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Anganwadi workers Protest in Raipur: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का बघेल सरकार पर हमला, सरकारी अल्टीमेटम की कॉपी को जलाया

बघेल सरकार के चार साल पूरे होने के बाद भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगें पूरी नहीं हुई है. यही वजह है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ लगातार विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. सरकार की तरफ से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हड़ताल खत्म करने का अल्टीमेटम दिया गया है. इस अल्टीमेटम की प्रतियां धरना स्थल पर जलाई गई.आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिखाई दे रहें हैं.

Anganwadi Protest in Raipur
रायपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का प्रदर्शन
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Published : Feb 17, 2023, 11:13 PM IST

रायपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

रायपुर: छत्तीसगढ़ आगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की प्रदेश अध्यक्ष सरिता पाठक ने बताया कि "23 जनवरी से अपनी 6 सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. सभी जिला मुख्यालय में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार ने अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की है. शासन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ को अपनी हड़ताल समाप्त करने के लिए 48 घंटे का लिखित अल्टीमेटम दिया गया है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं. लिखित आदेश की प्रतियां भी आज प्रदर्शन स्थल पर जलाई."

रायपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन: छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ की रायपुर जिला अध्यक्ष सुनीति साहू ने बताया कि "इनकी हड़ताल से गर्भवती माता और कुपोषित बच्चों का खानपान भी प्रभावित हो रहा है. इस हड़ताल से प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्र पूरी तरह से बंद पड़े हुए है. सभी जिला मुख्यालय में लगातार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिका अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक हड़ताल पर डटे रहने की बात आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ ने कही है. चुनावी साल होने के कारण बजट में इनकी मांगें पूरी नहीं होती है, तो दबी जुबान से आने वाले चुनाव में सरकार का क्या होगा."

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ की 6 सूत्रीय मांगों पर नजर

  1. शासकीय कर्मचारी घोषित करते तक जन घोषणा पत्र में किए गए लिखित वादे को पूरा किया जाए
  2. सामाजिक सुरक्षा के रूप में मासिक पेंशन और समूह बीमा योजना के लिए नीति निर्धारित कर इसको लागू किया जाए. सेवानिवृत्त और मृत्यु होने पर कार्यकर्ताओं को 5 लाख रुपए और सहायिकाओं को 3 लाख रुपए की राशि एकमुश्त दिया जाए.
  3. मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी बनाने के साथ ही कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में नियुक्ति दी जाए.
  4. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर के रिक्त पद पर शत प्रतिशत बिना उम्र बंधन और बिना परीक्षा लिए नियुक्ति दी जाए. सहायिकाओं को कार्यकर्ता के रिक्त पद पर भर्ती किया जाए. 25% का बंधन समाप्त करने के साथ ही विभागीय सेवा भर्ती नियम में संशोधन किया जाना चाहिए.
  5. प्रदेश स्तर में रिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों को जल्द भरा जाए.
  6. पोषण ट्रैकर एप और अन्य कोई भी कार्य जब तक मोबाइल नेट चार्ज करने का पैसा नहीं दिया जाता है. तब तक मोबाइल से कोई भी कार्य नही कराया जाना चाहिए.

रायपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

रायपुर: छत्तीसगढ़ आगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की प्रदेश अध्यक्ष सरिता पाठक ने बताया कि "23 जनवरी से अपनी 6 सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. सभी जिला मुख्यालय में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार ने अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की है. शासन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ को अपनी हड़ताल समाप्त करने के लिए 48 घंटे का लिखित अल्टीमेटम दिया गया है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं. लिखित आदेश की प्रतियां भी आज प्रदर्शन स्थल पर जलाई."

रायपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन: छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ की रायपुर जिला अध्यक्ष सुनीति साहू ने बताया कि "इनकी हड़ताल से गर्भवती माता और कुपोषित बच्चों का खानपान भी प्रभावित हो रहा है. इस हड़ताल से प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्र पूरी तरह से बंद पड़े हुए है. सभी जिला मुख्यालय में लगातार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिका अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक हड़ताल पर डटे रहने की बात आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ ने कही है. चुनावी साल होने के कारण बजट में इनकी मांगें पूरी नहीं होती है, तो दबी जुबान से आने वाले चुनाव में सरकार का क्या होगा."

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ की 6 सूत्रीय मांगों पर नजर

  1. शासकीय कर्मचारी घोषित करते तक जन घोषणा पत्र में किए गए लिखित वादे को पूरा किया जाए
  2. सामाजिक सुरक्षा के रूप में मासिक पेंशन और समूह बीमा योजना के लिए नीति निर्धारित कर इसको लागू किया जाए. सेवानिवृत्त और मृत्यु होने पर कार्यकर्ताओं को 5 लाख रुपए और सहायिकाओं को 3 लाख रुपए की राशि एकमुश्त दिया जाए.
  3. मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी बनाने के साथ ही कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में नियुक्ति दी जाए.
  4. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर के रिक्त पद पर शत प्रतिशत बिना उम्र बंधन और बिना परीक्षा लिए नियुक्ति दी जाए. सहायिकाओं को कार्यकर्ता के रिक्त पद पर भर्ती किया जाए. 25% का बंधन समाप्त करने के साथ ही विभागीय सेवा भर्ती नियम में संशोधन किया जाना चाहिए.
  5. प्रदेश स्तर में रिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों को जल्द भरा जाए.
  6. पोषण ट्रैकर एप और अन्य कोई भी कार्य जब तक मोबाइल नेट चार्ज करने का पैसा नहीं दिया जाता है. तब तक मोबाइल से कोई भी कार्य नही कराया जाना चाहिए.
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