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वसंत पंचमी: मां सरस्वती की आराधना का दिन, जानें विधि, मंत्र और देवी के 12 नाम

इस साल 29 और 30 जनवरी वसंत पंचमी मनाया जा रहा है. वसंत पंचमी को मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मानाया जाता है. इस दिन देवी सरस्वती की पूजा-आराधना करने से बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है. ETV भारत पर जानें क्या है सरस्वती पूजा का मुहूर्त, विधि और मंत्र.

Maa Saraswati
मां सरस्वती
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Published : Jan 29, 2020, 11:01 AM IST

Updated : Jan 30, 2020, 8:01 AM IST

रायपुर: माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है और इसी दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है. वसंत पंचमी को मां सरस्वती का दिन माना जाता है. इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना भी की जाती है. इस साल वसंत पंचमी 29 और 30 जनवरी दो दिन मनाई जा रही है. वसंत पंचमी को मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मानाया जाता है.

मां सरस्वती के पूजा की विधि

माता सरस्वती को बुद्धि, विद्या, ज्ञान और वाणी की देवी कहा गया है. इस दिन देवी सरस्वती की पूजा-आराधना करने से बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है. इसी दिन से ऋतुओं के राजा वसंत की शुरूआत भी होती है. (पंडित अरुणेश शर्मा पूजा की विधि और मुहूर्त की जानकारी दे रहे हैं) इस दिन से धरती मनमोहक फूलों से सजने लगती है. खेतों में सरसों के पीले फूलों की चादर बिछ जाती है. कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने जब इस सृष्टि की रचना की तो इसमें स्वर नहीं था. इस कमी को पूरा करने के लिए उन्होंने मां सरस्वती की उत्पत्ति की और तभी से इस दिन को उनकी जयंती के रूप में मनाया जाता है.

सरस्वती पूजा का मुहूर्त, विधि और मंत्र

पूजा का शुभ मुहूर्त

  • बसंत पंचमी - 29 जनवरी 2020 से शुरू होकर 30 जनवरी 2020 तक रहेगी.
  • पूजा मुहूर्त - 10:45 से लेकर 1:19 मिनट तक रहेगी.
  • पंचमी तिथि शुरू - 10:45 बजे से (29 जनवरी 2020)
  • पंचमी तिथि समाप्त - 13:18 बजे (30 जनवरी 2020) तक

सरस्वती पूजा की विधि

  • सुबह स्नान करके पीले या सफेद वस्त्र धारण करें.
  • मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें.
  • मां सरस्वती को सफेद चंदन, पीले और सफेद फूल अर्पित करें.
  • उनका ध्यान कर ऊं ऐं सरस्वत्यै नम: मंत्र का 108 बार जाप करें.

वसंत पंचमी को करते हैं भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा
वसंत पंचमी को श्री पंचमी या ज्ञान पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मां सरस्वती के अलावा भगवान विष्णु और कामदेव की भी पूजा की जाती है. धार्मि​क मान्यताओं के अनुसार, वसंत पंचमी के दिन ही कामदेव अपनी पत्नी रति के साथ पृथ्वी लोक में आते हैं और चारों ओर प्रेम का संचार करते हैं.

मां सरस्वती को ऐसे करें खुश
देवी सरस्वती की कृपा जिस पर हो जाती है, वह व्यक्ति जीवन में सही निर्णय लेने में सफल होता है. इस श्लोक के प्रभाव से आपकी बुद्धि निर्मल होगी. मां सरस्वती को खुश करने के लिए इस मंत्र का जाप करें-

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभि र्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥

वसंत पंचमी के दिन सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए भगवती के बारह नामों का उच्चारण करना चाहिए. इन बारह नामों का स्मरण करने वाला व्यक्ति कुशाग्र, बुद्धिमान और मेधावी होता है.
विद्या की देवी के बारह नाम हैं-

  1. भारती
  2. सरस्वती
  3. शारदा
  4. हंसवाहिनी
  5. जगती
  6. वागीश्वरी
  7. कुमुदी
  8. ब्रह्मचारिणी
  9. बुद्धिदात्री
  10. वरदायिनी
  11. चंद्रकांति
  12. भुवनेश्वरी
  • वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को बेसन के लड्डू या बेसन की बर्फी, बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं.
  • सफलता प्राप्ति के लिए मां सरस्वती पर हल्दी चढ़ाकर उस हल्दी से अपनी पुस्तक पर "ऐं" लिखें.
  • वाणी में मधुरता लाने के लिए देवी सरस्वती पर चढ़े शहद को हर सुबह नित्य प्रात: सबसे पहले सेवन करें.
  • बसंत पंचमी के दिन गहनें, कपड़े, वाहन आदि की खरीदारी आदि भी शुभ मानी जाती है.

रायपुर: माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है और इसी दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है. वसंत पंचमी को मां सरस्वती का दिन माना जाता है. इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना भी की जाती है. इस साल वसंत पंचमी 29 और 30 जनवरी दो दिन मनाई जा रही है. वसंत पंचमी को मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मानाया जाता है.

मां सरस्वती के पूजा की विधि

माता सरस्वती को बुद्धि, विद्या, ज्ञान और वाणी की देवी कहा गया है. इस दिन देवी सरस्वती की पूजा-आराधना करने से बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है. इसी दिन से ऋतुओं के राजा वसंत की शुरूआत भी होती है. (पंडित अरुणेश शर्मा पूजा की विधि और मुहूर्त की जानकारी दे रहे हैं) इस दिन से धरती मनमोहक फूलों से सजने लगती है. खेतों में सरसों के पीले फूलों की चादर बिछ जाती है. कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने जब इस सृष्टि की रचना की तो इसमें स्वर नहीं था. इस कमी को पूरा करने के लिए उन्होंने मां सरस्वती की उत्पत्ति की और तभी से इस दिन को उनकी जयंती के रूप में मनाया जाता है.

सरस्वती पूजा का मुहूर्त, विधि और मंत्र

पूजा का शुभ मुहूर्त

  • बसंत पंचमी - 29 जनवरी 2020 से शुरू होकर 30 जनवरी 2020 तक रहेगी.
  • पूजा मुहूर्त - 10:45 से लेकर 1:19 मिनट तक रहेगी.
  • पंचमी तिथि शुरू - 10:45 बजे से (29 जनवरी 2020)
  • पंचमी तिथि समाप्त - 13:18 बजे (30 जनवरी 2020) तक

सरस्वती पूजा की विधि

  • सुबह स्नान करके पीले या सफेद वस्त्र धारण करें.
  • मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें.
  • मां सरस्वती को सफेद चंदन, पीले और सफेद फूल अर्पित करें.
  • उनका ध्यान कर ऊं ऐं सरस्वत्यै नम: मंत्र का 108 बार जाप करें.

वसंत पंचमी को करते हैं भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा
वसंत पंचमी को श्री पंचमी या ज्ञान पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मां सरस्वती के अलावा भगवान विष्णु और कामदेव की भी पूजा की जाती है. धार्मि​क मान्यताओं के अनुसार, वसंत पंचमी के दिन ही कामदेव अपनी पत्नी रति के साथ पृथ्वी लोक में आते हैं और चारों ओर प्रेम का संचार करते हैं.

मां सरस्वती को ऐसे करें खुश
देवी सरस्वती की कृपा जिस पर हो जाती है, वह व्यक्ति जीवन में सही निर्णय लेने में सफल होता है. इस श्लोक के प्रभाव से आपकी बुद्धि निर्मल होगी. मां सरस्वती को खुश करने के लिए इस मंत्र का जाप करें-

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभि र्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥

वसंत पंचमी के दिन सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए भगवती के बारह नामों का उच्चारण करना चाहिए. इन बारह नामों का स्मरण करने वाला व्यक्ति कुशाग्र, बुद्धिमान और मेधावी होता है.
विद्या की देवी के बारह नाम हैं-

  1. भारती
  2. सरस्वती
  3. शारदा
  4. हंसवाहिनी
  5. जगती
  6. वागीश्वरी
  7. कुमुदी
  8. ब्रह्मचारिणी
  9. बुद्धिदात्री
  10. वरदायिनी
  11. चंद्रकांति
  12. भुवनेश्वरी
  • वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को बेसन के लड्डू या बेसन की बर्फी, बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं.
  • सफलता प्राप्ति के लिए मां सरस्वती पर हल्दी चढ़ाकर उस हल्दी से अपनी पुस्तक पर "ऐं" लिखें.
  • वाणी में मधुरता लाने के लिए देवी सरस्वती पर चढ़े शहद को हर सुबह नित्य प्रात: सबसे पहले सेवन करें.
  • बसंत पंचमी के दिन गहनें, कपड़े, वाहन आदि की खरीदारी आदि भी शुभ मानी जाती है.
Intro:रायपुर मां सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित बसंत पंचमी का पर्व इस साल 29 और 30 जनवरी 2 दिन पड़ रहे हैं लेकिन मूल बसंत पंचमी 30 जनवरी को मनाई जाएगी हिंदू कैलेंडर के अनुसार बसंत पंचमी का त्यौहार माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है और इस बार 30 जनवरी 2020 को मूल बसंत पंचमी मनाई जाएगी


Body:बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से विद्यार्थियों को बुद्धि और विद्या का वरदान प्राप्त होता है बसंत पंचमी के त्यौहार पर लोग पीले वस्त्र पहनते हैं और पीले रंग के फूलों से मां सरस्वती की पूजा करते हैं बसंत पंचमी के दिन से ही सबसे सुहाने मौसम बसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी से सर्दी कम हो जाती है और गर्मी के आगमन की आहट मिलने लगती है साथ ही प्रकृति रंग बिरंगे फूलों से सजना शुरू हो जाते हैं वसंत ऋतु फसलों और पेड़ पौधों में फल और फूल लगने का मौसम होता है जिससे प्रकृति का वातावरण बहुत ही सुहाना हो जाता है


Conclusion:बसंत पंचमी तिथि को शादी विवाह गृह प्रवेश अधिकारियों के लिए शुभ माना जाता है ज्योतिषाचार्य पंडित अरुणेश शर्मा के अनुसार बसंत पंचमी का दिन बहुत ही शुभ होता है किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए मुहूर्त देखने या पंडित से पूछने की आवश्यकता नहीं होती बसंत पंचमी को मां सरस्वती जयंती के रूप में भी मनाया जाता है ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस साल बसंत पंचमी 29 और 30 जनवरी को मनाई जाएगी लेकिन मूल बसंत पंचमी 30 जनवरी को होगा शुभ मुहूर्त की बात करें तो 29 जनवरी की सुबह 10:45 से 30 जनवरी की दोपहर 1.19 बजे तक रहेगी और मूल बसंत पंचमी 30 जनवरी को सुबह से दोपहर तक मनाई जा सकती है ।



बाइट पंडित अरुणेश शर्मा ज्योतिषाचार्य रायपुर



रितेश कुमार तंबोली ईटीवी भारत रायपुर
Last Updated : Jan 30, 2020, 8:01 AM IST
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