रायपुर: छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी अभनपुर के केंद्री गांव पहुंचे. जहां उन्होंने मृतक के परिजनों से मुलाकात की. अमित जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार हुआ है जब ऐसी घटना सामने आई है. उन्होंने कहा कि ये समय दोषारोपण करने का नहीं है. जब व्यक्ति का खुद से, समाज से और सरकार से विश्वास खत्म हो जाता है तब वह इस तरह के कदम उठाता है. ऐसे में सरकार और समाज, दोनों को अपनी जवाबदेही तय करनी पड़ेगी.
अमित जोगी ने कहा कि अभी तक उनके परिजन कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है. कार्रवाई से तब संतुष्ट रहेंगे जब उन्हें जानकारी दी जाएगी. अभी तक उनके परिजनों को घर के अंदर जाने नहीं दिया गया है. कमलेश कोई सुसाइड नोट छोड़कर गए हैं या नहीं इसकी भी उन्हें कोई जानकारी नहीं है. इस पूरी कार्रवाई में पारदर्शिता की कमी है. सरकार को राजनैतिक इच्छाशक्ति दिखाते हुए पारदर्शिता के साथ इस पूरे मामले की जांच करनी चाहिए.
सरकार को जवाबदेही लेनी होगी
अमित ने कहा कि विपक्षी दल होने के नाते मैं सरकार पर दोषारोपण करने यहां नहीं आया हूं. यह केवल सरकार की गलती नहीं है. लेकिन सरकार को इसकी जवाबदेही लेनी होगी. ताकि इस तरह की घटना दोबारा न हो.
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अंधेरे में की गई कार्रवाई
अमित जोगी ने कहा कि एक वकील होने के नाते कोई भी चीज जब जब्त की जाती है तो, सीआरपीसी (CRPC) की धारा 100 के अंतर्गत पंचनामा बनाया जाता है. मर्ग रिपोर्ट भी पंचों के सामने बनाई जाती है. इस पूरे मामले में गांव के किसी भी व्यक्ति को पंच नहीं बनाया गया. अमित ने कहा कि ये पूरी कार्रवाई अंधेरे में रखकर की गई है. यह अपने आप में सवाल खड़ा करती है.
न्यायिक जांच की मांग
अमित जोगी ने कहा कि पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की है कि जो लॉकडाउन में मानसिक तनाव से लोग गुजर रहे हैं, सरकार ऐसे लोगो की काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन नंबर शुरू करे.
अजीत जोगी के नंबर को करेंगे सार्वजनिक
अमित जोगी ने घोषणा करते हुए कहा कि आज से वे स्व. अजीत जोगी के मोबाइल नंबर को मानसिक रूप से डिप्रेशन वाले लोगों की मदद के लिए चालू करेंगे. जिसमें 24 घंटे साइकोलॉजिस्ट (मनोवैज्ञानिक डॉक्टर) उपलब्ध रहेंगे, जो लोगों की समस्याओं को दूर करेंगे.
ये है पूरा मामला
अभनपुर के केंद्री गांव में एक ही परिवार के 5 लोगों का शव मिला था. एक साथ पांच लोगों की मौत ने इलाके को दहलाकर रखा दिया था. पांच व्यक्तियों के शव मिलने के बाद छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने जांच के आदेश दिए थे. 17 नवंबर को कमलेश साहू ने अपनी मां, पत्नी और दो बच्चों की हत्या कर खुदकुशी कर ली थी. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कमलेश साहू, मां और पत्नी की बीमारी से परेशान रहता था. पुलिस ने बताया कि कमलेश साहू ने सबकी हत्या की और फिर खुदकुशी कर ली.