रायपुर: सैंट टैरेसा चर्च के फादर जॉन ने बताया कि '' हमारे महाधर्म प्रांत का डायसिस रायपुर है. इसकी 50 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. बीते 50 सालों में ईश्वर की ओर से अनगिनत वरदान हमने अनुभव किए हैं. ईश्वर का वरदान केवल हम इसाईयों के लिए नहीं बल्कि सभी जनता के लिए है. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हम लोगों ने जो काम किया है, उसमें ईश्वर का आशीर्वाद रहा है. ईश्वर जयंती के अवसर पर ईश्वर को हम धन्यवाद देना चाहते हैं. हम अयोग्य लोगों का ईश्वर ने उपयोग करते हुए देश और प्रदेश की जनता की भलाई के लिए बहुत सारे काम कराएं हैं. ईश्वर को धन्यवाद देने का यह शुभ अवसर है.''
लियोपोलोदो जिरेल्ली हैं मुख्य अतिथि: सैंट टैरेसा चर्च के फादर जॉन ने बताया कि ''इस कार्यक्रम में देश के 20 धर्मादित्य शामिल हुए हैं. मुख्य अतिथि वेटिकन के भारत में राजदूत महामहिम लियोपोलोदो जिरेल्ली हैं. वे भारत और नेपाल के राजदूत हैं. प्रदेश के सभी गणमान्य नागरिक और धर्मगुरु के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं.''
गोल्डन जुबली पर कई कार्यक्रम: फादर जॉन ने बताते हैं कि ''यह ईश्वर को धन्यवाद देने का अवसर है. ईश्वर की आराधना कर उन्हें धन्यवाद देने का बाद प्रीतिभोज है. इसके बाद सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम रखे गए हैं."
प्रशासनिक कामों में सुविधा के लिए कलीसिया का डिवीजन: फादर जॉन के मुताबिक ''विश्वव्यापी कैथोलिक कलीसिया को अलग अलग प्रदेश और जिलों में विभाजित किया गया है. इसे प्रशासनिक कार्य और प्रशासनिक सहयोग के लिए डिवाइड किया गया है."
5 जुलाई 1973 को हुई थी रायपुर धर्म प्रांत की स्थापना: रायपुर धर्म प्रांत की स्थापना 5 जुलाई 1973 को हुई थी. इसके पहले तक यह क्षेत्र नागपुर महा धर्मप्रांत का हिस्सा बना रहा. पलोटी धर्म समाज के पुरोहित फादर जॉन वाइडनर को इसका फर्स्ट अपोस्टोलिक बिशप नियुक्त किया. 17 अगस्त 1974 को उनकी मृत्यु के बाद वेरनेर हॉल्ड को रायपुर धर्म प्रांत का अपोस्टोलिक एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया, जिनका कार्यकाल 1983 तक रहा. फिर अंबिकापुर डायसिस से ट्रांसफर होकर प्रथम बिशप डॉ. फिलिप एक्का 6 जनवरी 1985 को यहां आए. 7 फरवरी 1993 को बिशप जोसफ ऑगस्टिन दूसरे बिशप बने. 18 मार्च 2004 को रायपुर डायसिस को मेट्रोपॉलिटन आर्च डायसिस का दर्जा प्राप्त हुआ, तब वे पहले आर्च बिशप भी बने. फिर 19 सितंबर 2013 को आर्च बिशप के रूप में डॉ. विक्टर हैनरी ठाकुर को जिम्मेदारी मिली. तब से ने ही इस दायित्व को निभा रहे हैं.