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अजीत जोगी करेंगे टीएस सिंहदेव के खिलाफ मानहानी का केस ? - पिता और पूर्वज मुड़ी गोत्र के कंवर जाति के आदिवासी

टीएस सिंहदेव ने अजीत जोगी के पिता को सतनामी समाज का बताया था. जिसपर अजीत जोगी ने जवाब देते हुए पत्र में लिखा है कि वास्तव में उनके पिता और पूर्वज मुड़ी गोत्र के कंवर जाति के आदिवासी थे. जोगी ने लिखा है कि, न तो किसी दस्तावेज में और न किसी भू-अभिलेख में और न ही वर्तमान छानबीन समिति के सामने आए साक्ष्य में कहीं भी उनके पिता का सतनामी समाज से होने की बात सामने आई है.

अजीत जोगी ने सिंहदेव को लिखा पत्र
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Published : Aug 28, 2019, 10:38 PM IST

Updated : Aug 29, 2019, 1:43 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में जोगी की जाति पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. कोर्ट के फैसले के बाद मंत्री टीएस सिंहदेव के बयान पर अजीत जोगी ने नाराजगी जताई है. अजीत जोगी ने मंत्री टीएस सिंहदेव को पत्र लिख बयान का खंडन करने की बात कही है.

दरअसल, टीएस सिंहदेव ने अजीत जोगी के पिता को सतनामी समाज का बताया था. जिसपर अजीत जोगी ने जवाब देते हुए पत्र में लिखा है कि वास्तव में उनके पिता और पूर्वज मुड़ी गोत्र के कंवर जाति के आदिवासी थे. जोगी ने लिखा है कि, न तो किसी दस्तावेज में और न किसी भू-अभिलेख में और न ही वर्तमान छानबीन समिति के सामने आए साक्ष्य में कहीं भी उनके पिता का सतनामी समाज से होने की बात सामने आई है.

  • अजीत जोगी ने सिंहदेव को दिए पत्र में कहा है कि, वे उनके बयान से दुखी हैं. जोगी ने कहा कि समाचार पत्रों और टीवी के माध्यम से सिंहदेव ने ऐसा बयान दिया है. जिसमें उनके पिता को सतनामी समाज का होना बताया गया है. जबकि वास्तव में उनके पिता मुड़ी गोत्र के कंवर जाति के आदिवासी थे.
  • जोगी ने लिखा है, 'लगता है कि बेबुनियाद अफवाहों के आधार पर आपने ऐसा कहा है'. आगे जोगी ने पत्र में लिखा है, 'मेरे आपसे परिवारिक और व्यक्तिगत संबंध अच्छे हैं.
  • अतः मैं चाहूंगा कि आप गलती स्वीकार करके इसका खंडन करें. यदि ऐसा नहीं होता है तो हमारे अच्छे परिवारिक एवं व्यक्तिगत संबंधों के बावजूद अपने सम्मान की रक्षा के लिए मुझे न्यायालय में आईपीसी की धारा 497 और 500 के तहत अवमानना का प्रकरण दायर करना होगा. जिसमें जेल की सजा का प्रावधान है'.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में जोगी की जाति पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. कोर्ट के फैसले के बाद मंत्री टीएस सिंहदेव के बयान पर अजीत जोगी ने नाराजगी जताई है. अजीत जोगी ने मंत्री टीएस सिंहदेव को पत्र लिख बयान का खंडन करने की बात कही है.

दरअसल, टीएस सिंहदेव ने अजीत जोगी के पिता को सतनामी समाज का बताया था. जिसपर अजीत जोगी ने जवाब देते हुए पत्र में लिखा है कि वास्तव में उनके पिता और पूर्वज मुड़ी गोत्र के कंवर जाति के आदिवासी थे. जोगी ने लिखा है कि, न तो किसी दस्तावेज में और न किसी भू-अभिलेख में और न ही वर्तमान छानबीन समिति के सामने आए साक्ष्य में कहीं भी उनके पिता का सतनामी समाज से होने की बात सामने आई है.

  • अजीत जोगी ने सिंहदेव को दिए पत्र में कहा है कि, वे उनके बयान से दुखी हैं. जोगी ने कहा कि समाचार पत्रों और टीवी के माध्यम से सिंहदेव ने ऐसा बयान दिया है. जिसमें उनके पिता को सतनामी समाज का होना बताया गया है. जबकि वास्तव में उनके पिता मुड़ी गोत्र के कंवर जाति के आदिवासी थे.
  • जोगी ने लिखा है, 'लगता है कि बेबुनियाद अफवाहों के आधार पर आपने ऐसा कहा है'. आगे जोगी ने पत्र में लिखा है, 'मेरे आपसे परिवारिक और व्यक्तिगत संबंध अच्छे हैं.
  • अतः मैं चाहूंगा कि आप गलती स्वीकार करके इसका खंडन करें. यदि ऐसा नहीं होता है तो हमारे अच्छे परिवारिक एवं व्यक्तिगत संबंधों के बावजूद अपने सम्मान की रक्षा के लिए मुझे न्यायालय में आईपीसी की धारा 497 और 500 के तहत अवमानना का प्रकरण दायर करना होगा. जिसमें जेल की सजा का प्रावधान है'.
Intro:अजीत जोगी ने टीएस सिंहदेव देव को लिखा पत्र ।।

टीएससी देव ने अपने बयान पर अजीत जोगी के पिता की जाति को सतनामी बताया था।।

जिससे नाराज होकर जोगी ने गलती स्वीकार कर खंडन करने की लिए मंत्री टीएससी देव को पत्र लिखा ह।।


Body:पत्र में जोगी ने लिखा है

मैं अत्यंत दुख एवं आश्चर्य के साथ या पत्र लिख रहा हूँ।
समाचार पत्रों और टीवी के माध्यम से आप ने यह बयान दिया है कि मेरे पिता सतनामी जाति थे। वास्तव में मेरे पिता एवं पूर्वज मुड़ी गोत्र के कवर जाति के आदिवासी थे।
ना तो किसी दस्तावेज में और ना किसी भू अभिलेख में और ना ही वर्तमान छानबीन समिति के समक्ष आए साक्ष्य में कहीं भी मेरे पिता का सतनामी जाति होने का उल्लेख है।

लगता है कि बेबुनियाद अफवाहों के आधार पर आपने ऐसा कहा है।।
मेरे आपसे परिवारिक एवं व्यक्तिगत संबंध अच्छे हैं अतः मैं चाहूंगा कि आप गलती स्वीकार करके इसका खंडन करें।।
यदि ऐसा नहीं होता तो हमारे अच्छे परिवारिक एवं व्यक्तिगत संबंधों के बावजूद अपने सम्मान की रक्षा के लिए मुझे न्यायालय में आईपीसी धारा 497 और 500 के अंतर्गत अवमानना का प्रकरण दायर करना होगा जिसमें जेल की सजा का प्रावधान है 1 सप्ताह व्यतीत होने के बाद ही मै यह कार्यवाही करूंगा।।Conclusion:कृपया एक बार आप भी अटैच लेटर पढ़ ले।।
Last Updated : Aug 29, 2019, 1:43 PM IST
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