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बिलासपुर में सिंचाई संसाधन विस्तार के लिए मिली करोड़ों की स्वीकृति

बिलासपुर जिले के धौरामुड़ा जलाशय के नहर रिमाडलिंग पक्के कार्य और लाईनिंग कार्य के लिए 2 करोड़ 89 लाख 58 हजार की स्वीकृति मिली है. साथ ही फुटामुड़ा जलाशय के नहर रिमाडलिंग पक्के कार्य और लाईनिंग कार्य के लिए 2 करोड़ 88 लाख 18 हजार रूपए स्वीकृति की गई है.

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Published : Jul 5, 2020, 11:08 PM IST

approved fund for irrigation facility
बिलासपुर में सिंचाई संसाधन विस्तार

रायपुर: छत्तीसगढ़ शासन प्रदेश में सिंचाई संसाधनों के विस्तार के लिए लगातार प्रयास कर रही है. जल संसाधन विभाग ने बिलासपुर जिले के धौरामुड़ा जलाशय और फुटामुड़ा जलाशय में सिंचाई विस्तार के लिए 5 करोड़ 77 लाख 76 हजार रूपए के कार्य स्वीकृति दी है. इन सिंचाई जलाशयों के निर्माण कार्य पूर्ण होने से किसानों को लगभग 240 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिलेगी.

जानकारी के अनुसार बिलासपुर जिले के धौरामुड़ा जलाशय के नहर रिमाडलिंग पक्के कार्य और लाईनिंग कार्य के लिए 2 करोड़ 89 लाख 58 हजार की स्वीकृति मिली है. साथ ही फुटामुड़ा जलाशय के नहर रिमाडलिंग पक्के कार्य और लाईनिंग कार्य के लिए 2 करोड़ 88 लाख 18 हजार रूपए स्वीकृति की गई है.

बता दें कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने नरवा, गरवा, घुरवा बाड़ी योजना की शुरुआत की थी, जिसके जरिए किसानों और ग्रामीणों को लाभ दिलाने की सरकार की मंशा थी. इसमें नरवा के तहत नालों को खेतों से और नहरों में चेक डेम का निर्माण करने की योजना थी. ताकि बारिश के पानी को संरक्षित किया जा सके. साथ ही गिरते भू-स्तर को भी रोका जा सके.

पढ़ें: SPECIAL: फेल हुई करोड़ों की केलो परियोजना, केवल उद्योगपतियों को हो रहा लाभ

रायगढ़ को योजना की जरूरत

रायगढ़ जिले में केलो परियोजना के तहत बनने वाला नहर अब तक नहीं बन पाया है. किसानों के लिए बनाई गई केलो परियोजना (सिंचाई परियोजना) किसानों के ही काम नहीं आ रही है. रायगढ़ जिले से लगे पटेलपाली, गढ़उमरिया के किसान बताते हैं कि परियोजना के सबसे नजदीक होने के बाद भी आज तक उनके खेतों तक पानी नहीं पहुंचा है. किसानों को इससे फायदा हो, इस उद्देश्य से लोगों ने इस परियोजना के लिए अपनी जमीन तक दे दी, लेकिन नहर का पानी खेतों के स्तर से इतना नीचे होता है कि बरसात के दिनों में भी किसान उसका पानी इस्तेमाल नहीं कर पाते. ऐसे में रायगढ़ के किसानों को सिंचाई संसाधन विस्तार की जरूरत है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ शासन प्रदेश में सिंचाई संसाधनों के विस्तार के लिए लगातार प्रयास कर रही है. जल संसाधन विभाग ने बिलासपुर जिले के धौरामुड़ा जलाशय और फुटामुड़ा जलाशय में सिंचाई विस्तार के लिए 5 करोड़ 77 लाख 76 हजार रूपए के कार्य स्वीकृति दी है. इन सिंचाई जलाशयों के निर्माण कार्य पूर्ण होने से किसानों को लगभग 240 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिलेगी.

जानकारी के अनुसार बिलासपुर जिले के धौरामुड़ा जलाशय के नहर रिमाडलिंग पक्के कार्य और लाईनिंग कार्य के लिए 2 करोड़ 89 लाख 58 हजार की स्वीकृति मिली है. साथ ही फुटामुड़ा जलाशय के नहर रिमाडलिंग पक्के कार्य और लाईनिंग कार्य के लिए 2 करोड़ 88 लाख 18 हजार रूपए स्वीकृति की गई है.

बता दें कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने नरवा, गरवा, घुरवा बाड़ी योजना की शुरुआत की थी, जिसके जरिए किसानों और ग्रामीणों को लाभ दिलाने की सरकार की मंशा थी. इसमें नरवा के तहत नालों को खेतों से और नहरों में चेक डेम का निर्माण करने की योजना थी. ताकि बारिश के पानी को संरक्षित किया जा सके. साथ ही गिरते भू-स्तर को भी रोका जा सके.

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रायगढ़ को योजना की जरूरत

रायगढ़ जिले में केलो परियोजना के तहत बनने वाला नहर अब तक नहीं बन पाया है. किसानों के लिए बनाई गई केलो परियोजना (सिंचाई परियोजना) किसानों के ही काम नहीं आ रही है. रायगढ़ जिले से लगे पटेलपाली, गढ़उमरिया के किसान बताते हैं कि परियोजना के सबसे नजदीक होने के बाद भी आज तक उनके खेतों तक पानी नहीं पहुंचा है. किसानों को इससे फायदा हो, इस उद्देश्य से लोगों ने इस परियोजना के लिए अपनी जमीन तक दे दी, लेकिन नहर का पानी खेतों के स्तर से इतना नीचे होता है कि बरसात के दिनों में भी किसान उसका पानी इस्तेमाल नहीं कर पाते. ऐसे में रायगढ़ के किसानों को सिंचाई संसाधन विस्तार की जरूरत है.

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