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Dhirendra Shastri Controversial Statement: "कम कपड़े पहनना मॉडर्न जमाना है तो हमारी भैंसिया पहले से मॉडर्न है"

राजधानी रायपुर में रामकथा के दौरान बागेश्वर धाम के कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महिलाओं के माॅडर्न पहनावे को लेकर कटाक्ष किया. महिलाओं के जींस टीशर्ट पहनने को संस्कृति के विपरीत बताया. इतना ही नहीं कम कपड़े पहनने वाली महिलाओं की तुलना भैंस से कर डाली. रामकथा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री अपने बचपन का किस्सा सुना रहे थे. women compared to buffalo

Bageshwar Maharaj
बागेश्वर महाराज
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Published : Jan 24, 2023, 8:12 AM IST

बागेश्वर सरकार ने महिलाओं की तुलना भैंस से की

रायपुर: राजधानी रायपुर में चल रही राम कथा के अंतिम दिन कथा पाठ के दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने आधुनिकता की आंड़ में पश्चिमी संस्कृति के परिधान पहनने वाली महिलाओं पर कटाक्ष किया. अपने बचपन का किस्सा सुनाते सुनाते उनकी जुबान फिसल गई. कम कपड़े या जींस टीशर्ट पहनने वाली महिलाओं की तुलना भैंस से कर दी. उन्होंने कहा कि "अगर कम कपड़े पहनना माॅडर्न जमाना है तो हमारी भैंसिया बहुत पहले से माॅडर्न है."

हमारी भैंसिया बिफोर टाइम माॅडर्न: आधुनिक पहनावे पर टिप्पणी करते अपनी भैंस का उदाहरण देते पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा "वो तो कुछ पहनती ही नहीं. एक ठो लंगोटी तक नहीं लगती है भैया. वो तो और बिफोर टाइम की माॅडर्न होगी न. उसे क्या कहोगे बिफोर टाइम माॅडर्न."

आज भी मां के पल्लू में ही पोछते हैं हाथ: धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि "हमें आज भी याद है कि जब हम घर जाते हैं तो खाना खाने के बाद मां के आंचल में अपना हाथ पोछते हैं. यह सौभाग्य शायद और भी लोगों को बचपन में मिला होगा. दुनिया के करोड़ों रुपए की टावल बगल में रख लो और मां के साड़ी के पल्लू का जो सुख है वह कहीं और नहीं मिलेगा. मां के पल्लू की सोंधी खुशबू की आज भी मुझे याद आती है. हमारी भारतीय माताएं जो साड़ी पहनती हैं उनके पास ऑप्शन है कि हमारे जैसे निकम्मे पुत्रों का मुंह पोछने के लिए पल्लू होता है. लेकिन जो महिलाएं जींस और टीशर्ट पहन कर निकल रही हैं, उनका का होई भैया."

Bageshwar sarkar: बागेश्वर सरकार ने दिया नया नारा, "तुम मुझे साथ दो मैं तुम्हें हिंदू राष्ट्र दूंगा"

मातृत्व भावना के प्रति है अपार श्रद्धा: हालांकि बात को संभालते हुए कहा कि "हम महिलाओं के परिधान पर टिप्पणी नहीं कर रहे. कुछ माताएं मिलती हैं जो कहती हैं कि मॉडर्न जमाना है आप उन लोगों पर उंगली उठा रहे हो. हम कहते हैं बहन जी उंगली नहीं उठा रहे हैं. यदि कम कपड़े पहनना मॉर्डन जमाना है, तो हमारी भैंसिया बहुत पहले से मॉर्डन है. हम टिप्पणी नहीं कर रहे, विचार व्यक्त कर रहे हैं. हमारी मातृत्व भावना के प्रति अपार श्रद्धा है क्योंकि भारत मातृत्व प्रधान देश है."

बागेश्वर सरकार ने महिलाओं की तुलना भैंस से की

रायपुर: राजधानी रायपुर में चल रही राम कथा के अंतिम दिन कथा पाठ के दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने आधुनिकता की आंड़ में पश्चिमी संस्कृति के परिधान पहनने वाली महिलाओं पर कटाक्ष किया. अपने बचपन का किस्सा सुनाते सुनाते उनकी जुबान फिसल गई. कम कपड़े या जींस टीशर्ट पहनने वाली महिलाओं की तुलना भैंस से कर दी. उन्होंने कहा कि "अगर कम कपड़े पहनना माॅडर्न जमाना है तो हमारी भैंसिया बहुत पहले से माॅडर्न है."

हमारी भैंसिया बिफोर टाइम माॅडर्न: आधुनिक पहनावे पर टिप्पणी करते अपनी भैंस का उदाहरण देते पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा "वो तो कुछ पहनती ही नहीं. एक ठो लंगोटी तक नहीं लगती है भैया. वो तो और बिफोर टाइम की माॅडर्न होगी न. उसे क्या कहोगे बिफोर टाइम माॅडर्न."

आज भी मां के पल्लू में ही पोछते हैं हाथ: धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि "हमें आज भी याद है कि जब हम घर जाते हैं तो खाना खाने के बाद मां के आंचल में अपना हाथ पोछते हैं. यह सौभाग्य शायद और भी लोगों को बचपन में मिला होगा. दुनिया के करोड़ों रुपए की टावल बगल में रख लो और मां के साड़ी के पल्लू का जो सुख है वह कहीं और नहीं मिलेगा. मां के पल्लू की सोंधी खुशबू की आज भी मुझे याद आती है. हमारी भारतीय माताएं जो साड़ी पहनती हैं उनके पास ऑप्शन है कि हमारे जैसे निकम्मे पुत्रों का मुंह पोछने के लिए पल्लू होता है. लेकिन जो महिलाएं जींस और टीशर्ट पहन कर निकल रही हैं, उनका का होई भैया."

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मातृत्व भावना के प्रति है अपार श्रद्धा: हालांकि बात को संभालते हुए कहा कि "हम महिलाओं के परिधान पर टिप्पणी नहीं कर रहे. कुछ माताएं मिलती हैं जो कहती हैं कि मॉडर्न जमाना है आप उन लोगों पर उंगली उठा रहे हो. हम कहते हैं बहन जी उंगली नहीं उठा रहे हैं. यदि कम कपड़े पहनना मॉर्डन जमाना है, तो हमारी भैंसिया बहुत पहले से मॉर्डन है. हम टिप्पणी नहीं कर रहे, विचार व्यक्त कर रहे हैं. हमारी मातृत्व भावना के प्रति अपार श्रद्धा है क्योंकि भारत मातृत्व प्रधान देश है."

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