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रायपुर: कृषि वैज्ञानिक ने सीएम को लिखा पत्र, किसानों को हो रही समस्या से कराया अवगत - chhattisgarh corona raipur

कोरोना वायरस से हुए लॉकडाउन में राज्य के किसानों का नुकसान हुआ है. इस नुकसान के लिए कृषि वैज्ञानिक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर किसानों को हो रही समस्या के संबंध में आपना सुझाव दिया है.

Agriculture scientist wrote a letter to CM in raipur
सब्जी उगाने वाले किसानो को हो रहा है लाखों का नुकसान
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Published : Apr 16, 2020, 4:50 PM IST

Updated : Apr 16, 2020, 5:36 PM IST

रायपुर: कोरोना से हुए लॉकडाउन का वर्तमान के अतिरिक्त भविष्य में दूरगामी प्रभाव पड़ना है. इसको लेकर रायपुर के कृषि वैज्ञानिक संकेत ठाकुर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर किसानों को हो रही समस्या के संबंध में आपना सुझाव दिया है.

कृषि वैज्ञानिक ने सीएम को लिखा पत्र

उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ में सब्जी, चना और फल उत्पादक किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. किसानों को इस साल दोहरा नुकसान हुआ है, पहले ओला और बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद हो गई है. अब लॉक डाउन की वजह खेतों में लेबर ना आने के कारण तुड़ाई-कटाई प्रभावित हुई तो, मंडी में वाजिब रेट नहीं मिलने के कारण भारी नुकसान हो रहा है.

सब्जी फल के किसानों की सरकार करें मदद

किसानों ने बताया कि भविष्य की तस्वीर भी कुछ भयावह नजर आ रही है. मार्च, अप्रैल मई के महीने में खरीफ फसलों के लिए बीज प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और परिवहन का रहता है. खरीफ की धान, मक्का, दलहन, तिलहन, सब्जी आदि के बीज समय पर उपलब्ध नहीं हो पाएंगे. आज प्रदेश की पौने तीन करोड़ के आबादी घरों में रहकर टीवी-सोशल मीडिया के साथ मजे से जिंदगी गुजार रही है तो उसके पीछे मनचाहा भोजन उपलब्ध कराने वाले किसानों की मेहनत ही है. प्रदेश को बचाए रखने वाले अन्नदाता किसानों का कर्ज चुकाने के वक्त प्रदेश सरकार का फर्ज है कि किसानों को वर्तमान और संभावित तकलीफों से बचाने तत्काल कदम उठाएं.

Agriculture scientist wrote a letter to CM in raipur
फसल हो रही है बर्बाद
Agriculture scientist wrote a letter to CM in raipur
फल-फूल की खेती हो रही है खराब
  • किसानों की पूरी फसल उपज की खरीदी अब सरकारी स्तर पर हो. जिसमें हर फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य स्वामीनाथन कमेटी की अनुशंसा के अनुरूप लागत का डेढ़ गुना हो.
  • सब्जियों, फलों आदि का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाए और इसी दर पर ही खरीदी सुनिश्चित की जाए.
  • किसानों को खेती के पहले नकद एडवांस दिया जाए जो, संभावित लागत का कम से कम 75% हो. इस एडवांस को सरकारी खरीदी के समय एडजस्ट किया जाए.
  • बीज कंपनियां से सरकार तत्काल चर्चा करें और आगामी खरीफ फसल के लिए उनके बीज व्यवस्था में सहयोग करें. जैसे बीज के परिवहन, भंडारण आदि में सहायता उपलब्ध हो.
  • कृषि को मनरेगा में शामिल किया जाए. जिसमें लघु-सीमांत किसानों को मनरेगा से भुगतान किया जाए और मध्यम-बड़े किसानों के लिए 50% राशि का भुगतान मनरेगा के तहत किया जाए.
    Agriculture scientist wrote a letter to CM in raipur
    केले की खेती हुई खराब
    Agriculture scientist wrote a letter to CM in raipur
    केला उगाने वाले किसान
  • कृषि से सम्बंधित सभी व्यवसाय को आवश्यक सेवा घोषित किया जाए.
  • सब्जी बाजार खोलने की बजाए सरकार सब्जी वितरण को सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी राशन दुकानों से जोड़े और होम डिलीवरी करवाए.
  • किसानों के लिए संचालित विविध योजनाओं के मद में सब्सिडी राशि किसानों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर किया जाए. किसान को अपनी पसंद से बीज, यंत्र, ड्रिप आदि खरीदने की छूट दी जाए.
  • पीएम केयर की तरह सीएम किसान केयर शुरु किया जाए. जिसमें डोनेशन की राशि को आयकर से छूट के साथ साथ कॉरपोरेट के सीएसआर फंड का पैसा आदि सीधे किसानों के खातों में जमा किया जाए.
  • सभी कृषि योजनाओं का लाभ लीज में खेती करने वाले किसानों को मिले. जैसे फसल बीमा योजना, धान बोनस, फसल ऋण, कृषि सब्सिडी आदि का लाभ इन किसानों को नहीं मिलता.

रायपुर: कोरोना से हुए लॉकडाउन का वर्तमान के अतिरिक्त भविष्य में दूरगामी प्रभाव पड़ना है. इसको लेकर रायपुर के कृषि वैज्ञानिक संकेत ठाकुर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर किसानों को हो रही समस्या के संबंध में आपना सुझाव दिया है.

कृषि वैज्ञानिक ने सीएम को लिखा पत्र

उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ में सब्जी, चना और फल उत्पादक किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. किसानों को इस साल दोहरा नुकसान हुआ है, पहले ओला और बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद हो गई है. अब लॉक डाउन की वजह खेतों में लेबर ना आने के कारण तुड़ाई-कटाई प्रभावित हुई तो, मंडी में वाजिब रेट नहीं मिलने के कारण भारी नुकसान हो रहा है.

सब्जी फल के किसानों की सरकार करें मदद

किसानों ने बताया कि भविष्य की तस्वीर भी कुछ भयावह नजर आ रही है. मार्च, अप्रैल मई के महीने में खरीफ फसलों के लिए बीज प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और परिवहन का रहता है. खरीफ की धान, मक्का, दलहन, तिलहन, सब्जी आदि के बीज समय पर उपलब्ध नहीं हो पाएंगे. आज प्रदेश की पौने तीन करोड़ के आबादी घरों में रहकर टीवी-सोशल मीडिया के साथ मजे से जिंदगी गुजार रही है तो उसके पीछे मनचाहा भोजन उपलब्ध कराने वाले किसानों की मेहनत ही है. प्रदेश को बचाए रखने वाले अन्नदाता किसानों का कर्ज चुकाने के वक्त प्रदेश सरकार का फर्ज है कि किसानों को वर्तमान और संभावित तकलीफों से बचाने तत्काल कदम उठाएं.

Agriculture scientist wrote a letter to CM in raipur
फसल हो रही है बर्बाद
Agriculture scientist wrote a letter to CM in raipur
फल-फूल की खेती हो रही है खराब
  • किसानों की पूरी फसल उपज की खरीदी अब सरकारी स्तर पर हो. जिसमें हर फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य स्वामीनाथन कमेटी की अनुशंसा के अनुरूप लागत का डेढ़ गुना हो.
  • सब्जियों, फलों आदि का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाए और इसी दर पर ही खरीदी सुनिश्चित की जाए.
  • किसानों को खेती के पहले नकद एडवांस दिया जाए जो, संभावित लागत का कम से कम 75% हो. इस एडवांस को सरकारी खरीदी के समय एडजस्ट किया जाए.
  • बीज कंपनियां से सरकार तत्काल चर्चा करें और आगामी खरीफ फसल के लिए उनके बीज व्यवस्था में सहयोग करें. जैसे बीज के परिवहन, भंडारण आदि में सहायता उपलब्ध हो.
  • कृषि को मनरेगा में शामिल किया जाए. जिसमें लघु-सीमांत किसानों को मनरेगा से भुगतान किया जाए और मध्यम-बड़े किसानों के लिए 50% राशि का भुगतान मनरेगा के तहत किया जाए.
    Agriculture scientist wrote a letter to CM in raipur
    केले की खेती हुई खराब
    Agriculture scientist wrote a letter to CM in raipur
    केला उगाने वाले किसान
  • कृषि से सम्बंधित सभी व्यवसाय को आवश्यक सेवा घोषित किया जाए.
  • सब्जी बाजार खोलने की बजाए सरकार सब्जी वितरण को सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी राशन दुकानों से जोड़े और होम डिलीवरी करवाए.
  • किसानों के लिए संचालित विविध योजनाओं के मद में सब्सिडी राशि किसानों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर किया जाए. किसान को अपनी पसंद से बीज, यंत्र, ड्रिप आदि खरीदने की छूट दी जाए.
  • पीएम केयर की तरह सीएम किसान केयर शुरु किया जाए. जिसमें डोनेशन की राशि को आयकर से छूट के साथ साथ कॉरपोरेट के सीएसआर फंड का पैसा आदि सीधे किसानों के खातों में जमा किया जाए.
  • सभी कृषि योजनाओं का लाभ लीज में खेती करने वाले किसानों को मिले. जैसे फसल बीमा योजना, धान बोनस, फसल ऋण, कृषि सब्सिडी आदि का लाभ इन किसानों को नहीं मिलता.
Last Updated : Apr 16, 2020, 5:36 PM IST
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