रायपुर: छत्तीसगढ़ में लगातार अपराधिक मामले बढ़ते जा रहे हैं. इन अपराधों में ज्यादातर महिला संबंधित अपराध देखने को मिले हैं. छत्तीसगढ़ डीजीपी डीएम अवस्थी ने अपराधों पर ब्रेक लगाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं. कई बार रायपुर पुलिस की बैठक बुलाई जा चुकी है. अब पुलिस विभाग महिला संबंधित मामलों पर खास नजर रख रहा है. आरोपियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है.
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रायपुर जिला में कुल 33 पुलिस थाने हैं, जिनमें हर थानों में पुलिस ने महिला डेस्क बनाया है. वुमेन पुलिस महिलाओं से जुड़ी शिकायतें दर्ज करती हैं. हर थानों में इसके लिए एक अलग कक्ष बनाया गया है. जहां महिला स्टाफ महिलाओं से संबंधित केस दर्ज करती हैं. रायपुर के नगर निगम चौक के पास महिला थाना बनाया गया है.
पुलिस थानों में बनाए गए महिला संवेदना कक्ष
उरला थाना, आजाद चौक थाना, कोतवाली थाना, सिविल लाइन थाना जैसे कुछ थानों में महिला संवेदना कक्ष बनाए गए हैं. महिला पुलिस संवेदना कक्ष में महिलाओं की काउंसलिंग करती हैं. महिलाओं को हो रही परेशानियों से संबंधित बातें की जाती है. महिलाओं को समझाया जाता है. इसके लिए रायपुर के नगर निगम चौक के पास महिला थाना बनाया गया है.
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महिला आसानी से अपनी परेशानी बता रही हैं
रायपुर एडिशनल एसपी तारकेश्वर पटेल ने बताया कि रायपुर के सभी पुलिस थानों में महिला डेस्क की स्थापना की गई है. थानों में महिला संवेदना कक्ष भी बनाए गए हैं. जहां महिलाओं के संवेदनशीलता का ध्यान रखा जाता है. ताकि महिला आसानी से अपनी परेशानी बता सकें. इन महिलाओं से महिला स्टाफ ही पूछताछ करती हैं. महिलाओं को जल्द न्याय दिलाने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है.
स्मार्ट थानों में किस तरह की है व्यवस्था
रायपुर में हाईटेक पुलिस थाने बनाए जा रहे हैं. महिलाओं के लिए संवेदना कक्ष बनाए गए हैं. महिलाओं की संवेदनशीलता का ध्यान रखा जाता है. महिला स्टाफ ही पाड़िताओं से पूछताछ करती हैं. महिलाओं की सुरक्षा, महिला संबंधित अपराध पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने की कोशिश की जा रही है.
महिलाओं की सभी बातों को धैर्यपूर्वक सुना जाता है
महिलाओं ने बताया कि थाने जाने पर सबसे पहले एक महिला स्टाफ ही अटेंड करती हैं. पुलिस थाने में महिला स्टाफ अच्छा धैर्यता दिखाती हैं, जिससे काफी अच्छा लगता है. शिकायत दर्ज कराने आई महिलाओं की सभी बातों को धैर्य पूर्वक सुना जाता है. महिलाओं की काउंसलिंग की जाती है. महिलाओं से हुए दुराचार को सुना और समझा जाता है. इससे महिलाओं को अपनी समस्या बताने में काफी आसानी हो जाती है.