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छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों का हल्ला बोल, पहली बार खेल विभाग का घेराव

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Published : Mar 21, 2023, 5:40 PM IST

Updated : Mar 21, 2023, 7:06 PM IST

छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी आज अपने हक की लड़ाई के लिए सड़क पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया. आज प्रदेश भर से जुटे खिलाड़ियों ने छत्तीसगढ़ खेल विभाग के दफ्तर का घेराव किया. छत्तीसगढ़ में अलंकरण समारोह और उत्कृष्ट खिलाड़ियों के नाम की घोषणा नहीं होने से खिलाड़ी नाराज हैं.

Players protest in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ खेल विभाग
छत्तीसगढ़ खेल विभाग

रायपुर: छत्तीसगढ़ में पहली बार खिलाड़ियों ने रायपुर पहुंचकर खेल विभाग का घेराव किया. छत्तीसगढ़ के नाराज प्लेयर्स का कहना है कि साल 2007 के राजपत्र में हर साल उत्कृष्ट खिलाड़ी के नाम की घोषणा करने का जिक्र है. इसका फायदा साल 2015 से खिलाड़ियों को नहीं मिल रहा है.

उत्कृष्ट खिलाड़ी के नाम की घोषणा नहीं होने से नाराज: खिलाड़ियों के मुताबिक छत्तीसगढ़ खेल विभाग (Chhattisgarh Sports Department) की तरफ से साल 2018 में उत्कृष्ट खिलाड़ियों का आवेदन आया लेकिन घोषणा नहीं हुई है. साल 2020 में फिर आवेदन मांगा गया, लेकिन घोषणा नहीं हुई. अब परेशान होकर सभी खिलाड़ी खेल विभाग के सामने धरना देने के लिए मजबूर हैं.

सीएम से खिलाड़ियों के हित में फैसले की मांग: राष्ट्रीय खिलाड़ी मोहन राव ने बताया कि ''उत्कृष्ट खिलाड़ियों की घोषणा और अलंकरण सम्मान खिलाड़ियों को सीधा फायदा पहुंचाते हैं. आकर्षी कश्यप को डीएसपी बनाए जाने का स्वागत करते हैं लेकिन पिछले 15 साल से बेहतर प्रदर्शन कर रहे राष्ट्रीय खिलाड़ियों का ध्यान रखना चाहिए. वह सीनियर वर्ग कैटेगरी में राष्ट्रीय लेवल में मेडल जीत रहे हैं. खेल विभाग आश्वासन देता है लेकिन खिलाड़ियों के हित में काम नहीं हो रहा है. सीएम भूपेश बघेल से गुहार लगा रहे हैं कि खिलाड़ियों के हित में फैसला हो.''

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़: दो साल से नहीं मिला अनुदान, ऐसे में कैसे निकलेंगे चैंपियन ?

उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित करने से क्या फायदा होता है: खिलाड़ियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ी सेंट्रल जॉब में चले गए हैं. राष्ट्रीय खिलाड़ी बचे हैं. उनमें से आधे का 5-6 साल क्लियर कर लिस्ट से नाम काट दिया गया है. अब जो बचे खिलाड़ी हैं वह भी कहीं न कहीं सेंट्रल की जॉब में प्रदेश छोड़कर अन्य राज्यों में चले गए हैं. उन सब की इच्छा है कि वह प्रदेश में ही रहे और खेल को बढ़ावा दें. आज हम को सरकारी नौकरी मिलती है तो हम नीचे की जो भविष्य है. वह जिंदा रहेगी और खेल छत्तीसगढ़ में जिंदा रहेगा. वरना छत्तीसगढ़ में खिलाड़ियों का भविष्य अंधकार की ओर अग्रसर है.

खिलाड़ियों का मनोबल हो रहा डाउन: कोच संजय शुक्ला ने बताया कि पिछले कई सालों से उत्कृष्ट खिलाड़ियों की घोषणा नहीं हो पाई है. उत्कृष्ट खिलाड़ियों की घोषणा होने से उन तमाम खिलाड़ियों को शासकीय सेवा में मदद मिलती है. उनके खेल के रैंक और एजुकेशन के हिसाब से उन्हें नौकरी दी जाती है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि पिछले कई वर्षों से उत्कृष्ट खिलाड़ियों की घोषणा नहीं होने से कई खिलाड़ी ओवर एज हो गए हैं. ऐसे में खिलाड़ियों का नुकसान हो रहा है. सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. तभी खिलाड़ियों का भी मनोबल बढ़ेगा.

खेल अलंकरण समारोह नहीं होने से भी नाराजगी: नेट बॉल की नेशनल प्लेयर खुशबू कुशवाहा कहती हैं कि ''साल 2019 में दिल्ली में हुई नेशनल स्पर्धा में जीत हासिल की लेकिन राज्य सरकार से सम्मान नहीं मिला है. कुछ सालों से खेल अलंकरण समारोह भी नहीं हो रहा है.''

छत्तीसगढ़ खेल विभाग

रायपुर: छत्तीसगढ़ में पहली बार खिलाड़ियों ने रायपुर पहुंचकर खेल विभाग का घेराव किया. छत्तीसगढ़ के नाराज प्लेयर्स का कहना है कि साल 2007 के राजपत्र में हर साल उत्कृष्ट खिलाड़ी के नाम की घोषणा करने का जिक्र है. इसका फायदा साल 2015 से खिलाड़ियों को नहीं मिल रहा है.

उत्कृष्ट खिलाड़ी के नाम की घोषणा नहीं होने से नाराज: खिलाड़ियों के मुताबिक छत्तीसगढ़ खेल विभाग (Chhattisgarh Sports Department) की तरफ से साल 2018 में उत्कृष्ट खिलाड़ियों का आवेदन आया लेकिन घोषणा नहीं हुई है. साल 2020 में फिर आवेदन मांगा गया, लेकिन घोषणा नहीं हुई. अब परेशान होकर सभी खिलाड़ी खेल विभाग के सामने धरना देने के लिए मजबूर हैं.

सीएम से खिलाड़ियों के हित में फैसले की मांग: राष्ट्रीय खिलाड़ी मोहन राव ने बताया कि ''उत्कृष्ट खिलाड़ियों की घोषणा और अलंकरण सम्मान खिलाड़ियों को सीधा फायदा पहुंचाते हैं. आकर्षी कश्यप को डीएसपी बनाए जाने का स्वागत करते हैं लेकिन पिछले 15 साल से बेहतर प्रदर्शन कर रहे राष्ट्रीय खिलाड़ियों का ध्यान रखना चाहिए. वह सीनियर वर्ग कैटेगरी में राष्ट्रीय लेवल में मेडल जीत रहे हैं. खेल विभाग आश्वासन देता है लेकिन खिलाड़ियों के हित में काम नहीं हो रहा है. सीएम भूपेश बघेल से गुहार लगा रहे हैं कि खिलाड़ियों के हित में फैसला हो.''

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़: दो साल से नहीं मिला अनुदान, ऐसे में कैसे निकलेंगे चैंपियन ?

उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित करने से क्या फायदा होता है: खिलाड़ियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ी सेंट्रल जॉब में चले गए हैं. राष्ट्रीय खिलाड़ी बचे हैं. उनमें से आधे का 5-6 साल क्लियर कर लिस्ट से नाम काट दिया गया है. अब जो बचे खिलाड़ी हैं वह भी कहीं न कहीं सेंट्रल की जॉब में प्रदेश छोड़कर अन्य राज्यों में चले गए हैं. उन सब की इच्छा है कि वह प्रदेश में ही रहे और खेल को बढ़ावा दें. आज हम को सरकारी नौकरी मिलती है तो हम नीचे की जो भविष्य है. वह जिंदा रहेगी और खेल छत्तीसगढ़ में जिंदा रहेगा. वरना छत्तीसगढ़ में खिलाड़ियों का भविष्य अंधकार की ओर अग्रसर है.

खिलाड़ियों का मनोबल हो रहा डाउन: कोच संजय शुक्ला ने बताया कि पिछले कई सालों से उत्कृष्ट खिलाड़ियों की घोषणा नहीं हो पाई है. उत्कृष्ट खिलाड़ियों की घोषणा होने से उन तमाम खिलाड़ियों को शासकीय सेवा में मदद मिलती है. उनके खेल के रैंक और एजुकेशन के हिसाब से उन्हें नौकरी दी जाती है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि पिछले कई वर्षों से उत्कृष्ट खिलाड़ियों की घोषणा नहीं होने से कई खिलाड़ी ओवर एज हो गए हैं. ऐसे में खिलाड़ियों का नुकसान हो रहा है. सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. तभी खिलाड़ियों का भी मनोबल बढ़ेगा.

खेल अलंकरण समारोह नहीं होने से भी नाराजगी: नेट बॉल की नेशनल प्लेयर खुशबू कुशवाहा कहती हैं कि ''साल 2019 में दिल्ली में हुई नेशनल स्पर्धा में जीत हासिल की लेकिन राज्य सरकार से सम्मान नहीं मिला है. कुछ सालों से खेल अलंकरण समारोह भी नहीं हो रहा है.''

Last Updated : Mar 21, 2023, 7:06 PM IST
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