रायपुर : छत्तीसगढ़ में शिक्षा के नाम पर छात्रों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने शिक्षा को व्यवसाय बनाकर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप पैरामेडिकल संस्थानों पर लगाया है. जनता कांग्रेस का दावा कि प्रदेश के कई जिलों के अंदर पैरामेडिकल कॉलेज संचालित हैं.जो बच्चों से एडमिशन के नाम पर मोटी फीस वसूल रहे हैं.लेकिन ना तो ऐसे संस्थानों में पढ़ाई होती है और ना ही बच्चों को कहीं प्लेसमेंट मिलता है. और तो और इन संस्थानों छत्तीसगढ़ में ऐसे कोर्स को संचालित करने का अधिकार भी नहीं प्राप्त है. ऐसे संस्थानों में इन संस्थानों में लैब अटेंडर, टैक्नीशियन, ड्रेसर, x-ray टैक्नीशियन, ओटी टैक्नीशियन जैसे कोर्स का संचालन किया जा रहा है.
''पैरामेडिकल कोर्स के नाम पर छात्र-छात्राओं से मोटी फीस वसूली जा रही है. इसके साथ ही छात्रों को सरकारी नौकरी और पंजीयन देने का दावा भी किया जाता है. लेकिन अब तक ऐसी संस्थाओं में परीक्षाएं भी आयोजित नहीं की गई हैं. जिसके कारण छत्तीसगढ़ के युवाओं का भविष्य अधर में है.पैरामेडिकल संस्थाओं के नाम पर कोचिंग संस्थाएं और कुछ महाविद्यालय इसका संचालन कर रही हैं.उनके पास किसी प्रकार की अनुमति नहीं है. ये संस्थान अन्य राज्यों का प्रमाण पत्र देते हैं और पढ़ाई रायपुर में करवाई जाती है,एग्जाम देने के लिए स्टूडेंट्स को दूसरे राज्य ले जाया जाता है.'' प्रदीप साहू, युवा मोर्चा, जनता कांग्रेस छग
नहीं हो रहीं परीक्षाएं आयोजित : पैरामेडिकल कोर्स के नाम पर संचालित हो रही संस्थानों में पिछले 5 वर्षों से परीक्षाएं भी आयोजित नहीं की गईं है. ऐसे में तंग आकर स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई को अधूरा छोड़ रहे हैं और आत्महत्या करने पर भी मजबूर हैं. छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से चल रहे पैरामेडिकल संस्थानों की जांच करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से शिकायत की गई है. इसके बावजूद अब तक इस मामले पर शासन ने कोई ध्यान नहीं दिया है.
कितने संस्थानों को है पैरामेडिकल कोर्स संचालन की अनुमति : संचालनालय चिकित्सा शिक्षा से मिली जानकारी के मुताबिक प्रवेश पत्र 2022- 23 में छत्तीसगढ़ में सिर्फ 7 प्राइवेट संस्थाओं को पैरामेडिकल कोर्स संचालित करने की अनुमति दी गई है. इसके बावजूद छत्तीसगढ़ में ऐसी सैकड़ों संस्थाएं हैं जो अवैध रूप से छत्तीसगढ़ में पैरामेडिकल कोर्स करवा रही है. अजीत जोगी युवा मोर्चा ने छत्तीसगढ़ सरकार से इस मामले में संज्ञान लेने की अपील की है. इसके साथ ही अवैध रूप से संचालित हो रहे पैरामेडिकल संस्थानों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है.