रायपुर: ऑनलाइन परीक्षाओं की अंतिम तिथि समीप आते ही स्पीड पोस्ट के स्थान पर दूसरे विकल्प की मांग सामने आने लगी है. छात्र संगठनों का कहना है कि जिस तरीके से उत्तर पुस्तिकाएं वितरण के दौरान कॉलेजों में भीड़ एकत्रित हो गई थी, उसी तरह से स्पीड पोस्ट करने के लिए भी डाकघरों में छात्रों की भीड़ उमड़ी है. इसके अलावा उत्तर पुस्तिकाओं की मोटाई को देखा जाए तो एक छात्र को स्पीड पोस्ट के लिए 200 से 300 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में छात्रों से परीक्षा फीस पहले ही ली जा चुकी है. ऐसे में यह अतिरिक्त भार छात्रों पर ही पड़ेगा.
विभिन्न छात्र संगठन इसके विरोध की तैयारी कर रहे हैं. व्यवस्था में बदलाव नहीं होने पर उन्होंने विरोध प्रदर्शन की चेतावनी भी दे दी है. वहीं इस पर प्रबंधन का कहना है कि स्पीड पोस्ट की व्यवस्था उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद ही कराई गई है. इसके पूर्व उनके महाविद्यालयों में ही उत्तर पुस्तिका संग्रहण की व्यवस्था की गई थी. आदेश के बाद से इसे रद्द किया गया है.
पढ़ें: SPECIAL: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत से जुड़े ड्रग्स 'CBD ऑयल' से अनजान हैं छत्तीसगढ़ के लोग
क्या है तकनीकी समस्या
रविशंकर विश्वविद्यालय ने फिलहाल इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है. जानकारी के अनुसार ड्रॉप बॉक्स लगाने के सुझाव पर महाविद्यालय सहमत नहीं है. महाविद्यालयों का कहना है कि हर छात्र अपने सभी विषय के उत्तर पुस्तिका ड्रॉप बॉक्स में जमा करेगा. राजधानी में बड़े महाविद्यालयों में 3 हजार से अधिक छात्र हैं. इतने छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं के लिए बहुत बड़े डिब्बे की जरूरत होगी. जो फिलहाल संभव नहीं है. उत्तर पुस्तिकाओं को डिब्बे में डालने के लिए भी छात्रों को आना पड़ेगा. इससे भी भीड़ लगेगी. इसके अलावा छात्र और प्रबंधन के पास इस बात का कोई सबूत नहीं होगा की उत्तर पुस्तिका जमा की गई है या नहीं. ऐसे में विवाद की स्थिति भी बनेगी.
पढ़ें: बाबरी विध्वंस मामले में कोर्ट के फैसले का स्वागत- कौशिक
तकनीक से दूर हैं छात्र
छात्रों से उत्तर पुस्तिकाएं ऑनलाइन मंगाने पर भी विचार किया जा रहा था. सभी विषयों की उत्तर पुस्तिकाएं एक साथ एक ही पीडीएफ फाइल में भेजी जानी थी. लेकिन छात्रों के टेक्नोलॉजी फ्रेंडली ना होने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका. कंप्यूटर सहित कुछ संकाय के छात्रों को इसकी जानकारी है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जहां नेटवर्क की समस्या रहती है और छात्र अधिक टेक्नो फ्रेंडली नहीं होते वहां दिक्कत आ सकती है.