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जवान बेटे को खोने के बाद परिवार के इस फैसले ने 5 लोगों को दी नई जिंदगी

राज्य के गंजम जिले के रहने वाले युवा सूरज की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई. सूरज के परिवार ने उनका अंगदान कर पांच जिंदगियां बचाने का फैसला लिया.

सूरज
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Published : Nov 8, 2019, 3:21 PM IST

बेरहामपुर (गंजम): अपने प्रियजनों को खोना सबसे बड़ा दर्द होता है. ओडिशा में ऐसे दुखद समय में एक परिवार ने दूसरे परिवार को खुशियां दी. राज्य के गंजम जिले के रहने वाले युवा सूरज की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई. सूरज के परिवार ने उनका अंगदान कर पांच जिंदगियां बचाने का फैसला लिया.

जवान बेटे को खोने के बाद परिवार के इस फैसले ने 5 लोगों को दी नई जिंदगी

सूरज के परिवार ने पांच लोगों की जान बचाने के लिए उसका दिल, आंख, लिवर और किडनी दान करके फैसला लिया. 69 मिनट के अंदर सूरज के अंग मुंबई पहुंचाए गए, जहां एक महिला समेत पांच लोगों को नई जिंदगी मिली. सूरज के परिवार की इस फैसले की सभी तारीफ कर रहे हैं.

गंजम के रहने वाले सूरज की लाइफ ठीक चल रही थी. 29 अक्टूबर को वो सूरत व्यवसाय के सिलसिले में गया था, जहां रोड एक्सीडेंट में बुरी तरह घायल हो गया. हॉस्पिटल लाने पर भी सूरज की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और डॉक्टर ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. परिवार के सदस्यों के अंगदान के फैसले के बाद डॉक्टर्स ने एक सर्जरी की और ऑर्गन मुंबई पहुंचाए गए.
सूरज के पिता बबुली बेहरा का कहना वो अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहता था. उसने पांच लोगों को नई जिंदगी दी.

बेरहामपुर (गंजम): अपने प्रियजनों को खोना सबसे बड़ा दर्द होता है. ओडिशा में ऐसे दुखद समय में एक परिवार ने दूसरे परिवार को खुशियां दी. राज्य के गंजम जिले के रहने वाले युवा सूरज की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई. सूरज के परिवार ने उनका अंगदान कर पांच जिंदगियां बचाने का फैसला लिया.

जवान बेटे को खोने के बाद परिवार के इस फैसले ने 5 लोगों को दी नई जिंदगी

सूरज के परिवार ने पांच लोगों की जान बचाने के लिए उसका दिल, आंख, लिवर और किडनी दान करके फैसला लिया. 69 मिनट के अंदर सूरज के अंग मुंबई पहुंचाए गए, जहां एक महिला समेत पांच लोगों को नई जिंदगी मिली. सूरज के परिवार की इस फैसले की सभी तारीफ कर रहे हैं.

गंजम के रहने वाले सूरज की लाइफ ठीक चल रही थी. 29 अक्टूबर को वो सूरत व्यवसाय के सिलसिले में गया था, जहां रोड एक्सीडेंट में बुरी तरह घायल हो गया. हॉस्पिटल लाने पर भी सूरज की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और डॉक्टर ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. परिवार के सदस्यों के अंगदान के फैसले के बाद डॉक्टर्स ने एक सर्जरी की और ऑर्गन मुंबई पहुंचाए गए.
सूरज के पिता बबुली बेहरा का कहना वो अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहता था. उसने पांच लोगों को नई जिंदगी दी.

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