रायपुर: प्रदेश में तीसरे राजनीतिक विकल्प के तौर अपनी जगह बनाने वाली जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी (जेसीसीजे) अपने बुरे दौर से गुजर रही है. पिछले दो सालों में जनता कांग्रेस कमजोर हुई है. विधायकों ने साथ छोड़ा, कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ी और पार्टी के बड़े चेहरे भी चुनाव नहीं लड़ सके. इस बीच बुधवार को अचानक अमित जोगी के एक ट्वीट से प्रदेश में जनता कांग्रेस को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. उनके ट्वीट से स्पष्ट है कि पार्टी अब कोई न कोई बड़ा फैसला लेने वाली है.
अमित ने खत में क्या लिखा है? : दरअसल, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने एक इमोशनल पत्र कार्यकर्ताओं के नाम लिखा है. जिसे उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अपने लोगों से साझा किया है. अपने खत में उन्होंने इस सप्ताह अहम फैसले लेने की बात कही है. लोगों से अपील भी की है कि उनके इस फैसले में कार्यकर्ता उनका साथ दें.
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जोगी परिवार के प्रति आपके प्यार और आशीर्वाद के लिए आभार और धन्यवाद!
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मुझे चाहिए हमेशा आपका साथ 🙏🏻 pic.twitter.com/yjNCG8E2GR
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पार्टी के साथ खड़े रहने के लिए जताया आभार: अमित जोगी ने अपने खत में लिखा है कि, "पापा के रहते और पापा के जाने के बाद आप लोगों ने कठिन समय में जोगी परिवार का साथ नहीं छोड़ा. पार्टी और परिवार में बने रहे. साथ खाए, साथ हंसे, साथ रोए... मेरे पास शब्द नहीं हैं. मैं आप लोगों का कैसे धन्यवाद करूं, शीश झुकाकर हाथ जोड़कर आप सभी का कोटि-कोटि आभार प्रकट करना चाहता हूं. अब चुनाव में बहुत कम समय बचा है मैंने, आपने, हम सभी ने कई बार पार्टी और हम सभी के राजनीतिक भविष्य को लेकर कई बार चर्चा की."
2023 में अपनी सरकार बनाने का किया दावा: जोगी ने आगे लिखा कि, "इस पर विचार विमर्श हुआ है, गठबंधन, विलय के सारे विकल्पों पर हमने साथ काम किया है. बहुत साफ है अगर मेरा राजनीतिक भविष्य उज्जवल है, तो आप लोगों का भी होगा. अगर मेरा नाम ऊंचा जाएगा, तो जोगी परिवार और राजनीतिक विरासत आगे बढ़ेगी. जिसका फायदा आपको ही होगा. अब हम और रुक नहीं सकते, यह निर्णय की घड़ी है. दोनों राष्ट्रीय दलों से टक्कर लेने हमें संसाधन, सामर्थ्य, चेहरा और रोल मॉडल की आवश्यकता होगी. एक ऐसी कड़ी जिसको स्वयं जोगी जी ने अपने रहते ही जोड़ा था और अब हम इस कड़ी से जुड़कर और मिलकर छत्तीसगढ़ में 2023 में अपनी सरकार बनाएंगे."
फैसले में लोगों को साथ देने की अपील: अमित ने पत्र के अंत में अपील करते हुए लिखा, "मैं इस संबंध में आप लोगों से यह विनती करता हूं और वादा चाहता हूं कि जो भी निर्णय हम इस हफ्ते लें, उसमें आप मेरे साथ खड़े रहेंगे. मैं विश्वास दिलाता हूं, आपका भविष्य अब केवल और केवल उज्जवल ही होगा, जय छत्तीसगढ़..."
इस ट्वीट के क्या हैं मायने?: जोगी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी के इस ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे है. माना जा रहा है कि अमित आने वाले चुनाव में क्षेत्रीय और छोटे राजनीतिक दलों को एकजुट कर महागठबंधन करने की तैयारी कर रहे हैं. ताकि साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव 2023 में पूरे दमखम के साथ तीसरे मोर्चे को लेकर चुनावी मैदान में उतर सकें. वहीं पार्टी सूत्रों की मानें तो अंदरूनी खेमे में पार्टी के विलय की चर्चा जोरों पर है. स्वयं अमित जोगी ने इस संबंध कुछ बड़े इशारे खत में दिए हैं.
भाजपा में विलय के कयासों को मिला बल: पार्टी सूत्रों की मानें तो अंदरूनी खेमे में जोगी कांग्रेस के भाजपा में विलय की चर्चा हो रही है. लेकिन पार्टी का एक बड़ा तबका इसके खिलाफ है. वहीं अमित जोगी ने खत में लिखा है कि 'अगर मेरा नाम ऊंचा जाएगा, तो जोगी परिवार और राजनीतिक विरासत आगे बढ़ेगी. छत्तीसगढ़ में 2023 में अपनी सरकार बनाएंगे." ऐसे में पहले के सियासी हालातों को देखें, तो जनता कांग्रेस ने पहले भी भाजपा के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया था. लेकिन मई 2022 में भी जब डॉ रेणु जोगी गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थीं, उसी दौरान धर्मजीत सिंह और प्रमोद शर्मा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे थे. तब पार्टी को विलय की बात पर अमित जोगी ने उन नेताओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की और उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
प्रदेश में जनता कांग्रेस का सफर: छत्तीसगढ़ के पहले CM अजीत जोगी ने 23 जून 2016 को कांग्रेस से अलग होकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी (JCCJ) नाम की नई राजनीतिक दल की नींव रखी. जिसके दो साल बाद विधानसभा चुनाव 2018 में जोसीसीजे ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया और गठबंधन ने 7 सीटें जीतकर प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बाद तीसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई. चुनाव में जीतीं हुई सात में से पांच सीट जनता कांग्रेस के पास थीं, वहीं दो सीट बसपा के पास है. विधानसभा चुनाव के दो साल बाद मई 2020 में जनता कांग्रेस संस्थापक अजीत जोगी का निधन हो गया. जिसके बाद पार्टी का प्रभार अजीत जोगी की पत्नि डॉ रेणु जोगी और अमित जोगी के कंधों पर आ गया.
जेसीसीजे की वर्तमान स्थिति: पूर्व सीएम अजात जोगी के निधन के बाद प्रदेश में तीन विधानसभा उपचुनाव हुए. मरवाही में हुए उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की. उसके बाद खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद खैरागढ़ में उपचुनाव हुआ. वहां भी कांग्रेस की ओर से यशोदा वर्मा ने जीत दर्ज की. वहीं कांग्रेस के गढ़ भानुप्रतापपुर में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की. इन चुनावों में 2018 में जीते पांच में से दो सीटें जेसीसीजे के हाथ से निकल गई. वहीं मई 2022 में अमित शाह से मुलाकात करने जाने के बाद विधायक धर्मजीत सिंह के साथ अमित जोगी का विवाद हो गया. इस वजह से उन्हें जनता कांग्रेस से निकाल दिया गया. विधायक प्रमोद साहू ने भी जनता कांग्रेस के कार्यक्रमों से किनारा कर लिया. ऐसे में पार्टी सुप्रीमो डॉ रेणु जोगी ही एक मात्र विधायक जेसीसीजे के पास हैं.
प्रदेश में तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट: छत्तीसगढ़ की राजनीति में भाजपा और कांग्रेस के अलावा अगर किसी तीसरे पार्टी का दखल है, तो वह जनता कांग्रेस है. इसके साथ ही बसपा और आम आदमी पार्टा भी पिछले कुछ सालों से प्रदेश में अपनी जमीन तैयार करने में जुटे हुए हैं. चर्चा है कि अमित जोगी तीसरे मोर्चे के तौर पर खुद को बड़े नेता के तौर पर प्रोजेक्ट कर सकते हैं. यह भी माना जा रहा है प्रदेश में सक्रिय क्षेत्रीय दल औैर संगठनों के प्रमुखों से अमित जोगी की बैठकों हुई हैं. साथ ही अमित ने अपनी पार्टी के लोगों से भी चर्चा की है. ऐसे में माना जा रहा है कि अलग अलग संगठनों को साथ लाकर जेसीसीजे तीसरे मोर्चे का महागठबंधन खड़ा करने में जुटी है.