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रायपुर के श्मशान घाटों में कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार की कैसी है व्यवस्था ?

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Published : May 18, 2021, 9:17 PM IST

छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों का आंकड़ा कम तो हो रहा है, लेकिन मौतों की संख्या में बहुत ज्यादा कमी देखने को नहीं मिली है. हालांकि रायपुर में कोरोना से मौत का आंकड़ा कम हुआ है. रायपुर में कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाटों में किस तरह की व्यवस्था की गई है, इसकी पड़ताल ईटीवी भारत की टीम ने की.

arrangements for Funeral OF corona infected corpses
कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत अन्य जिलों में कोरोना मरीजों की मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है. बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए रायपुर में 9 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया गया था. जो 31 मई तक जारी रहेगा. राजधानी में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ रही थी. जिसके कारण शहर में 18 जगहों पर कोरोना संक्रमित मरीजों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गई. हालांकि रायपुर में कोरोना से मौत का आंकड़ा अब कम हुआ है.

कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार की कैसी है व्यवस्था

राजधानी रायपुर में दो इलेक्ट्रिक और एक गैस चलित शवदाह गृह है. जहां पर कोरोना से मौत होने वाले मरीजों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. इसके साथ ही कई जगहों पर सामान्य अंतिम संस्कार भी हो रहा है. राजधानी में देवेंद्र नगर मुक्तिधाम में इलेक्ट्रिक से चलने वाला एक शवदाह गृह है. जो पिछले कुछ समय से खराब पड़ा हुआ है. ऐसे में यहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों का अंतिम संस्कार सामान्य अंतिम संस्कार की तरह लकड़ी से किया जा रहा है. मारवाड़ी श्मशान घाट में एक इलेक्ट्रिक और दूसरा गैस चलित शवदाह गृह है. जहां पर कोरोना संक्रमित मरीज की मौत होने पर उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

arrangements for Funeral OF corona infected corpses
कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार

'दुर्ग-भिलाई में मिल रहे ब्लैक फंगस के ज्यादा मरीज, 50 से ज्यादा AIIMS रायपुर में भर्ती'

अप्रैल के मुकाबले अंतिम संस्कार में आई कमी

नगर निगम के अधिकारी का कहना है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार कैसे किया जाए. यह सामान्य रूप से होने वाले अंतिम संस्कार की तरह है. अप्रैल में राजधानी रायपुर में 1 दिन में 100 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था. अब धीरे-धीरे हालात सामान्य होने के बाद इनकी संख्या में कमी आई है. अब यह संख्या घटकर लगभग 20 के आसपास पहुंच गई है.

arrangements for Funeral OF corona infected corpses
रायपुर के श्मशान घाटों का हाल

मारवाड़ी श्मशान घाट में दिन में 2 से 3 अंतिम संस्कार

मारवाड़ी श्मशान घाट के मैनेजर रविकांत साहू ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए मारवाड़ी श्मशान घाट में पहले ज्यादा शव आ रहे थे, लेकिन अभी कुछ समय से यह आंकड़ा घटकर 2 से 3 पर पहुंच गया है. इलेक्ट्रिक हो या फिर गैस चलित शवदाह गृह दोनों में लगभग 1 क्विंटल लकड़ी की आवश्यकता पड़ती है. जिसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया जाता है.

श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार को नहीं करना पड़ रहा इंतजार, मिली राहत

नए इलेक्ट्रिक शवदाह गृह बनाए जाएंगे

नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने बताया कि दो श्मशान घाट में इलेक्ट्रिक शवदाह गृह बनाए जाएंगे. इसके लिए निगम को राशि भी प्राप्त हो चुकी है. जिसका टेंडर भी किया गया है और जल्दी राजधानी में इसके निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी.

18 श्मशान घाटों में किया जा रहा अंतिम संस्कार

रायपुर में कोरोना के भयावह हालात के दौरान 18 जगहों पर मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया. 18 श्मशान घाटों में नया रायपुर, टाटीबंध, गोंदवारा, गोकुल नगर, रामनगर दिशा कॉलेज, देवेंद्र नगर, मारवाड़ी श्मशान घाट, सरजूबांधा, खपरा भट्टी, शंकर नगर, सद्दू, अटारी, अम्लीडीह, फुंडहर, जोरा, आमासिवनी, डूमर तालाब और राजेंद्र नगर शामिल है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत अन्य जिलों में कोरोना मरीजों की मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है. बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए रायपुर में 9 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया गया था. जो 31 मई तक जारी रहेगा. राजधानी में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ रही थी. जिसके कारण शहर में 18 जगहों पर कोरोना संक्रमित मरीजों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गई. हालांकि रायपुर में कोरोना से मौत का आंकड़ा अब कम हुआ है.

कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार की कैसी है व्यवस्था

राजधानी रायपुर में दो इलेक्ट्रिक और एक गैस चलित शवदाह गृह है. जहां पर कोरोना से मौत होने वाले मरीजों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. इसके साथ ही कई जगहों पर सामान्य अंतिम संस्कार भी हो रहा है. राजधानी में देवेंद्र नगर मुक्तिधाम में इलेक्ट्रिक से चलने वाला एक शवदाह गृह है. जो पिछले कुछ समय से खराब पड़ा हुआ है. ऐसे में यहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों का अंतिम संस्कार सामान्य अंतिम संस्कार की तरह लकड़ी से किया जा रहा है. मारवाड़ी श्मशान घाट में एक इलेक्ट्रिक और दूसरा गैस चलित शवदाह गृह है. जहां पर कोरोना संक्रमित मरीज की मौत होने पर उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

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कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार

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अप्रैल के मुकाबले अंतिम संस्कार में आई कमी

नगर निगम के अधिकारी का कहना है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार कैसे किया जाए. यह सामान्य रूप से होने वाले अंतिम संस्कार की तरह है. अप्रैल में राजधानी रायपुर में 1 दिन में 100 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था. अब धीरे-धीरे हालात सामान्य होने के बाद इनकी संख्या में कमी आई है. अब यह संख्या घटकर लगभग 20 के आसपास पहुंच गई है.

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रायपुर के श्मशान घाटों का हाल

मारवाड़ी श्मशान घाट में दिन में 2 से 3 अंतिम संस्कार

मारवाड़ी श्मशान घाट के मैनेजर रविकांत साहू ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए मारवाड़ी श्मशान घाट में पहले ज्यादा शव आ रहे थे, लेकिन अभी कुछ समय से यह आंकड़ा घटकर 2 से 3 पर पहुंच गया है. इलेक्ट्रिक हो या फिर गैस चलित शवदाह गृह दोनों में लगभग 1 क्विंटल लकड़ी की आवश्यकता पड़ती है. जिसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया जाता है.

श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार को नहीं करना पड़ रहा इंतजार, मिली राहत

नए इलेक्ट्रिक शवदाह गृह बनाए जाएंगे

नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने बताया कि दो श्मशान घाट में इलेक्ट्रिक शवदाह गृह बनाए जाएंगे. इसके लिए निगम को राशि भी प्राप्त हो चुकी है. जिसका टेंडर भी किया गया है और जल्दी राजधानी में इसके निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी.

18 श्मशान घाटों में किया जा रहा अंतिम संस्कार

रायपुर में कोरोना के भयावह हालात के दौरान 18 जगहों पर मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया. 18 श्मशान घाटों में नया रायपुर, टाटीबंध, गोंदवारा, गोकुल नगर, रामनगर दिशा कॉलेज, देवेंद्र नगर, मारवाड़ी श्मशान घाट, सरजूबांधा, खपरा भट्टी, शंकर नगर, सद्दू, अटारी, अम्लीडीह, फुंडहर, जोरा, आमासिवनी, डूमर तालाब और राजेंद्र नगर शामिल है.

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