ETV Bharat / state

सीएम भूपेश से मुलाकात के बाद सर्व आदिवासी समाज का आंदोलन स्थगित, एक माह का दिया अल्टीमेटम

author img

By

Published : Mar 26, 2022, 6:12 PM IST

सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात के बाद सर्व आदिवासी समाज ने आंदोलन स्थगित कर दिया है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एक महीने के अंदर मांगें पूरी नहीं होंगी तो एक बार फिर सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे.

sarva adivasi samaj
सर्व आदिवासी समाज

रायपुर : छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज (Chhattisgarh Sarva Adivasi Samaj) ने सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात के बाद आंदोलन स्थगित कर दिया. इसके पहले भी कई बार सर्व आदिवासी समाज विभिन्न मांगों को लेकर रायपुर में प्रदर्शन कर चुके हैं. शुक्रवार को सर्व आदिवासी समाज के हजारों लोग धमतरी और बालोद जिला के सीमा पर चिटोद के पास जमा हुए थे. ये सभी रायपुर आकर बड़े विरोध प्रदर्शन की तैयारी में थे, लेकिन स्थानीय पुलिस बल ने रोक लिया.

सर्व आदिवासी समाज ने किया आंदोलन स्थगित

यह भी पढ़ें: पापमोचनी एकादशी का व्रत : श्रीहरि विष्षु का व्रत करने से समस्त पापों से मिलती है मुक्ति, जानें पूजा विधि

मांगें पूरी नहीं हुईं तो फिर उतरेंगे सड़कों पर : गरियाबंद विकास परिषद अध्यक्ष लोकेश्वरी नेताम ने बताया कि आदिवासी समाज के लोग 24 मार्च से बस्तर से रैली के लिए निकले थे. चक्का जाम भी किया. इसके बाद रायपुर में प्रदर्शन करने वाले थे. शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सर्व आदिवासी समाज की 15 सदसयीय टीम ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है, लेकिन 1 महीने के अंदर अगर मांगें पूरी नहीं की गईं तो सर्व आदिवासी समाज फिर से सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेगा.

मुख्यमंत्री के आश्वासन पर आंदोलन स्थगित : 2 दिन पहले आदिवासी समाज के लोगों ने कांकेर से पदयात्रा निकाली. गुरुवार को बालोद और धमतरी की सीमावर्ती गांव में पहुंचे थे. पुलिस ने इन्हें रायपुर की ओर आने से रोक रखा था. बावजूद इसके सर्व आदिवासी समाज ने बैरिकेडिंग तोड़कर प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे को भी जाम कर दिया था. इसके बाद शुक्रवार को सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की. मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद अपना आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर दिया है.

सर्व आदिवासी समाज की प्रमुख मांगे

  • सरकेगुड़ा एडसमेटा न्यायिक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की
  • बस्तर में सैनिकरण निरस्त करते हुए पुलिस कैंप बंद किया जाए.
  • फर्जी मुठभेड़ मामलों में गिरफ्तारी बंद किया जाए
  • जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों की तुरंत रिहाई की जाए.
  • संविधान सम्मत पेसा कानून धारा 4 (घ) एवं 4 (ण) के तहत हर गांव में ग्राम सरकार और हर जिले में जिला सरकार गठन की प्रशासकीय व्यवस्था लागू की जाए.
  • संविधान की पांचवी अनुसूची के पैरा 5 (2) के तहत अनुसूचित क्षेत्र में भू-अधिग्रहण एवं भू-हस्तांतरण विनियम कानून संशोधित 1970 के तर्ज पर छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता में संशोधन पर कानून बनाया जाए.
  • ग्राम सभा के निर्णय का पालन, बिना ग्रामसभा सहमति के किसी भी कानून से किसी भी परियोजना के लिए जारी भूमि अधिग्रहण निरस्त हो.
  • मौलिक अधिकारों की हनन करने वाला छत्तीसगढ़ जनसुरक्षा अधिनियम 2005 को खारिज किया जाए.
  • अनुसूचित इलाकों में ग्राम पंचायतों को अनारक्षित घोषणा करना बंद हो.
  • अनुसूचित क्षेत्र में संविधान के अनुच्छेद 243 (य,ग) का पालन करते हुए सारे गैरकानूनी नगर पंचायत नगर पालिका को भंग करते हुए पेसा कानून के तहत पंचायती व्यवस्था लागू करें.

रायपुर : छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज (Chhattisgarh Sarva Adivasi Samaj) ने सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात के बाद आंदोलन स्थगित कर दिया. इसके पहले भी कई बार सर्व आदिवासी समाज विभिन्न मांगों को लेकर रायपुर में प्रदर्शन कर चुके हैं. शुक्रवार को सर्व आदिवासी समाज के हजारों लोग धमतरी और बालोद जिला के सीमा पर चिटोद के पास जमा हुए थे. ये सभी रायपुर आकर बड़े विरोध प्रदर्शन की तैयारी में थे, लेकिन स्थानीय पुलिस बल ने रोक लिया.

सर्व आदिवासी समाज ने किया आंदोलन स्थगित

यह भी पढ़ें: पापमोचनी एकादशी का व्रत : श्रीहरि विष्षु का व्रत करने से समस्त पापों से मिलती है मुक्ति, जानें पूजा विधि

मांगें पूरी नहीं हुईं तो फिर उतरेंगे सड़कों पर : गरियाबंद विकास परिषद अध्यक्ष लोकेश्वरी नेताम ने बताया कि आदिवासी समाज के लोग 24 मार्च से बस्तर से रैली के लिए निकले थे. चक्का जाम भी किया. इसके बाद रायपुर में प्रदर्शन करने वाले थे. शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सर्व आदिवासी समाज की 15 सदसयीय टीम ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है, लेकिन 1 महीने के अंदर अगर मांगें पूरी नहीं की गईं तो सर्व आदिवासी समाज फिर से सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेगा.

मुख्यमंत्री के आश्वासन पर आंदोलन स्थगित : 2 दिन पहले आदिवासी समाज के लोगों ने कांकेर से पदयात्रा निकाली. गुरुवार को बालोद और धमतरी की सीमावर्ती गांव में पहुंचे थे. पुलिस ने इन्हें रायपुर की ओर आने से रोक रखा था. बावजूद इसके सर्व आदिवासी समाज ने बैरिकेडिंग तोड़कर प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे को भी जाम कर दिया था. इसके बाद शुक्रवार को सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की. मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद अपना आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर दिया है.

सर्व आदिवासी समाज की प्रमुख मांगे

  • सरकेगुड़ा एडसमेटा न्यायिक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की
  • बस्तर में सैनिकरण निरस्त करते हुए पुलिस कैंप बंद किया जाए.
  • फर्जी मुठभेड़ मामलों में गिरफ्तारी बंद किया जाए
  • जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों की तुरंत रिहाई की जाए.
  • संविधान सम्मत पेसा कानून धारा 4 (घ) एवं 4 (ण) के तहत हर गांव में ग्राम सरकार और हर जिले में जिला सरकार गठन की प्रशासकीय व्यवस्था लागू की जाए.
  • संविधान की पांचवी अनुसूची के पैरा 5 (2) के तहत अनुसूचित क्षेत्र में भू-अधिग्रहण एवं भू-हस्तांतरण विनियम कानून संशोधित 1970 के तर्ज पर छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता में संशोधन पर कानून बनाया जाए.
  • ग्राम सभा के निर्णय का पालन, बिना ग्रामसभा सहमति के किसी भी कानून से किसी भी परियोजना के लिए जारी भूमि अधिग्रहण निरस्त हो.
  • मौलिक अधिकारों की हनन करने वाला छत्तीसगढ़ जनसुरक्षा अधिनियम 2005 को खारिज किया जाए.
  • अनुसूचित इलाकों में ग्राम पंचायतों को अनारक्षित घोषणा करना बंद हो.
  • अनुसूचित क्षेत्र में संविधान के अनुच्छेद 243 (य,ग) का पालन करते हुए सारे गैरकानूनी नगर पंचायत नगर पालिका को भंग करते हुए पेसा कानून के तहत पंचायती व्यवस्था लागू करें.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.