर इसे लेकर जंग छेड़ दी है. लोगों से पॉलीथिन को बैन करने के लिए अपील की है. हालांकि पीएम मोदी के इस जंग से बहुत पहले ही छत्तीसगढ़ ने प्लास्टिक के विरोध में शंखनाद कर दिया था.

पर्यावरण के लिए जहर है प्लास्टिक

बता दें कि हर साल भारत में करोड़ों की संख्या में प्लास्टिक का प्रयोग होता है, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का सबसे बड़ा कारण है. प्लास्टिक के उपयोग से न केवल पर्यावरण नष्ट हो रहा है बल्कि जीव-जंतु के लिए भी ये मुसीबत बनते जा रहा है. प्लास्टिक को हराने के लिए प्रधानमंत्री ने एक नई पहल की शुरुआत कर दी है.

पीएम मोदी ने भी की थी अपील

मोदी ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को आगे बढ़ाते हुए 15 अगस्त को लाल किले से देश को प्लास्टिकमुक्त बनाने के संकेत दिए थे. उन्होंने कहा था कि 2 अक्टूबर गांधी जयंती से देश के नागरिक प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग पूरी तरह बंद करके जूट व कपड़े के थैलों का प्रयोग करें. इसके साथ ही व्यवसायी से भी अपील की है कि प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग पूरी तरह से बैन करें.

प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन
पर्यावरण को बचाने की इस जंग में छत्तीसगढ़ सरकार अपना कदम पहले ही आगे बढ़ा चुकी हैं और प्रदेश में प्लास्टिक उत्पादन पर शत-प्रतिशत बैन लागू किया जा चुका है. इस मामले में छत्तीसगढ सरकार ने 14 जून को एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें खाने-पीने की चीजें, जैसे- कप, प्लेट, गिलास, विज्ञापन के लिए फ्लेक्स, बैनर, फोम और होर्डिंग्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. राज्य में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी, लेकिन अब इसके निर्माण पर भी पूरी तरह से रोक लग चुका है. इसके बावजूद मार्केट में प्लास्टिक का उपयोग बंद नहीं हो रहा है.

संसद में उठाया गया था प्लास्टिक मुक्त भारत का मुद्दा
मोदी के ऐलान के बाद मामले में सियासत भी शुरू हो चुकी है. प्लास्टिकमुक्त भारत का मुद्दा कुछ दिन पहले ही संसद में उठाया गया था. 16 जुलाई को रायपुर के भाजपा सांसद सुनील सोनी ने लोकसभा में ये सुझाव दिया था. मोदी ke मन में यह विचार रायपुर के सांसद सुनील सोनी के सदन में कही गई बातों से आया है. प्लास्टिक पर प्रतिबंध की मुहिम जब शुरू होगी, तो छत्तीसगढ़ के सांसद के भाषण का ज़िक्र आने से पहले छत्तीसगढ़ में अब किए गए प्रयासों का ज़िक्र भी होगा.

अजीत जोगी ने की मोदी सरकार की तारीफ
छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने भी छत्तीसगढ़ में प्लास्टिक बेन को लेकर आदेश जारी किए थे पर वह सफल नहीं हो पाया था. छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ सुप्रीमो अजीत जोगी मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा है कि प्लास्टिक बेन करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति का होना जरूरी है. मोदी जी में कुछ भी करने की प्रबल इच्छाशक्ति है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत में घर-घर शौचालय बनाने जैसी योजना उनकी इच्छाशक्ति का ही परिणाम है तो वहीं कांग्रेस प्रवक्ता किरणमयी नायक जोगी को आड़े हाथों लिया है.

हाल ही में WHO की प्लास्टिक के घातक परिणाम को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें प्लास्टिक से होने वाले बड़े नुकसानों के बारे में बताया गया था. साथ ही इसके पर्यावरण पर पड़ रहे दुष्प्रभाव भी बताए गए थे, जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया था. सरकार ने सरकारी आयोजन, कार्यालय, स्थल, सार्वजनिक कैटरिंग में भी प्लास्टिक या फोम की सामाग्री के इस्तेमाल पर रोक लगाई है. लेकिन आम जनता के बीच अभी भी यह प्रतिबंध लागू नहीं हो पाया है. अब बस इंतज़ार नतीजे का है, जब प्लास्टिक पूरी तरह उपयोग से बाहर हो जाएगी.

Intro:cg_rpr_01_plastic_ban_national_issue_credit_spl_7203517


एंकर-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से देश को प्लास्टिक मुक्त बनाने के संकेत दिए थे, उनके इस ऐलान का छत्तीसगढ़ कनेक्शन तो है ही,साथ ही साथ मामले में सियासत भी इसी राज्य से शुरू हो चुकी है। मोदी मन मे यह विचार रायपुर के सांसद सुनील सोनी के सदन में कही गई बातों से आये है,क्योंकि प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए संसद में कुछ दिन पहले ही उठाया था। Body:
Vo1-
15 अगस्त को 73 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्लास्टिक मुक्त भारत की अपील की थी, जिसमे उन्होंने कहा था कि 2 अक्टूबर गांधी जयंती से देश के नागरिक प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग पूरी तरह बंद करके जूट व कपड़े के थैलों का प्रयोग करें, एवं व्यवसायी भी प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग पूरी तरह से बैन करें। मोदी मन मे यह विचार रायपुर के सांसद सुनील सोनी के सदन में कही गई बातों से आये है,क्योंकि प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए संसद में भी आवाज उठाई जा चुकी है, इसके लिए लोकसभा में 16 जुलाई को रायपुर के भाजपा सांसद सुनील ने सुझाव दिया था।

बाईट- सुनील सोनी,सांसद, रायपुर लोकसभा


Vo2-

प्लास्टिक पर प्रतिबंध की मुहिम जब शुरू होगी तो छत्तीसगढ़ के सांसद भाषण का ज़िक्र आने से पहले छत्तीसगढ़ में अब किये गए प्रयासों का ज़िक्र भी होगा। पर्यावरण को बचाने की जंग में छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अपने कदम पहले ही आगे बढ़ा चुकी हैं और प्रदेश में प्लास्टिक उत्पादन पर शत प्रतिशत बैन लागू किया जा चुका है. इस मामले में छत्तीसगढ सरकार ने 14 जून को एक विज्ञापन जारी किया था जिसमें खाने-पीने की चीजें, जैसे- कप, प्लेट, गिलास, विज्ञापन के लिए फ्लेक्स, बैनर, फोम और होर्डिंग्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। राज्य में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी, लेकिन अब इसके निर्माण पर भी पूरी तरह से रोक लगा चुकी है. लेकिन मार्केट में प्लास्टिक का उपयोग अब भी हो रहा है। छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने भी छत्तीसगढ़ में प्लास्टिक बेन को लेकर आदेश जारी किए थे पर वह सफल नही हो पाया था। अब इसी बहाने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ सुप्रीमो अजीत जोगी मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कह रह रहे है कि प्लास्टिक बेन करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति का होना जरूरी है। और मोदी जी में कुछ करने भी करने की प्रबल इच्छाशक्ति है। स्वच्छ भारत मिशन में घर घर शौचालय बनाने जैसी योजना उनकी इच्छाशक्ति का ही परिणाम है। तो वही कांग्रेस प्रवक्ता होने के साथ साथ पार्टी की वरिष्ठ नेत्री डॉ किरणमयी नायक जोगी को आड़े हाथों ले रही है।

बाईट- अजीत जोगी,पूर्व सीएम छग
बाईट- डॉ किरणमयी नायक,कांग्रेस प्रवक्ता


Conclusion:Fvo-

हाल ही में WHO की प्लास्टिक के घातक परिणाम को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें प्लास्टिक से होने वाले बड़े नुकसानों के बारे में बताया गया था. साथ ही इसके पर्यावरण पर हो रहे दुष्प्रभाव भी बताए गए थे. जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया था। सरकार ने सरकारी आयोजन, कार्यालय, स्थल, सार्वजनिक कैटरिंग में भी प्लास्टिक या फोम की सामाग्री के इस्तेमाल पर रोक लगाई है.लेकिन आम जनता के बीच यह प्रतिबन्ध लागू नही हो पाया है। किसी बहाने सही सियासी सुरमा प्लास्टिक बेन जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बाते कर रहे है। बस इंतज़ार नतीजे का है,जब प्लास्टिक पूरी तरह उपयोग से बाहर हो जाएगी।

-पीटीसी

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर
Last Updated : Aug 20, 2019, 5:41 PM IST
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