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SPECIAL: मंदी से जूझती देश की अर्थव्यवस्था में छत्तीसगढ़ की 'चांदी' कैसे है ? - bhupesh baghel

देश में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार के मुताबिक प्रदेश की अर्थव्यवस्था ऊपर की ओर बढ़ रही है. इसे लेकर राजनीति भी होना शुरू हो गई है.

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Published : Sep 17, 2019, 10:36 PM IST

Updated : Sep 17, 2019, 11:28 PM IST

रायपुर: देश की अर्थव्यस्था का हाल बेहाल है. रोजगार, निवेश तो छोड़िए, निजी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर छटनी ने सबकी पेशानी पर बल डाल दिया है. ऑटो मोबाइल हो या रियल स्टेट कारोबार सब जगह मंदी का साफ असर देखा जा रहा है. लेकिन भारत के ही छोटे से राज्य छत्तीसगढ़ के रियल स्टेट कारोबार में मंदी का असर नहीं है और इसका दावा खुद प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल करते हैं.

पैकेज.

जहां एक तरफ देश मंदी की मार से जूझ रहा है. वहीं छत्तीसगढ़ में रियल स्टेट में जमकर निवेश हो रहा है. 25 जुलाई से 10 सितंबर तक की अवधि में छत्तीसगढ़ में जमीनों की बिक्री में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है. यही वजह है कि अब कांग्रेस कह रही है गुजरात मॉडल छोड़िए, छत्तीसगढ़ मॉडल अपनाइए. वहीं भाजपा कह रही है कि इकनॉमी में ग्रोथ पूरे देश में एक साथ रहती है. बीजेपी का कहना है कि यहां ग्रोथ हो रही है तो दिखना चाहिए, लेकिन कहीं कोई काम नही दिख रहा है.

मुख्यमंत्री अपने ट्वीटर अकाउंट पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों की फेहरिस्त को आगे बढ़ाते हुए लिखा कि एक और खुशखबरी- रोजगार बढ़ने के बाद अब प्रदेश में रियल स्टेट निवेश भी बढ़ा. पिछले साल की तुलना में 69% राजस्व वृद्धि हुई.

25 जुलाई से 10 सितंबर 2019 के बीच छत्तीसगढ़ सरकार को 152 करोड़ रुपए का राजस्व भूमि पंजीकरण से प्राप्त हुआ है. बघेल के ट्वीट के मुताबिक पिछले तीन महीने में राज्य में 27 हजार 393 जमीनों की रजिस्ट्री हुई. इससे सरकार के खजाने में 152 करोड़ रुपये आए. जबकि इसी अवधि में पिछले साल 17 हजार 852 रजिस्ट्री हुई थी .

  • रमन सरकार के शासनकाल में राज्य में छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री पर रोक लगी थी, जिसे भूपेश सरकार ने हाल ही में हटाया था.
  • छोटे भूखंडों की बिक्री में इससे काफी तेजी आई. एक जनवरी से लेकर अब तक के आंकड़ों पर नजर डालें, तो करीब 76 हजार छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री हुई है.
  • बीते 45 दिनों में यानी जबसे प्रॉपर्टी गाइडलाइन दर में कमी और पंजीकरण शुल्क में वृद्धि हुई है, 27393 भू पंजीकरण दर्ज किए गए हैं, जबकि बीते बरस के आंकड़े की तुलना में यह आंकड़ा 9541 अधिक है.
  • आंकड़ों की मानें तो करीब 69 फीसदी अतिरिक्त राजस्व सरकार को मिला है.
  • आंकड़ों में यह बढ़ोतरी भूपेश सरकार के उस फैसले के बाद हुई है, जिसमें सरकारी जमीन की कीमत यानी कलेक्टर गाइडलाइन में 30 फीसदी की कमी की गई थी.

इससे पहले भी 10 सितंबर को बघेल ने ट्वीट करके केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा था.

छत्तीसगढ़ में इकोनॉमी ग्रोथ के आंकड़े के दावे करके कांग्रेस सरकार केंद्र की मोदी सरकार को छत्तीसगढ़ मॉडल अपनाने की नसीहत दे रही है. लेकिन भाजपा को लगता है भूपेश सरकार खाली लकीर पीट रही है. भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल कहते है कि स्वागत है अगर छत्तीसगढ़ में इकोनामी ग्रोथ हो रही है.

अग्रवाल का कहना है कि वैसे इकनॉमी में ग्रोथ देश भर में एक साथ दिखती है. अगर यहां टैक्स अच्छा मिल रहा है, सरकार ग्रोथ कर रही है तो सरकार को अच्छा काम करके दिखाना चाहिए. बीजेपी नेता कहते हैं कि कहीं भी कोई काम नहीं दिख रहा है. प्रदेश में पंचायत स्तर में काम पूरी तरह से अवरुद्ध पड़ा है. अगर सरकार विकास और ग्रोथ की बात कर रही है तो काम करके दिखाना चाहिए.
बाईट-बृजमोहन अग्रवाल,पूर्व कैबिनेट मंत्री,भाजपा विधायक

क्या कहते हैं अर्थशास्त्री-

  • राजनेताओं की बयानबाजी और दावों के बीच अर्थव्यवस्था को समझने वाले विद्वानों का नजरिया भी जानना जरूरी हो जाता है. प्रदेश के वरिष्ठ अर्थशास्त्री जेएल भारद्वाज के मुताबिक हर क्षेत्र में विकास की दर कम हो रही है.
  • छत्तीसगढ़ की विकास दर को लेकर वे कहते हैं कि सरकार की अच्छी पहल जरूर है. लेकिन सरकारी स्तर पर उद्योग नीति में कोई बदलाव नहीं किया है. अर्थशास्त्री कहते हैं कि आयात नीति में, व्यापार नीति में कोई परिवर्तन नहीं किया है. उद्योगपति और व्यापारी कारोबार ठप है, नीति में परिवर्तन की मांग कर रहे हैं.
  • किसानों की कर्जमाफी और धान की बढ़ी हुई एमएसपी से उनके लिए कुछ अच्छा जरूर हुआ है.
  • अर्थशास्त्री कहते हैं कि किसान कर्ज की मांग लगातार कर रहे हैं. वे अपने पैसे से खेती नहीं करना चाह रहे है क्योंकि सरकार उनको कर्ज दे रही है और ये एक चिंता का विषय है.

रायपुर: देश की अर्थव्यस्था का हाल बेहाल है. रोजगार, निवेश तो छोड़िए, निजी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर छटनी ने सबकी पेशानी पर बल डाल दिया है. ऑटो मोबाइल हो या रियल स्टेट कारोबार सब जगह मंदी का साफ असर देखा जा रहा है. लेकिन भारत के ही छोटे से राज्य छत्तीसगढ़ के रियल स्टेट कारोबार में मंदी का असर नहीं है और इसका दावा खुद प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल करते हैं.

पैकेज.

जहां एक तरफ देश मंदी की मार से जूझ रहा है. वहीं छत्तीसगढ़ में रियल स्टेट में जमकर निवेश हो रहा है. 25 जुलाई से 10 सितंबर तक की अवधि में छत्तीसगढ़ में जमीनों की बिक्री में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है. यही वजह है कि अब कांग्रेस कह रही है गुजरात मॉडल छोड़िए, छत्तीसगढ़ मॉडल अपनाइए. वहीं भाजपा कह रही है कि इकनॉमी में ग्रोथ पूरे देश में एक साथ रहती है. बीजेपी का कहना है कि यहां ग्रोथ हो रही है तो दिखना चाहिए, लेकिन कहीं कोई काम नही दिख रहा है.

मुख्यमंत्री अपने ट्वीटर अकाउंट पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों की फेहरिस्त को आगे बढ़ाते हुए लिखा कि एक और खुशखबरी- रोजगार बढ़ने के बाद अब प्रदेश में रियल स्टेट निवेश भी बढ़ा. पिछले साल की तुलना में 69% राजस्व वृद्धि हुई.

25 जुलाई से 10 सितंबर 2019 के बीच छत्तीसगढ़ सरकार को 152 करोड़ रुपए का राजस्व भूमि पंजीकरण से प्राप्त हुआ है. बघेल के ट्वीट के मुताबिक पिछले तीन महीने में राज्य में 27 हजार 393 जमीनों की रजिस्ट्री हुई. इससे सरकार के खजाने में 152 करोड़ रुपये आए. जबकि इसी अवधि में पिछले साल 17 हजार 852 रजिस्ट्री हुई थी .

  • रमन सरकार के शासनकाल में राज्य में छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री पर रोक लगी थी, जिसे भूपेश सरकार ने हाल ही में हटाया था.
  • छोटे भूखंडों की बिक्री में इससे काफी तेजी आई. एक जनवरी से लेकर अब तक के आंकड़ों पर नजर डालें, तो करीब 76 हजार छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री हुई है.
  • बीते 45 दिनों में यानी जबसे प्रॉपर्टी गाइडलाइन दर में कमी और पंजीकरण शुल्क में वृद्धि हुई है, 27393 भू पंजीकरण दर्ज किए गए हैं, जबकि बीते बरस के आंकड़े की तुलना में यह आंकड़ा 9541 अधिक है.
  • आंकड़ों की मानें तो करीब 69 फीसदी अतिरिक्त राजस्व सरकार को मिला है.
  • आंकड़ों में यह बढ़ोतरी भूपेश सरकार के उस फैसले के बाद हुई है, जिसमें सरकारी जमीन की कीमत यानी कलेक्टर गाइडलाइन में 30 फीसदी की कमी की गई थी.

इससे पहले भी 10 सितंबर को बघेल ने ट्वीट करके केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा था.

छत्तीसगढ़ में इकोनॉमी ग्रोथ के आंकड़े के दावे करके कांग्रेस सरकार केंद्र की मोदी सरकार को छत्तीसगढ़ मॉडल अपनाने की नसीहत दे रही है. लेकिन भाजपा को लगता है भूपेश सरकार खाली लकीर पीट रही है. भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल कहते है कि स्वागत है अगर छत्तीसगढ़ में इकोनामी ग्रोथ हो रही है.

अग्रवाल का कहना है कि वैसे इकनॉमी में ग्रोथ देश भर में एक साथ दिखती है. अगर यहां टैक्स अच्छा मिल रहा है, सरकार ग्रोथ कर रही है तो सरकार को अच्छा काम करके दिखाना चाहिए. बीजेपी नेता कहते हैं कि कहीं भी कोई काम नहीं दिख रहा है. प्रदेश में पंचायत स्तर में काम पूरी तरह से अवरुद्ध पड़ा है. अगर सरकार विकास और ग्रोथ की बात कर रही है तो काम करके दिखाना चाहिए.
बाईट-बृजमोहन अग्रवाल,पूर्व कैबिनेट मंत्री,भाजपा विधायक

क्या कहते हैं अर्थशास्त्री-

  • राजनेताओं की बयानबाजी और दावों के बीच अर्थव्यवस्था को समझने वाले विद्वानों का नजरिया भी जानना जरूरी हो जाता है. प्रदेश के वरिष्ठ अर्थशास्त्री जेएल भारद्वाज के मुताबिक हर क्षेत्र में विकास की दर कम हो रही है.
  • छत्तीसगढ़ की विकास दर को लेकर वे कहते हैं कि सरकार की अच्छी पहल जरूर है. लेकिन सरकारी स्तर पर उद्योग नीति में कोई बदलाव नहीं किया है. अर्थशास्त्री कहते हैं कि आयात नीति में, व्यापार नीति में कोई परिवर्तन नहीं किया है. उद्योगपति और व्यापारी कारोबार ठप है, नीति में परिवर्तन की मांग कर रहे हैं.
  • किसानों की कर्जमाफी और धान की बढ़ी हुई एमएसपी से उनके लिए कुछ अच्छा जरूर हुआ है.
  • अर्थशास्त्री कहते हैं कि किसान कर्ज की मांग लगातार कर रहे हैं. वे अपने पैसे से खेती नहीं करना चाह रहे है क्योंकि सरकार उनको कर्ज दे रही है और ये एक चिंता का विषय है.
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Anchor-

जहां एक तरफ देश मंदी की मार से जुझ रहा है। वहीं प्रदेश में रियल स्टेट जमकर निवेश हो रहा है। 25 जुलाई से 10 सितंबर तक की अवधि में छत्तीसगढ़ में जमीनों की बिक्री में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है। यही वजह है कि अब कांग्रेस कह रही है गुजरात मॉडल छोड़िए छत्तीसगढ़ मॉडल अपनाइये। वही भाजपा कह रही है कि इकनॉमी में ग्रोथ पूरे देश मे एक साथ रहती है अगर यहां ग्रोथ हो रहा है तो दिखना चाहिए, लेकिन कहि कोई काम नही दिख रहा है। इस मामले में एक्सपर्ट का अपना अलग नज़रिया है। पेश है रिपोर्ट।
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देश मे अर्थव्यवस्था का हाल बेहाल है। हालात यह है।न तो नए रोजगार पैदा हो पा है है न पुराने सम्भल पा रहे। निजी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर छंटनी चल रही है। ऑटो मोबाइल सेक्टर से लेकर रियल स्टेट कारोबार तक ठप्प पड़ा हुआ है। लेकिन भारत के ही छोटे से राज्य छत्तीसगढ़ के रियल स्टेट कारोबार में मंदी का असर नही है जिसकी तस्दीक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ट्वीट करती है। मुख्यमंत्री अपने ट्वीटर अकाउंट पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों की फेहरिस्त को आगे बढ़ाते हुए लिखा कि एक और खुशखबरी- रोजगार बढ़ने के बाद अब प्रदेश में रियल स्टेट निवेश भी बढ़ा। - गत वर्ष की तुलना में 69% राजस्व वृद्धि हुई

- 25 जुलाई से 10 सितंबर 2019 के बीच छत्तीसगढ़ सरकार को ₹152 करोड़ का राजस्व भूमि पंजीकरण से प्राप्त हुआ है।

बघेल की ट्वीट के मुताबिक पिछले तीन महीने में राज्य में 27 हजार 393 जमीनों की रजिस्ट्री हुई। इससे सरकार के खजाने में 152 करोड़ रुपये आये। जबकि इसी अवधि में पिछले साल 17 हजार 852 रजिस्ट्री हुई थी और सरकार को महज 90 करोड़ का राजस्व मिला था।


दरअसल रमन सरकार के शासनकाल में राज्य में छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री पर रोक लगी थी, जिसे भूपेश सरकार ने हाल ही में हटाया था। छोटे भूखंडों की बिक्री में इससे काफी तेजी आई। एक जनवरी से लेकर अब तक के आंकड़ों पर नजर डाले, तो करीब 76 हजार छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री हुई है।
बीते पैंतालिस दिनों में याने जबसे प्रॉपर्टी गाईडलाईन दर में कमी और पंजीकरण शुल्क में वृद्धि हुई है, 27393 भू पंजीकरण दर्ज किए गए हैं, जबकि बीते बरस के आँकड़े की तुलना में यह आँकड़ा 9541 अधिक है। आंकड़ों की माने तो करीब 69 फीसदी अतिरिक्त राजस्व सरकार को मिला है। आंकड़ों में यह बढ़ोतरी भूपेश सरकार के उस फैसले के बाद हुआ है, जिसमें सरकारी जमीन की कीमत यानी कलेक्टर गाइडलाइन में 30 फीसदी की कमी की गई थी। बहरहाल इससे पहले भी 10 सितंबर को बघेल ने ट्वीट करके केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा था। और लिखा था

आदरणीया वित्त मंत्री जी,
हमारे छत्तीसगढ़ में ओला और ऊबर दोनों अपनी सेवाएं दे रहे हैं फिर भी ऑटोमोबाइल सेक्टर में उछाल आया है सवाल देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है इसलिए आग्रह है कि आप एक बार छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास के मॉडल का अध्ययन कर लें। यहां तो रोज़गार भी बढ़ा है।

यानी छत्तीसगढ़ में इकोनॉमी ग्रोथ के आंकड़े के दावे करके कांग्रेस सरकार केंद्र की मोदी सरकार को छत्तीसगढ़ मॉडल अपनाने की नसीहत दे रही है। लेकिन भाजपा को लगता है भूपेश सरकार खाली लकीर पीट रही है। भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल कहते है कि स्वागत है अगर छत्तीसगढ़ में इकोनामी ग्रोथ हो रहा है। वैसे कोई भी इकनॉमी में ग्रोथ देश भर में एक साथ दिखता है। अगर यहाँ टैक्स अच्छा मिल रहा है, सरकार ग्रोथ कर रही है तो सरकार को अच्छा काम करके दिखाना चाहिए। लेकिन कही भी कोई काम नही दिख रहा है। प्रदेश में पंचायत स्तर में काम पूरी तरह से अवरुद्ध पड़ा है। अगर सरकार विकास और ग्रोथ की बात कर रही है तो काम करके दिखाना चाहिए।


बाईट- छाया वर्मा, राज्यसभा सांसद(कांग्रेस)

बाईट-बृजमोहन अग्रवाल,पूर्व कैबिनेट मंत्री,भाजपा नेता


Vo2

राजनेताओं की बयानबाजी और दावों के बीच अर्थव्यवस्था को समझने वाले विद्वानो का नज़रिया भी जानना जरूरी हो जाता है। प्रदेश के वरिष्ठ अर्थशास्त्री जेएल भारद्वाज के मुताबिक हर क्षेत्र ने विकास की दर कम हो रही है। छत्तीसगढ़ के विकास दर को लेकर वे कहते है कि सरकार की अच्छी पहल जरूर है। लेकिन अभी सरकार ने सरकारी स्तर पर उद्योग नीति में कोई बदलाव नहीं किया है। आयात नीति में, व्यापार नीति में कोई परिवर्तन नही किया है। उद्योगपति और व्यापारी कारोबार ठप्प है, नीति में परिवर्तन की मांग कर रहे है। किसानों का धान 2500 में कर्जमाफी किया गया है इससे कुछ अच्छा किसानो के लिए हुआ है। लेकिन किसान कर्ज की मांग लगातार कर रहे है। वे अपने पैसे से खेती नही करना चाह रहे है क्योंकि सरकार उनको कर्ज दे रही है। ये एक चिंता का विषय है।

बाईट- जे.एल. भारद्वाज, अर्थशास्त्री

Conclusion:Fvo

ऐसे में हालात भले जो भी हो लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को कर्जमाफी करने जे साथ ही एक बड़े वर्ग को साधकर मैसेज दे दिया है। लेकिन अब इसका असर जमीनी हालात पर भी दिखने लगा है।

पीटीसी

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर
Last Updated : Sep 17, 2019, 11:28 PM IST
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