रायपुर: अलबर्ट आइन्स्टीन ने कहा था, 'आप तब तक नहीं हार सकते, जब तक आप प्रयास करना नहीं छोड़ देते.' आइन्स्टीन की ये लाइन मानो प्रयास आवासीय छात्रावास में रहने वाले बच्चों के लिए ही बनी है. बचपन से नक्सली इलाके में रहने वाले और उनके जुल्म सहने वाले इन बच्चों ने बस्तर का नाम हर क्षेत्र में रोशन किया है.
प्रयास आवासीय छात्रवास रायपुर के रहने वाले 532 विद्यार्थियों ने अलग-अलग राष्ट्रीय परीक्षाओं में जगह बनाई है. यह आंकड़ा केवल रायपुर के बॉयज प्रयास का है.
इस संस्थान से आईआईटी में 35 बच्चे सेलेक्ट.
- एनआईटी में 107 बच्चे सेलेक्ट.
- ट्रीपल आईटी में 26 बच्चे सेलेक्ट.
- नीट में 17, जीएफटीआई में 5 बच्चे सेलेक्ट.
- जीईसी 340 और वेटनरी के 2 बच्चों ने अपनी जगह बनाई है.
कैसे मिलता है दाखिला-
- इस स्कूल में एडमिशन के लिए एक परीक्षा देनी पड़ती है. उसके बाद बच्चों का चयन कर लिया जाता है.
- छत्तीसगढ़ के दूरदराज कि नक्सली हिंसा से प्रभावित और राज्य की सबसे हिंसक क्षेत्रों के बच्चों के लिए 'मुख्यमंत्री मॉडल बाल सुरक्षा योजना' के विस्तार के रूप में राज्य सरकार द्वारा जुलाई 2010 में प्रयास आवासीय विद्यालय शुरू किए गए थे.
- यहां से पढ़ाई करने वाले छात्र आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों में पढ़ाई कर अपना मुकाम हासिल कर रहे हैं.
- सफल क्षेत्रों में प्रयास फाउंडेशन द्वारा शिक्षा नहीं दी जाती तो इनका भविष्य अंधकार में ही रह गया.
- स्कूल के बच्चों को एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से ही चुना जाता है. यह स्कूल राज्य बोर्ड के अंतर्गत ही संचालित होता है, लेकिन यहां सीबीएसई और एनसीआरटी पाठ्यक्रम से ही पढ़ाई होती है.
- 11वीं और 12वीं के छात्रों को यहां खास ध्यान रखा जाता है और परीक्षाओं के लिए विशेषज्ञ द्वारा को सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.
- राज्य में 5 विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं. रायपुर, अंबिकापुर, दुर्ग जगदलपुर में चल रहे हैं.
- प्र
- यास आवासीय विद्यालय में बच्चों को वह सुविधाएं मुहैया करवाई जाती हैं, जो कि नामी-गिरामी बोर्डिंग स्कूल में बच्चों को मुहैया करवाई जाती हैं.
- यहां पर बच्चे से किसी भी प्रकार की कोई फीस नहीं ली जाती उन्हें निशुल्क सारी पढ़ाई उपलब्ध कराई जाती है.
- बच्चों को कंप्यूटर की सारी जानकारी दी जाती है और उन्हें इंटरनेट की दुनिया से भी जोड़ा जा सके इसके लिए कंप्यूटर का भी इंतजाम किया गया है.
- लैब में आईआईटीबीएचयू से पढ़ाई करने वाले अध्यापक द्वारा शिक्षा दी जाती है. स्कूलों में 500 छात्रों के रहने और खाने की व्यवस्था है. छात्रों को प्रेरित करने के लिए स्कूल के हर कमरे में महापुरुषों की फोटो और उनके विचार पेंटिंग के रूप में लगाए गए हैं.