रायपुर: 7 साल की मिस्का ने अपनी प्रतिभा के जरिए वह कर दिखाया है जो बड़े-बडे़ नहीं कर पाते हैं. नन्हीं मिस्का ने अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराया है. मिस्का ने जोरदार तैयारी कर अपने आप को इस काबिल बनाया है. मिस्का झंडा देखकर देश का नाम और उसके राष्ट्रीय खेल का नाम बता सकती है. विश्व के सभी देश के नाम और झंडे के पहचान के साथ उसे उस देश का राष्ट्रीय खेल भी याद है.
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कुछ लोग बेटियों को बोझ समझते हैं, लेकिन मिस्का जैसी बेटियां अपनी प्रतिभा के जरिए हमेशा साबित करतीं हैं कि आज बेटे और बेटी में कोई अंतर नहीं है. बेटियां वो भी कर सकती हैं जो एक बेटा नहीं कर सकता है. मिस्का ने यह सच करके दिखाया है. राजधानी के राजकुमार कॉलेज में शनिवार को मिस्का अग्रवाल ने अपनी प्रतिभा इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के चेन्नई से आए प्रतिनिधि के सामने प्रदर्शित की. मिस्का ने लगभग 170 देश के राष्ट्रीय खेलों की जानकारी देकर ना केवल इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि बल्कि इस दौरान मौजूद तमाम लोगों को भी अपनी इस प्रतिभा से हैरान कर दिया.
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दूसरे बच्चों को प्रेरणा देने वाली मिस्का
मिस्का की मां प्रीति अग्रवाल और उनके दादा कहते हैं कि भगवान ने मिस्का को अनूठा टैलेंट दिया है. कोई भी चीज यदि एक बार देख लेती है तो उसको बहुत जल्दी पहचान लेती है. मिस्का ने हमारा नाम रोशन किया इस पर हमें गर्व है. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि विवेक ने कहा कि बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में राजकुमार कॉलेज में 7 साल की बच्ची मिस्का अग्रवाल ने देश के सभी झंडों और उनके राष्ट्रीय खेल को पहचान कर एक नया रिकॉर्ड दर्ज किया है. यह रिकॉर्ड उन्होंने 5 मिनट 6 सेकंड में पूरा किया है जो वास्तव में बहुत अच्छी बात होने के साथ ही दूसरे बच्चों को प्रेरणा देने वाली साबित हो सकती है.