रायपुर: खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान को एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और नियंत्रण के लिए लॉक डाउन के मद्देनजर केंद्र सरकार से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के बेहतर संचालन के लिए और सब्सिडी दिए जाने की मांग की है.
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के खाद्य एवं पोषण सुरक्षा एक्ट 2013 के तहत सभी राशन कार्ड धारियों को अग्रिम तीन माह का चावल निशुल्क वितरण किए जाने की पहल होनी चाहिए. उन्होंने 10 किलो प्रति व्यक्ति चावल के हिसाब से राज्य सरकार को 2121 करोड़ रुपये की सब्सिडी दिए जाने की मांग की है.
भगत ने केंद्रीय खाद्य मंत्री से मांगी मदद
कोरोना वायरस के नकारात्मक प्रभाव में सुधार के लिए राज्य सरकार को आवश्यक सहायता की जरूरत है. विशेषकर चावल, दाल, शक्कर, नमक के लिए जनता को पीडीएस के माध्यम से सहायता दी जानी चाहिए. उन्होंने लिखा है कि सरकार की इच्छा है कि इस गंभीर संकट के दौर में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें. इससे खाद्य सामग्री की कमी का डर लोगों में दूर हो सकें. उन्होंने सभी राशन कार्ड धारियों को निशुल्क दो किलो नमक तीन माह के लिए राज्य सरकार को 22.36 करोड़ और एक किलो शक्कर के लिए 63 करोड़ सब्सिडी की राहत दिए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन का सीधा असर आर्थिक स्थिति पर पड़ता है, इससे निम्न और मध्यम आय वाले परिवार प्रभावित होते हैं.
एक मुश्त दिए जाएंगे राशन
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के प्रबंधन के तहत राहत देने के लिए अंत्योदय, प्राथमिकता, निशक्तजन, एकल, निराश्रितों के राशन कार्ड धारकों को अप्रैल और मई महीने का चावल एकमुश्त देने का फैसला लिया गया है. निर्णय के तहत चावल का निशुल्क वितरण किया जाएगा. उक्त श्रेणी के खाताधारकों को अब तक एक रुपये प्रति किलो के दर पर चावल उपलब्ध कराया जाता था, लेकिन सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के प्रबंधन में अपनी जिम्मेदारी मानते हुए चावल का उपभोक्ता निर्गम मूल्य एक रुपये प्रति किलो के स्थान पर निशुल्क देने का निर्णय लिया है.