रायपुर: छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी को आन्ध्रप्रदेश के गुंटुर से गिरफ्तार कर रायपुर लाने के बाद शनिवार एसीबी ईओडब्लू की टीम ने कोर्ट में विशेष न्यायाधीश संतोष कुमार तिवारी की कोर्ट में पेश किया.. ACB/EOW ने पूछताछ और कुछ दस्तावेज समेत कई इलेक्ट्रोनिक गेजेट्स को जब्त करने के लिए 7 दिन की रिमांड मांगी. जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और गिरफ्तार आरोपी अशोक चतुर्वेदी को सात दिन के लिए रिमांड पर सौंप दिया.
अशोक चतुर्वेदी ने मांगी रुद्राक्ष माला और रामायण: कोर्ट में बहस के दौरान पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व जीएम अशोक चतुर्वेदी ने एक अनोखी मांग की.रिमांड के दौरान उन्होंने रुद्राक्ष की माला और रामायण साथ में रखने की मांग की. जिसका एसीबी ईओडब्लू के विशेष लोक अभियोजक मिथिलेश वर्मा ने विरोध करते हुए माला को पहनने से मना करने की अपील की...दरअसल सरकारी वकील ने तर्क देते हुए कोर्ट से अपील की कि रिमांड के दौरान माला से कस्टडी के दौरान फांसी लगाकर खुदकुशी जैसी कुछ भी अनहोनी हो सकती है. जिसके चलते कोर्ट ने अपनी ऑर्डर शीट में आरोपी की मांग मानते हुए रुदाक्ष की माला को पहनने की बजाए माला जपने का आदेश दिया.
हाईकोर्ट जमानत याचिका हुई थी खारिज : हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद अशोक चतुर्वेदी फरार चल रहे थे. ईओडब्ल्यू और एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम अशोक चतुर्वेदी को कई महीनों से ट्रैस कर रही थी. लेकिन उनकी लोकेशन नहीं पता चल रही थी.लेकिन पिछले दिनों आंध्रप्रदेश के गुंटूर के एक होटल में आरोपी अशोक चतुर्वेदी की लोकेशन मिली. जिसके बाद तत्काल टीम मौके के लिए रवाना हुई और अशोक चतुर्वेदी को दबोच लिया.
कब से चल रहे थे फरार : अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज है. इस मामले पर हाईकोर्ट ने अशोक चतुर्वेदी की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए कुछ दिनों पहले राहत दी थी.लेकिन ईओडब्लू की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अशोक चतुर्वेदी की जमानत याचिका खारिज कर दी.जिसके बाद से ही अशोक चतुर्वेदी फरार चल रहे थे.
क्या है अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ आरोप : छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व सीएम अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज है. शासकीय टेंडर प्रक्रिया में अशोक चतुर्वेदी ने करोड़ों रुपए की अनियमितता की है.जिसके बाद अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ अनियमितता की शिकायत दर्ज की गई.जिसके बाद अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में एफआईआर दर्ज हुई थी. साल 2019 में राज्य शासन ने अशोक चतुर्वेदी की पाठ्य पुस्तक निगम की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के बाद उन्हें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग उनके मूल विभाग में भेज दिया था.