रायपुर: सदी की भयंकर त्रासदी बनकर उभरे कोरोना वायरस ने लोगों को वो जख्म दिया है, जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था. लॉकडाउन से पहले आर्थिक स्तर में लगातार आ रहे सुधार के बाद शायद किसा ने ये सोचा भी नहीं होगा कि उनके सामने खाने-पीने तक की दिक्कत आ जाएगी, खास कर वो वर्ग जो अपने जीवन स्तर में सुधार, बच्चों के भविष्य और समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए गांव से शहरों की ओर आया था. इनमें कई ऐसे भी लोग हैं, जो एक राज्य से दूसरे राज्य काम करने के लिए आए थे और लॉकडाउन में फंस गए. इनके सामने खाने-पीने तक की दिक्कत हो गई.
आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम कर रही मदद
ऐसे ही लोगों की मदद करने के लिए शासन-प्रशासन के साथ ही कई सामाजिक संगठन, NGO और सोशल वर्कर्स भी सामने आए हैं. ओडिशा से रायपुर रोजी-रोटी कमाने आए कई ऐसे परिवार हैं, जिनके पास लॉकडाउन के बाद ना ही काम है और ना ही राशन, ऐसे ही लोगों की मदद का जिम्मा उठाया है आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ने भी.
ये टीम शहर के उन इलाकों में जा रही है, जहां इन्हें प्रशासन की तरफ से राशन नहीं मिल पा रहा है या फिर जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. ऐसे लोगों को आनंद मार्ग यूनिवर्सल टीम की तरफ से ना सिर्फ जरूरी खाने-पीने का सामान दिया जा रहा है, बल्कि बच्चों की जरूरतों को भी ध्यान में रखकर बिस्किट, चना, मुर्रा और मिक्सचर भी दिया जा रहा है. आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम के संयोजक ने ETV भारत से बात की और बताया कि लॉकडाउन होते ही उनकी टीम जिम्मेदारी निभाने सड़कों पर निकल पड़ी है. इस दौरान जहां से उन्हें मदद के लिए फोन आ रहे हैं वहां उनकी टीम पहुंच रही है और जरूरतमंदों तक हरसंभव मदद पहुंचा रही है. आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम हर रोज लगभग 100 से 150 लोगों तक राशन पहुंचा रही है.
गरीबों को मदद पहुंचाने में ETV भारत बना प्लेटफॉर्म
आनंद मार्ग के साथ-साथ ETV भारत भी अपना सामाजिक सरोकार निभा रहा है और अपने हेल्पलाइन नंबर पर मिलने वाली शिकायतों को सामाजिक संगठनों और प्रशासन तक पहुंचाने का एक बड़ा जरिया बनकर उभरा है, ताकि हर गरीब का पेट भर सके.
ETV भारत ने इन गरीब मजबूरों से बात भी की, राशन मिलने के बाद इन्हें राहत तो जरूर मिली, लेकिन ओडिशा से आए इन गरीबों ने अपनी सरकार से लॉकडाउन के इस काल में अपने गांव पहुंचाने की मदद करने की अपील की.