रायपुर: राजधानी के नगर निगम की सामान्य सभा का मंगलवार को अंतिम दिन रहा. सुबह 11:00 बजे से ही सामान्य सभा की शुरुआत हुई जिसमें विधानसभा की तरह नगर निगम आम सभा में शून्य काल रखा गया. जिसमें सभी पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड की समस्याएं रखी. सभा में सभी प्रस्तावों को सदस्यों के वोटों की संख्या के आधार पर निरस्त किया गया.
शून्यकाल के बाद एजेंडे पर चर्चा हुई जिनमें ज्यादातर विषय दुकानों की लीज होल्डिंग के लिए थे. वहीं पहले ही विषय पर डूंगरिया बाजार चौक में निर्मित दुकानों के लिए होल्डिंग पर दोनों पक्षों में जमकर विवाद हुआ.
- विपक्ष ने आरोप लगाया कि, मौजूदा स्थिति में वहां 8 दुकानें हैं लेकिन यहां सिर्फ 6 दुकानों का ही जिक्र है. बची दो दुकानें किन्हें आवंटित की गई है ?
- नगर पालिका निगम रायपुर के नए बस स्टैंड की भूमि हस्तांतरण को लेकर भी विवाद हुआ और यह प्रस्ताव सदस्यों के वोटों की संख्या के आधार पर निरस्त कर दिए गए.
- जवाहर बाजार स्थित पार्किंग से व्यवसायिक परिसर में व्यवस्थापन अंतर्गत आवंटित दुकान के नामांतरण के संबंध में भी बात रखी गई.
- जिसमें विपक्ष ने एक दुकानदार के आधार पर नामांतरण की बात कही थी, लेकिन सदन में विपक्ष ने कहा कि, विक्रय नामा के आधार पर दुकान का नामांतरण संभव नहीं है.
- वहीं विपक्ष ने कहा कि, 18 दुकानों को सहमति दे दी जाए लेकिन बाद में बहुमत के आधार पर भी यह प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया.
- वहीं नगर निगम ने आजाद मार्केट स्टेशन रोड स्थित बरखा होटल के लिए नवीनीकरण के लिए स्वीकृति का विषय रखा जिसे भी बहुमत के आधार पर निरस्त कर दिया गया.
ये थी ज्यादातर वार्डों की समस्याएं-
- आवारा मवेशी, आवारा कुत्तों, सूअर और मच्छर से होने वाली परेशानी
- वार्डों में लाइट की समस्या
- पानी की समस्या
- तात्यापारा सड़क चौड़ीकरण का मामला
- डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का नहीं होना
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नामकरण करने के सारे प्रस्ताव निरस्त
इसके साथ ही अन्य प्रस्ताव रखे गए जिसमें नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत अलग-अलग जगहों के नामकरण करने थे. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने आपत्ति जताते हुए कहा कि, 'इसे महापौर स्वयं नामकरण का निर्णय ले लें. क्योंकि बिना किसी आमसभा के और जनप्रतिनिधियों की जानकारी के अपने हिसाब से उन्होंने वार्डों का नामकरण कर दिया है. इसलिए वह इन जगहों का भी नामकरण अपनी स्वेच्छा से कर लें. इसे सदन में लाने की आवश्यकता ही नहीं थी.'
वहीं सभा में बहुमत के आधार पर भी नामकरण करने के सारे प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया. सभा में सभी प्रस्तावों के पक्ष में 21 वोट पड़े और विपक्ष में 36 वोट पड़े इसलिए सारे प्रस्ताव बहुमत के आधार पर निरस्त कर दिए गए.