रायपुर: छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल कहा जाता है. भगवान राम ने वनवास के दौरान काफी वक्त छत्तीसगढ़ में गुजारा था. छ्त्तीसगढ़ में पौराणिक, धार्मिक और ऐतिहासिक मान्यताओं के आधार पर कई स्थानों को भगवान राम से जोड़कर देखा जाता है. सरकार यहां राम-वन-गमन-पथ विकसित कर रही है. इसके साथ ही भूपेश सरकार सरगुजा अंचल के एक मंदिर में रखे धनुष की जांच कराने जा रही है, जिसे स्थानीय लोग श्रीराम का धनुष कहते हैं.
सूरजपुर जिले की हरिहरपुर ग्राम पंचायत के रामेश्वर नगर के करीब अमझर पहाड़ी पर एक राम मंदिर स्थित है. मंदिर में विशालकाय तीर और धनुष रखे गए हैं. इस धनुष की लंबाई 12 फीट और वजन 90 किलो है. ग्रामीण बताते हैं कि पहले यह धनुष पहाड़ी पर रखा हुआ था. बाद में गांववालों ने राम मंदिर बनवाकर उसे यहां रखवाया है.
'भगवान राम का धनुष'
स्थानीय लोगों की आस्था है कि यह धनुष भगवान राम का है. लोग कहते हैं कि ये धनुष परशुराम ने भगवान श्रीराम को दिया था. यहां रहने वाले लोगों की भगवान राम और इस धनुष में अथाह श्रद्धा देखने को मिलती है. लोगों के इस विश्वास की पड़ताल अब छत्तीसगढ़ संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग करने जा रहा है.
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गुफाओं का भी होगा खुलासा
अमझर पहाड़ी में जहां तीर धनुष रखा हुआ है, वहां चारों तरफ पत्थरों से बनी हुई कई गुफाएं भी हैं. लोगों का मानना है कि इस क्षेत्र का व्यापक अध्ययन कराने से इस धनुष के साथ ही इन गुफाओं के संबंध में भी बड़ा खुलासा हो सकता है.
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जल्द पुरातत्व विभाग की टीम शुरू करेगी जांच
संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के उपसंचालक जेआर भगत ने बताया कि विभाग को एक पत्र प्राप्त हुआ है. जिसमें धनुष को भगवान राम का बताया गया है. इस पत्र के आधार पर एक टीम गठित कर जल्द मौके पर भेजी जाएगी. टीम धनुष के बारे में विस्तार से जानकारी जुटाएगी. विभाग के अधिकारी ने बताया कि पत्र के बाद ये फैसला लिया गया कि धनुष की उम्र पता लगाई जाए. ये जाना जाए कि वो कितने साल पुराना है ?
डैम निर्माण के दौरान मिला था धनुष
भगत ने यह भी बताया कि यहां पर लगभग 100 साल पहले जब डैम बन रहा था. उस दौरान खुदाई में धनुष मिलने की बात सामने आई है. लेकिन इस धनुष की वास्तविक आयु कितनी है इसका पता नहीं है. जांच दल कार्बन रीडिंग कर इस धनुष की वास्तविक आयु का पता लगाएंगे.
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जांच के बाद पता चलेगा किसका धनुष ?
भगवान श्री राम के धनुष तीर मिलने के बाद क्षेत्र के लोग जहां इसे आस्था से जोड़कर देख रहे हैं. वहीं पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग के अनुसार धनुष भगवान राम का नहीं है. इसकी प्राचीनता को लेकर जरूर विभाग जांच करने की बात कह रहा है. अब इस मामले में कितनी सच्चाई है ? इसका पता जांच के बाद ही चल सकेगा.