रायपुर: छत्तीसगढ़ की सियासत में तीसरी ताकत के तौर पर उभरने का दावा करने वाली, अजीत जोगी की पार्टी (JCCJ) पर टूटने का खतरा मंडराने लगा है. जेसीसीजे के दो विधायक देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा, विधानसभा स्पीकर से मिलकर अलग बैठक व्यवस्था और नई पार्टी को मान्यता देने के लिए आग्रह करेंगे.
ईटीवी भारत से बात करते हुए देवव्रत सिंह ने कहा कि हाल ही में जिस तरह, बिहार में पशुपति पारस को चिराग पासवान के विरोध के बाद भी मंत्री बनाया गया. स्पीकर ने इसके लिए अलग से व्यवस्था दी है. हम भी उसी व्यवस्था के तरह छत्तीसगढ़ में विधानसभा अध्यक्ष से व्यवस्था लेंगे और उसी आधार पर हम निर्वाचन आयोग से अलग दल की मान्यता भी हासिल करेंगे.
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विधायक देवव्रत सिंह ने कहा कि हाल ही में बलौदा बाजार विधायक प्रमोद शर्मा ने दिल्ली में निर्वाचन आयोग के सामने बात रखी है. निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद ही हमें विधानसभा स्पीकर से व्यवस्था लेने के लिए कहा गया है.
पार्टी से बन चुकी है दूरी
विधायक देवव्रत सिंह ने कहा कि अजीत जोगी के चलते उन्होंने इस पार्टी को ज्वॉइन किया था लेकिन उनके निधन के बाद से ही पार्टी की रीति नीति, समझ से परे हैं. मरवाही उप चुनाव में देखने को मिला था कि, किस तरह से भाजपा को समर्थन की घोषणा कर दी गई थी. हमने इसका विरोध किया, तो हमें पार्टी की बैठकों और अन्य कार्यक्रमों से दूर कर दिया गया. ऐसे में हमारे पास अब अपना रास्ता अलग करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.
इससे पहले विधायक प्रमोद शर्मा ने भी पार्टी से किनारा करने का मन बना लिया है. प्रमोद शर्मा, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) को छोड़कर एक अलग पार्टी बनाने की बात कह रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी का नाम भी तय कर लिया है.जब इस बारे में जेसीसीजे विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने कहा कि, इन दो विधायकों की तरफ से कोई भी प्रस्ताव लाने की जानकारी उन्हें नहीं है. उधर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) के विधायक प्रमोद शर्मा ने इस बात की पुष्टि की है कि वे अलग पार्टी बना रहे हैं. जिसकी प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है.
कब हुआ था जेसीसीजे का गठन ?
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) का गठन, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने करीब पांच साल पहले किया था. 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी कांग्रेस,भाजपा के खिलाफ विधानसभा चुनाव में उतरी थी. पार्टी ने क्षेत्रीय पार्टी के रूप में पहली बार चुनाव लड़ते हुए पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी.लेकिन अजीत जोगी के निधन और मरवाही उपचुनाव हारने के बाद अब जेसीसीजे के 4 विधायक विधानसभा में बचे हैं.