रायपुर: छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती राज्य सरकार के कार्यकाल में रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग में 723 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था. 2010 में जारी विज्ञापन के आधार पर प्रशिक्षण अधिकारी, डाटा एंट्री ऑपरेटर सहित सहायक ग्रेड 3 की लिखित परीक्षा सहित भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के बाद 2013 में इन्हें नियुक्ति भी दी गई. इसके साथ ही 2 साल की परिवीक्षा अवधि पूर्ण करने के बाद सभी 723 लोगों को नियमित भी कर दिया गया. अब नौकरी के 8 वर्ष बाद इन लोगों को नियुक्ति में नियम का पालन ना होने का हवाला देकर नौकरी से हटाने की बात की जा रही है. इतना ही नहीं बल्कि उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा गया है.
नोटिस में सेवाएं समाप्त करने की बात
प्रशासन की ओर से आईटीआई प्रशिक्षकों को भेजे गए नोटिस में लिखा है कि क्यों ना आपकी सेवाएं उपरोक्त अधिनियम, नियम के परिप्रेक्ष्य में समाप्त की जाए. इस संबंध में नोटिस प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण दें. निर्धारित समय पर स्पष्टीकरण नहीं दिया तो समझा जाएगा कि इस संबंध में आपको कुछ नहीं कहना है. नियमानुसार एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी.
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विभाग ने ही निकाला था विज्ञापन
किसी भी विभाग में भर्ती के लिए विज्ञापन संबंधित विभाग की तरफ से ही जारी किया जाता है. साथ ही इसमें आरक्षण रोस्टर के हिसाब से आरक्षित वर्ग के लिए निर्धारित पदों को भी विभाग द्वारा ही किया जाता है. इसके अलावा भर्ती के दौरान भी आरक्षण रोस्टर का पालन होना भी विभागीय जिम्मेदारों की ओर से ही सुनिश्चित किया जाता है. नियमानुसार भर्ती के लिए जारी किए गए विज्ञापन के अनुसार ही अभ्यर्थी आवेदन करते हैं, लेकिन अब भर्ती के दौरान रोस्टर में गड़बड़ी करने वालों वाले जिम्मेदारों पर कार्रवाई के बजाय नियुक्ति शून्य करने की धमकी दी जा रही है.
गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों को दे रहे 'छूट'
नियमानुसार किसी भी भर्ती में अभ्यर्थियों द्वारा सिर्फ आवेदन दिया जाता है. पढ़ते समय पर परीक्षा सहित अन्य प्रोसेस पूरा किया जाता है. वहीं विज्ञापन जारी करने के साथ ही भर्ती करने की जिम्मेदारी भी संबंधित विभाग के अधिकारियों की ही होती है. वहीं इन पर कार्रवाई करने की बजाय अब अभ्यर्थियों पर ही कार्रवाई की जा रही है.
8 साल बाद समझ आई गड़बड़ी
ईटीवी भारत के पास मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि प्रशिक्षण अधिकारियों के साथ ही डाटा एंट्री ऑपरेटर और सहायक ग्रेड 3 की भी भर्ती की गई थी. वहीं सभी को की भर्ती में एक ही आरक्षण रोस्टर का ही पालन किया गया. वहीं आप 8 वर्ष बाद गड़बड़ी पाए जाने पर प्रशिक्षण अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया जा रहा है. जबकि विभागीय अफसरों की ओर से आरक्षण रोस्टर की अनदेखी करते हुए भर्ती कर दी गई थी. अफसरों पर कार्रवाई न करके अब इन्हें धमकी भरा नोटिस भेजा जा रहा है.
नोटिस मिलने के बाद दहशत कर्मचारी
ईटीवी भारत की टीम ने जब इन कर्मचारियों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. लेकिन कैमरे के पीछे उन्होंने कहा कि अभी तो केवल नोटिस भेजा है, अगर हम कुछ कह देंगे तो पता नहीं आगे क्या होगा. इसके बाद हमारी टीम ने इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई है. हमारे पास जो दस्तावेज मौजूद हैं, उससे तो साफ है कि जिम्मेदारों को बचाकर अभ्यर्थियों पर ही पूरा ठिठरा फोड़ा जा रहा है.