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Air Pollution In Diwali प्रतिबंध के बाद भी दिल्ली में जमकर हुई आतिशबाजी,जहरीली हुई हवा,जानिए छत्तीसगढ़ का हाल ? - CPCB

Air Pollution In Diwali दिवाली में वायु प्रदूषण के प्रतिबंध के बाद भी देश की राजधानी समेत प्रदेश की राजधानी में जमकर आतिशबाजी देखने को मिली. दिल्ली में जहां हवा की क्वॉलिटी पहले से ज्यादा खराब रही,वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ पर्यावरण मंडल का दावा है कि इस बार पहले की तुलना में कम प्रदूषण हुआ. Air quality in Raipur

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 13, 2023, 6:50 PM IST

रायपुर/ दिल्ली : दिवाली मनाने के लिए शहर भर में पटाखे छोड़ने के एक दिन बाद, 13 नवंबर को सोमवार की सुबह दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छा गया. जिससे पहले से ही खराब हो रही वायु गुणवत्ता और भी खराब हो गई.सोशल मीडिया पर दिल्ली में छाए घने धुएं और कोहरे के वीडियो छाए रहे. जिससे विजन डेंसिटी कम हो गई है. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार सुबह 6 बजे दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 286 AQI के साथ खराब थी.

देश की राजधानी का बुरा हाल : राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक पिछले कई दिनों से 'गंभीर' या 'गंभीर प्लस' श्रेणी में है. शुक्रवार को रुक-रुक कर हुई बारिश के बाद यह 'खराब' श्रेणी में आ गई थी. हालांकि, राहत अल्पकालिक होने की संभावना है, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने रविवार को पूर्वानुमान लगाया कि अगले कुछ दिनों तक, खासकर दिवाली के बाद हवा में कालिख बनी रहेगी.आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली में पटाखों पर बैन लगाया था. लेकिन इसका असर भी नहीं पड़ा. SAFAR के आंकड़ों की माने तो दिल्ली विश्वविद्यालय की 313 AQI , IIT दिल्ली 317 AQI और हवाई अड्डे में हवा की हालत 308 AQI बेहद खराब श्रेणी की थी. वहीं धीरपुर, लोधी रोड, पूसा, नोएडा, गुरुग्राम जैसी जगहों में हवा की क्वॉलिटी बेहद खराब थी.

छत्तीसगढ़ में कैसा रहा हाल ? :वहीं बात यदि छत्तीसगढ़ की करें तो यहां भी सिर्फ दो घंटे ही पटाखे फोड़ने की इजाजत थी.बावजूद इसके नियमों का उल्लंघन देखने को मिला.कई जगहों पर शाम 7 बजे से लेकर रात 1 बजे तक आतिशबाजी देखी गई. इसके बाद भी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल का दावा है कि पिछले 10 साल में शहरों की हवा सबसे कम प्रदूषित थी. लेकिन हकीकत ये है कि सोमवार सुबह रायपुर समेत बिलासपुर,दुर्ग भिलाई, राजनांदगांव और रायगढ़ में धुएं की पतली परत देखी गई.

क्या है पर्यावरण मंडल का दावा : छत्तीसगढ़ पर्यावरण मंडल की माने तो राजधानी रायपुर में इस बार दीपावली में वायु प्रदूषण PM-10 पिछले साल के औसत की तुलना में लगभग 5.89 प्रतिशत कम रहा. बिलासपुर में वायु प्रदूषण PM-10 पिछले साल की तुलना में लगभग 7.52 प्रतिशत कम, भिलाई में औसतन वायु प्रदूषण के स्तर में करीब 9.3 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी. रायपुर शहर में औसत PM-10 अर्थात हवा में धूल के कणों की संख्या इस वर्ष 64.33 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रही.

क्या होते हैं मानक आकड़ें : किसी भी शहर की आबो हवा की शुद्धता मापना होता तो इसके लिए AQI की गणना की जाती है. एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 450 के बीच 'गंभीर' माना जाता है. एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे 'अति गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.

रायपुर/ दिल्ली : दिवाली मनाने के लिए शहर भर में पटाखे छोड़ने के एक दिन बाद, 13 नवंबर को सोमवार की सुबह दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छा गया. जिससे पहले से ही खराब हो रही वायु गुणवत्ता और भी खराब हो गई.सोशल मीडिया पर दिल्ली में छाए घने धुएं और कोहरे के वीडियो छाए रहे. जिससे विजन डेंसिटी कम हो गई है. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार सुबह 6 बजे दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 286 AQI के साथ खराब थी.

देश की राजधानी का बुरा हाल : राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक पिछले कई दिनों से 'गंभीर' या 'गंभीर प्लस' श्रेणी में है. शुक्रवार को रुक-रुक कर हुई बारिश के बाद यह 'खराब' श्रेणी में आ गई थी. हालांकि, राहत अल्पकालिक होने की संभावना है, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने रविवार को पूर्वानुमान लगाया कि अगले कुछ दिनों तक, खासकर दिवाली के बाद हवा में कालिख बनी रहेगी.आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली में पटाखों पर बैन लगाया था. लेकिन इसका असर भी नहीं पड़ा. SAFAR के आंकड़ों की माने तो दिल्ली विश्वविद्यालय की 313 AQI , IIT दिल्ली 317 AQI और हवाई अड्डे में हवा की हालत 308 AQI बेहद खराब श्रेणी की थी. वहीं धीरपुर, लोधी रोड, पूसा, नोएडा, गुरुग्राम जैसी जगहों में हवा की क्वॉलिटी बेहद खराब थी.

छत्तीसगढ़ में कैसा रहा हाल ? :वहीं बात यदि छत्तीसगढ़ की करें तो यहां भी सिर्फ दो घंटे ही पटाखे फोड़ने की इजाजत थी.बावजूद इसके नियमों का उल्लंघन देखने को मिला.कई जगहों पर शाम 7 बजे से लेकर रात 1 बजे तक आतिशबाजी देखी गई. इसके बाद भी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल का दावा है कि पिछले 10 साल में शहरों की हवा सबसे कम प्रदूषित थी. लेकिन हकीकत ये है कि सोमवार सुबह रायपुर समेत बिलासपुर,दुर्ग भिलाई, राजनांदगांव और रायगढ़ में धुएं की पतली परत देखी गई.

क्या है पर्यावरण मंडल का दावा : छत्तीसगढ़ पर्यावरण मंडल की माने तो राजधानी रायपुर में इस बार दीपावली में वायु प्रदूषण PM-10 पिछले साल के औसत की तुलना में लगभग 5.89 प्रतिशत कम रहा. बिलासपुर में वायु प्रदूषण PM-10 पिछले साल की तुलना में लगभग 7.52 प्रतिशत कम, भिलाई में औसतन वायु प्रदूषण के स्तर में करीब 9.3 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी. रायपुर शहर में औसत PM-10 अर्थात हवा में धूल के कणों की संख्या इस वर्ष 64.33 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रही.

क्या होते हैं मानक आकड़ें : किसी भी शहर की आबो हवा की शुद्धता मापना होता तो इसके लिए AQI की गणना की जाती है. एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 450 के बीच 'गंभीर' माना जाता है. एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे 'अति गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.

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