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नवा रायपुर से जुड़ा है लेकिन फिर भी पिछड़ा है ये गांव, जानिए हाई-फाई शहर के इस गांव का दर्द - रायपुर मंत्रालय

नया रायपुर बनाने के लिए आस-पास के गांव के लोगों की जमीन ले ली गई, जमीन देने के नाम पर किसानों को विकास के सपने तो दिखाए गए, लेकिन उससे लगे गांव की स्थिति अब भी जस की तस है.

नया रायपुर से जुड़े गांव की स्थिति
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Published : Jul 27, 2019, 3:36 PM IST

Updated : Jul 27, 2019, 3:48 PM IST

रायपुर: देश की पहली इंटीग्रेटेड सिटी के नाम से नवा रायपुर दुनिया भर में अपनी पहचान तो बना रहा है, लेकिन आस-पास के गांव की स्थिति देखकर दीया तले अंधेरा की कहावत याद आती है. नया रायपुर मंत्रालय से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पलौद ग्राम पंचायत आज भी विकास के नाम पर ठगा महसूस कर रहा है.

नया रायपुर से जुड़े गांव की स्थिति


सरकार ने यहां के गांववालों की जमीन अधिग्रहित यह कह कर की थी कि उन्हें उसके बदले रोजगार दिया जाएगा, लेकिन अब यह झांसा साबित हो रहा है. रायपुर से लगे गांवों की स्थिति अब भी पहले जस की तस है. नवा रायपुर मंत्रालय से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पलौद ग्राम पंचायत आज भी विकास के नाम पर ठगा महसूस कर रहा है.

गांव की स्थिति जानने ETV भारत की टीम पलौद गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने अपना हाल बयां किया.


⦁ सरकार ने विकास प्राधिकरण के नाम पर भूमि अधिग्रहण कर लिया लेकिन युवाओं को रोजगार देने की जो बात कही थी वह झूठी निकली.
⦁ ग्रामीणों की जमीन नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के पास है, वहीं कई जमीनों पर स्टे लगे हुए हैं, गांववाले यहां खेती तो करते हैं लेकिन उन्हे सरकार की तरफ से बीज व ऋण नहीं मिलता.
⦁ साथ ही गांव में पानी व बिजली को लेकर भी यहां काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
⦁ गांव में स्कूल भवन और सड़क की भी स्थिति काफी खराब है.

अब भी ग्राम पंचायत पर गांव की जिम्मेदारी
गांव के सरपंच ओम प्रकाश चंद्राकर का कहना है कि सरकार ने गांव को नगर अधिनियम के तहत शामिल कर लिया है. यह नगर निगम की सीमा में आ गया है. लेकिन नवा रायपुर के लगे होने के बाद भी सारी सुविधाएं देने का काम ग्राम पंचायत करती है.


गांव के विकास के लिए शासन और विकास प्राधिकरण भी किसी प्रकार की राशि नहीं देते हैं. वहीं विकास के नाम पर चमचमाती सड़कें तो हैं लेकिन गांव की स्थितियों में कोई बेहतर सुधार और विकास नजर नहीं आ रहा है.

रायपुर: देश की पहली इंटीग्रेटेड सिटी के नाम से नवा रायपुर दुनिया भर में अपनी पहचान तो बना रहा है, लेकिन आस-पास के गांव की स्थिति देखकर दीया तले अंधेरा की कहावत याद आती है. नया रायपुर मंत्रालय से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पलौद ग्राम पंचायत आज भी विकास के नाम पर ठगा महसूस कर रहा है.

नया रायपुर से जुड़े गांव की स्थिति


सरकार ने यहां के गांववालों की जमीन अधिग्रहित यह कह कर की थी कि उन्हें उसके बदले रोजगार दिया जाएगा, लेकिन अब यह झांसा साबित हो रहा है. रायपुर से लगे गांवों की स्थिति अब भी पहले जस की तस है. नवा रायपुर मंत्रालय से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पलौद ग्राम पंचायत आज भी विकास के नाम पर ठगा महसूस कर रहा है.

गांव की स्थिति जानने ETV भारत की टीम पलौद गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने अपना हाल बयां किया.


⦁ सरकार ने विकास प्राधिकरण के नाम पर भूमि अधिग्रहण कर लिया लेकिन युवाओं को रोजगार देने की जो बात कही थी वह झूठी निकली.
⦁ ग्रामीणों की जमीन नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के पास है, वहीं कई जमीनों पर स्टे लगे हुए हैं, गांववाले यहां खेती तो करते हैं लेकिन उन्हे सरकार की तरफ से बीज व ऋण नहीं मिलता.
⦁ साथ ही गांव में पानी व बिजली को लेकर भी यहां काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
⦁ गांव में स्कूल भवन और सड़क की भी स्थिति काफी खराब है.

अब भी ग्राम पंचायत पर गांव की जिम्मेदारी
गांव के सरपंच ओम प्रकाश चंद्राकर का कहना है कि सरकार ने गांव को नगर अधिनियम के तहत शामिल कर लिया है. यह नगर निगम की सीमा में आ गया है. लेकिन नवा रायपुर के लगे होने के बाद भी सारी सुविधाएं देने का काम ग्राम पंचायत करती है.


गांव के विकास के लिए शासन और विकास प्राधिकरण भी किसी प्रकार की राशि नहीं देते हैं. वहीं विकास के नाम पर चमचमाती सड़कें तो हैं लेकिन गांव की स्थितियों में कोई बेहतर सुधार और विकास नजर नहीं आ रहा है.

Intro:नया रायपुर बनाने के लिए आसपास के गांव के लोगों की जमीन ले ली गई , जमीन देने के नाम पर किसानों को विकास के सपने तो दिखाए गए लेकिन आज नया रायपुर बनकर तैयार हो गया है लेकिन उससे लगे गांव की स्थितियां अब भी वैसी ही है।।

नया रायपुर मंत्रालय से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है स्थत पलौद ग्रामपंचायत आज भी विकास के नाम पर ठगा महसूस कर रहा है।।

नया रायपुर विकास प्राधिकरण ने शुरुआती दौर में नए रायपुर के अंतर्गत आने वाले आसपास के ग्रामीणों से जमीन ली गई, गाव के विकास और नौकरी देने के सपने दिखाए गए लेकिन अब भी ग्रामीण खुद को अपेक्षित सा महसूस करते है।।


Body:नवा रायपुर से गांव की स्तिथि जानने ईटीवी भारत की टीम पलौद गाव पहुची तो ग्रामीणों ने बताया विकास प्राधिकरण ने जमीन का भूअर्जन कर लिया लेकिन युवाओ को रोजगार देने की जो बात कही थी वह जूठी निकली।

आज हमारी जमीन नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण के पास है लेकिन वही कई जमीनों पर स्टे लगाजे हुआ है जिसके चलते किसानों को भी समस्या हो रही है। स्टे लगने के बाद भी किसान आजीविका के लिए अपनी भूमि में खेती तो करते है लेकिन ना ही उन्हें सरकार द्वर बीज मिलता है नाही किसी प्रकार का ऋण । अगर प्राधिकरण करण उस जमीन का इस्तेमाल नही तो स्टे हटाकर किसानों की जमीन वापस करे।

वही ग्रामीणो का कहना है कि हम नौकरी मांगने विकास प्राधिकरण ओर पास जाते है तो किसी प्रकार भी नौकरी नही दी जाती। वही युवा बेरोजगार घूम रहे है।।

साथ ही गांव में पानी की समस्या है वहीं लोगों का कहना है कि बिजली को लेकर भी यहां काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वही स्कूलों में भी भवन की स्तिथि खराब है।।

गाव के लोग बताते है आस पास बन रहे टेंपो और ऑफिसों में पानी की सुविधाएं आसानी से मुहैया करा दी जाती है लेकिन गांव में पानी की समस्या होने के बावजूद भी विकास प्राधिकरण इस ओर ध्यान नहीं देता है ।।



Conclusion:ग्राम पंचायत बलाक के सरपंच ओमप्रकाश चंद्राकर ने बताया की पंचायत की जनसंख्या छ हज़ार से अधिक है, पानी की समस्या ,पानी निकासी की समस्या है,
सरपंच ने बताया कि सरकार ने गांव को नगर अधिनियम के तहत शामिल कर लिया है। वही नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के लोग कहते हैं कि यह नगर निगम की सीमा में आ गया है, वही नवा रायपुर के लगे होने के बाद भी सारी सुविधाएं देने का काम ग्राम पंचायत करती है। गांव के विकास के लिए शासन और विकास प्राधिकरण भी किसी प्रकार की राशि नहीं देते हैं।।

वहीं पानी की समस्या को लेकर पीएचई विभाग को अवगत कराया गया है उस पर ध्यान नही दिया जाता ।। वही गांव के आधे क्षेत्र में पाइपलाइन नहीं बेचने की वजह से आधे गांव के लोगों को पानी की समस्या होती है।।



वही नया रायपुर बनाने के दौरान आसपास के लगभग 27 गावो को विलेज डेवलपमेंट प्लान के अंतर्गत विकसित करना था, लेकिन अब तक प्राधिकरण इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।
दुनिया भर में एक और जहां नया रायपुर का गुणगान किया जाता है,
वहीं विश्व की पहली इंटीग्रेटेड सिटी के नाम से नवा रायपुर अटल नगर दुनिया भर में अपनी पहचान तो बना रहा है लेकिन आसपास के गांव की स्थिति देखकर दिया तले अंधेरा की कहावत चरितार्थ होती है।।


वहीं विकास के नाम पर चमचमाती सड़कें तो है लेकिन गांव की स्थितियों में कोई बेहतर सुधार और विकास नजर नहीं आ रहा है।।


।बाईट

ग्रामीण

बाईट

ओम प्रकाश चंद्राकर

सरपंच ग्राम पंचायत पलौद
टीशर्ट मे बाईट है

पीटीसी



रिपोर्टर

सिद्धार्थ श्रीवसन
रायपुर





Last Updated : Jul 27, 2019, 3:48 PM IST
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