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आरक्षण पर SC के फैसले के बाद सरकार नई भर्तियों में जुटी, बीजेपी ने इसे बताया वैचारिक जीत

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की ओर से 58 परसेंट आरक्षण पर लगी रोक हटने के बाद प्रदेश सरकार तमाम विभागों में भर्ती को लेकर तैयारी में जुट गई है. इसे लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने इसे भाजपा की वैचारिक जीत बता रहे हैं. सीएम बघेल ने आज फैसला आने के बाद अधिकारियों के साथ नई भर्तियों को लेकर बैठक की है.

Leader of Opposition Narayan Chandel
भर्तियों की तैयारी में जुटी बघेल सरकार
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Published : May 1, 2023, 11:42 PM IST

रायपुर: आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब बघेल सरकार हरकत में है. सीएम बघेल ने प्रदेश में नई भर्तियों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने अपने निवास स्थान पर बैठक करने के बाद ट्वीट किया. सीएम ने ट्वीट में लिखा कि "भर्तियों का रास्ता खुला. आज शाम निवास कार्यालय में उच्चतम न्यायालय द्वारा आरक्षण के मामले में दिए गए निर्णय के संदर्भ में उच्च अधिकारियों की बैठक ली. सभी अधिकारियों को शासकीय पदों में भर्ती आदि के संबंध में तत्परता से आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया. मुख्य सचिव को विभागों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी से कार्यवाही सुनिश्चित करने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार युवाओं के हित के लिए कृत संकल्पित है.

  • भर्तियों का रास्ता खुला..

    आज शाम निवास कार्यालय में उच्चतम न्यायालय द्वारा आरक्षण के मामले में दिए गए निर्णय के संदर्भ में उच्च अधिकारियों की बैठक ली और सभी अधिकारियों को शासकीय पदों में भर्ती आदि के संबंध में तत्परता से आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया।

    मुख्य सचिव को… pic.twitter.com/9KerVpJHK5

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे पहले भी सीएम ने ट्वीट कर इस एससी के फैसले पर खुशी जताई थी. सीएम ने ट्वीट कर लिखा कि" 58 फीसदी आरक्षण पर हाईकोर्ट के फैसले पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाने के निर्णय का हम सब स्वागत करते हैं. पर छत्तीसगढ़ के युवाओं के खिलाफ भाजपा के षड्यंत्र के विरूद्ध हमारा संघर्ष जारी रहेगा. राज्यपाल नए विधेयक पर हस्ताक्षर करें तभी सही न्याय मिलेगा."

इस मुद्दे पर बीजेपी की तरफ से भी बयान आया है. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से दी गई व्यवस्था को भाजपा की जीत बताया. नारायण चंदेल ने कहा कि "भाजपा शासन काल में लागू अनुसूचित जनजाति के 32 प्रतिशत आरक्षण पर कांग्रेसियों द्वारा लगवाई गई रोक को सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है. यह भाजपा की वैचारिक जीत है. अब मुख्यमंत्री को भी यह समझ लेना चाहिए कि वह संविधान से ऊपर नहीं हैं."


अनुसूचित जनजाति का हक छीनने कांग्रेसी गए थे हाई कोर्ट: नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि "भाजपा शासनकाल में अनुसूचित जनजाति को 32 फीसदी आरक्षण दिया गया, जो भाजपा की सरकार रहते हुए सुरक्षित रहा. लेकिन छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार आने के बाद अनुसूचित जनजाति का हक छीनने के लिए कांग्रेसी हाई कोर्ट चले गए. अनुसूचित जनजाति के खिलाफ हाई कोर्ट जाने वालों को भूपेश बघेल की सरकार ने पुरस्कार देने का काम किया. यह सरकार नहीं चाहती कि अनुसूचित जनजाति को उनका अधिकार मिले. इसलिए अपने लोगों को हाई कोर्ट भेजा और 32 फ़ीसदी आरक्षण को बचाए रखने के लिए सरकार की ओर से कोई गंभीरता नहीं दिखाई."

अनुसूचित जनजाति के संघर्ष की हुई है जीत: नारायण चंदेल ने कहा कि "सुप्रीम कोर्ट में भी अनुसूचित जनजाति के हक की बहाली के लिए कांग्रेस की सरकार ने कोई रुचि नहीं दिखाई. वह सिर्फ तारीखें बढ़वाने में समय बर्बाद करती रही. इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाकर भाजपा सरकार द्वारा लागू आरक्षण नीति को बहाल किया है. यह भाजपा की वैचारिक जीत और अनुसूचित जनजाति के संघर्ष की जीत है."

यह भी पढ़ें- आरक्षण पर छत्तीसगढ़ सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

आरक्षण के नाम पर केवल राजनीतिक पैंतरेबाजी: नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल मुख्यमंत्री पर आरक्षण के नाम पर केवल राजनीतिक पैंतरेबाजी दिखाने का आरोप लगाया. नारायण चंदेल ने कहा कि "यदि वह छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों को उचित आरक्षण दिलाने की मंशा रखते तो फिर क्वान्टिफायबल डाटा आयोग की रपट क्यों दबा कर रखी गई है. यह रिपोर्ट न तो सदन में रखी गई और न ही राज्यपाल को भेजी गई. जबकि आरक्षण विधेयक का आधार ही इसी डाटा आयोग की रपट को बताया जा रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस आरक्षण के नाम पर केवल भ्रम फैलाने का काम कर रही है."

रायपुर: आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब बघेल सरकार हरकत में है. सीएम बघेल ने प्रदेश में नई भर्तियों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने अपने निवास स्थान पर बैठक करने के बाद ट्वीट किया. सीएम ने ट्वीट में लिखा कि "भर्तियों का रास्ता खुला. आज शाम निवास कार्यालय में उच्चतम न्यायालय द्वारा आरक्षण के मामले में दिए गए निर्णय के संदर्भ में उच्च अधिकारियों की बैठक ली. सभी अधिकारियों को शासकीय पदों में भर्ती आदि के संबंध में तत्परता से आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया. मुख्य सचिव को विभागों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी से कार्यवाही सुनिश्चित करने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार युवाओं के हित के लिए कृत संकल्पित है.

  • भर्तियों का रास्ता खुला..

    आज शाम निवास कार्यालय में उच्चतम न्यायालय द्वारा आरक्षण के मामले में दिए गए निर्णय के संदर्भ में उच्च अधिकारियों की बैठक ली और सभी अधिकारियों को शासकीय पदों में भर्ती आदि के संबंध में तत्परता से आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया।

    मुख्य सचिव को… pic.twitter.com/9KerVpJHK5

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इससे पहले भी सीएम ने ट्वीट कर इस एससी के फैसले पर खुशी जताई थी. सीएम ने ट्वीट कर लिखा कि" 58 फीसदी आरक्षण पर हाईकोर्ट के फैसले पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाने के निर्णय का हम सब स्वागत करते हैं. पर छत्तीसगढ़ के युवाओं के खिलाफ भाजपा के षड्यंत्र के विरूद्ध हमारा संघर्ष जारी रहेगा. राज्यपाल नए विधेयक पर हस्ताक्षर करें तभी सही न्याय मिलेगा."

इस मुद्दे पर बीजेपी की तरफ से भी बयान आया है. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से दी गई व्यवस्था को भाजपा की जीत बताया. नारायण चंदेल ने कहा कि "भाजपा शासन काल में लागू अनुसूचित जनजाति के 32 प्रतिशत आरक्षण पर कांग्रेसियों द्वारा लगवाई गई रोक को सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है. यह भाजपा की वैचारिक जीत है. अब मुख्यमंत्री को भी यह समझ लेना चाहिए कि वह संविधान से ऊपर नहीं हैं."


अनुसूचित जनजाति का हक छीनने कांग्रेसी गए थे हाई कोर्ट: नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि "भाजपा शासनकाल में अनुसूचित जनजाति को 32 फीसदी आरक्षण दिया गया, जो भाजपा की सरकार रहते हुए सुरक्षित रहा. लेकिन छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार आने के बाद अनुसूचित जनजाति का हक छीनने के लिए कांग्रेसी हाई कोर्ट चले गए. अनुसूचित जनजाति के खिलाफ हाई कोर्ट जाने वालों को भूपेश बघेल की सरकार ने पुरस्कार देने का काम किया. यह सरकार नहीं चाहती कि अनुसूचित जनजाति को उनका अधिकार मिले. इसलिए अपने लोगों को हाई कोर्ट भेजा और 32 फ़ीसदी आरक्षण को बचाए रखने के लिए सरकार की ओर से कोई गंभीरता नहीं दिखाई."

अनुसूचित जनजाति के संघर्ष की हुई है जीत: नारायण चंदेल ने कहा कि "सुप्रीम कोर्ट में भी अनुसूचित जनजाति के हक की बहाली के लिए कांग्रेस की सरकार ने कोई रुचि नहीं दिखाई. वह सिर्फ तारीखें बढ़वाने में समय बर्बाद करती रही. इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाकर भाजपा सरकार द्वारा लागू आरक्षण नीति को बहाल किया है. यह भाजपा की वैचारिक जीत और अनुसूचित जनजाति के संघर्ष की जीत है."

यह भी पढ़ें- आरक्षण पर छत्तीसगढ़ सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

आरक्षण के नाम पर केवल राजनीतिक पैंतरेबाजी: नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल मुख्यमंत्री पर आरक्षण के नाम पर केवल राजनीतिक पैंतरेबाजी दिखाने का आरोप लगाया. नारायण चंदेल ने कहा कि "यदि वह छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों को उचित आरक्षण दिलाने की मंशा रखते तो फिर क्वान्टिफायबल डाटा आयोग की रपट क्यों दबा कर रखी गई है. यह रिपोर्ट न तो सदन में रखी गई और न ही राज्यपाल को भेजी गई. जबकि आरक्षण विधेयक का आधार ही इसी डाटा आयोग की रपट को बताया जा रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस आरक्षण के नाम पर केवल भ्रम फैलाने का काम कर रही है."

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