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'छत्तीसगढ़िया सरकार' के 2 साल : वादे-इरादे का हाल, कितनी बेमिसाल

17 दिसंबर साल 2018 को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का वनवास खत्म हुआ था. 15 साल बाद कांग्रेस को सत्ता मिली थी. इस जीत का सेहरा भूपेश बघेल सिर सजा था. जीत दिलाने वाली टीम के पक्के खिलाड़ी टीएस सिंहेदव थे. कांग्रेस को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका घोषणा पत्र की थी. इसे बनाने में सिंहदेव का बड़ा रोल था. पढ़े भूपेश सरकार की रिपोर्ट कार्ड

भूपेश सरकार के दो साल
भूपेश सरकार के दो साल
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Published : Dec 16, 2020, 8:28 PM IST

रायपुर: आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बने 2 साल पूरे हो गए हैं. इस दो साल में बघेल सरकार पूरी तरह से लोकल पर वोकल रही. देसी छवि अपनाकर बघेल की टीम के खिलाड़ी 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का नारा लगे रहे हैं. नरवा, गुरुवा, घुरवा और बाड़ी योजना हो, गोधन योजना हो या फिर राजीव गांधी किसान न्याय योजना इस सरकार का पूरा फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर रहा है. 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का वादा भी सरकार ने पूरा किया है.

पोला, हरेली, तीज सीएम हाउस में मनाए गए. देसी रिवाजों को ठेठ अंदाज के साथ मनाने में सरकार आगे है. कुल मिलाकर दो साल में सरकार का फोकस छत्तीसगढ़ी अस्मिता पर रहा.

राममय हुई सरकार !

सरकार राम वन गमन पथ को लेकर भी चर्चा खूब बटोर रही है. चंदखुरी में माता कौशल्या का भव्य मंदिर का निर्माण बघेल सरकार करा रही है. इसके अलावा प्रदेश के उन स्थानों को विकसित किया जा रहा है, जहां-जहां वनवास के दौरान भगवान राम के पहुंचने के प्रमाण मिलते हैं. हालांकि राम वन गमन पथ पर्टयन यात्रा को लेकर भी विरोध के स्वर उठे. भाजपा भी राम का नाम लेने पर कांग्रेस पर तंज कस रही है.

ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर बयानबाजी

इन दो सालों में ढाई-ढाई साल के सीएम के फॉर्मूले ने कई बार जोर पकड़ा. सिंहदेव के बयानों ने इसे खूब हवा दी. लेकिन सरगुजा दौरे पर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री साथ-साथ नजर आए.

किसान आत्महत्या और कानून व्यवस्था पर घिरी सरकार

किसानों की आत्महत्या और प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर बघेल सरकार विपक्षियों के निशाने पर रही. खासतौर पर राजधानी रायपुर में हुए मर्डर को लेकर भाजपा ने कई बार लॉ एंड ऑर्डर पर सरकार पर निशाना साधा. बिलासपुर विधायक शैलेष पांडे ने भी एक बार पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे. लॉकअप में मौत के मामलों पर भी सरकार घिरी.

रायपुर: आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बने 2 साल पूरे हो गए हैं. इस दो साल में बघेल सरकार पूरी तरह से लोकल पर वोकल रही. देसी छवि अपनाकर बघेल की टीम के खिलाड़ी 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का नारा लगे रहे हैं. नरवा, गुरुवा, घुरवा और बाड़ी योजना हो, गोधन योजना हो या फिर राजीव गांधी किसान न्याय योजना इस सरकार का पूरा फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर रहा है. 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का वादा भी सरकार ने पूरा किया है.

पोला, हरेली, तीज सीएम हाउस में मनाए गए. देसी रिवाजों को ठेठ अंदाज के साथ मनाने में सरकार आगे है. कुल मिलाकर दो साल में सरकार का फोकस छत्तीसगढ़ी अस्मिता पर रहा.

राममय हुई सरकार !

सरकार राम वन गमन पथ को लेकर भी चर्चा खूब बटोर रही है. चंदखुरी में माता कौशल्या का भव्य मंदिर का निर्माण बघेल सरकार करा रही है. इसके अलावा प्रदेश के उन स्थानों को विकसित किया जा रहा है, जहां-जहां वनवास के दौरान भगवान राम के पहुंचने के प्रमाण मिलते हैं. हालांकि राम वन गमन पथ पर्टयन यात्रा को लेकर भी विरोध के स्वर उठे. भाजपा भी राम का नाम लेने पर कांग्रेस पर तंज कस रही है.

ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर बयानबाजी

इन दो सालों में ढाई-ढाई साल के सीएम के फॉर्मूले ने कई बार जोर पकड़ा. सिंहदेव के बयानों ने इसे खूब हवा दी. लेकिन सरगुजा दौरे पर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री साथ-साथ नजर आए.

किसान आत्महत्या और कानून व्यवस्था पर घिरी सरकार

किसानों की आत्महत्या और प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर बघेल सरकार विपक्षियों के निशाने पर रही. खासतौर पर राजधानी रायपुर में हुए मर्डर को लेकर भाजपा ने कई बार लॉ एंड ऑर्डर पर सरकार पर निशाना साधा. बिलासपुर विधायक शैलेष पांडे ने भी एक बार पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे. लॉकअप में मौत के मामलों पर भी सरकार घिरी.

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