रायपुर : देश में कोरोना के नए वैरिएंट का खतरा बरकरार है. इसके मद्देनजर शासन प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है. Chhattisgarh Health Department कोरोना से निपटने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी कर रहा है. राज्य के कई जिलों में मॉक ड्रिल भी किया गया है. इस बीच शासन प्रशासन ने सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड में कर दिया है. इसके अलावा विदेश से आने वाले लोगों की भी जांच की जा रही Arrangements completed to fight new variant of Corona है. कोरोना की पहली लहर में मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी ऑक्सीजन की कमी की वजह से उठाना पड़ा था. पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन ना होने से कई जगह स्थिति बद से बदतर थी. साथ ही अस्पतालों में भी बेड की संख्या काफी कम थी. जिस वजह से मरीजों को उपचार के लिए दर-दर भटकना पड़ता था. लेकिन बाद में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने व्यापक स्तर पर तैयारी की. स्वास्थ्य विभाग ने हर जिले में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का प्रावधान लाया. प्लांट लगने से अब प्रदेश के हर जिले में पर्याप्त ऑक्सीजन की उपलब्धता है.कई नया सीजन प्लान डाले गए बाद में ऐसी स्थिति बन गई कि छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों को भी ऑक्सीजन सप्लाई करने लगा. वहीं अस्पतालों की व्यवस्था भी दुरुस्त की गई और ज्यादा से ज्यादा बेड की व्यवस्था की गई. Arrangements to deal with Corona in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन की क्या स्थिति है इसकी पड़ताल ईटीवी भारत ने की.
छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन की क्या है स्थिति : कोरोना की पहली लहर के बाद से प्रदेश में ऑक्सीजन की डिमांड तेजी से बढ़ी. जिसके बाद सरकार ने अधिकतर शासकीय स्कूलों में oxygen plant लगाने के निर्देश दिए. वहीं निजी ऑक्सीजन प्लांटों को भी सरकार ने अनुमति दी. बाद में छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन का इतना उत्पादन हुआ कि इसकी आपूर्ति पड़ोसी राज्यों को भी छत्तीसगढ़ करने लगा. वर्तमान में छत्तीसगढ़ आगामी समय में किसी भी विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार है.
छत्तीसगढ़ में कहां कहां ऑक्सीजन प्लांट हैं मौजूद : Chhattisgarh Health Department से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में लगभग 112 ऑक्सीजन प्लांट संचालित हैं.जिसमें 80 हजार लीटर पर मिनट कैपेसिटी की ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता है. प्रदेश के 17 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हैं. जिसमें रायपुर , दुर्ग , बिलासपुर , बस्तर , बीजापुर , दंतेवाड़ा , धमतरी , जशपुर , कांकेर , कोरबा , कोरिया , महासमुंद , रायगढ़ , राजनांदगांव है. जिसमें से 49 ऑक्सीजन प्लांट पीएम केयर्स फंड से लगाए गए हैं. पीएम केयर्स फंड से बनाया गया ऑक्सीजन प्लांट का रखरखाव और पूरी व्यवस्था छत्तीसगढ़ शासन के देखरेख में की जाती है. 46 ऑक्सीजन प्लांट सीजीएमसी ( Chhattisgarh Medical Council) संचालित करती हैं. 17 ऑक्सीजन प्लांट एनजीओ और निजी संस्थाएं संचालित करती है.
वर्तमान में कितनी है ऑक्सीजन की खपत : जानकारी के मुताबिक प्रदेश में बनाए गए 112 ऑक्सीजन प्लांट में से वर्तमान में 386.92 मैट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन का उत्पाद हो रहा है. Arrangements to deal with Corona in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की खपत 169 मेट्रिक टन की थी. वहीं कोरोना की तीसरी लहर में ऑक्सीजन की खपत घटकर 105 मैट्रिक टन तक रह गई थी. क्योंकि तीसरी लहर के दौरान ज्यादातर मरीजों को हॉस्पिटल में एडमिट करने की जरूरत ही नहीं पड़ी. यही स्थिति कोरोना की चौथी लहर में भी थी जिस वजह से ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ी. वहीं अभी प्रदेश में सभी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन प्लांट संचालित किए जा रहे हैं. लेकिन प्रदेश में ऑक्सीजन की खपत काफी कम Raipur latest news है.
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प्रदेश में उपलब्ध बेड की संख्या : ''छत्तीसगढ़ में अस्पतालों में उपलब्ध बेड की बात की जाए तो प्रदेश में 7403 नॉर्मल बेड उपलब्ध हैं. वहीं 10490 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं. इसके अलावा 1282 एचडीयू और 1571 आईसीयू बेड है. साथ ही 1132 वेंटिलेटर बेड भी मौजूद हैं. इतना ही नहीं प्रदेश में 10881 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी उपलब्ध है.'' डॉ सुभाष मिश्रा, संचालक, महामारी नियंत्रक, छत्तीसगढ़