रायपुर: कोरोना की दूसरी लहर का असर छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिल रहा है. प्रदेश में कुछ दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या कई गुना बढ़ी है. इतना ही नहीं कोरोना से हो रही एक के बाद एक मौतों से लोगों में डर का माहौल है. अब कोरोना ने प्रदेश की जेलों में भी दस्तक दे दी है. बंदी जेल में भी सुरक्षित नहीं है. वहां भी उनकी कोरोना से मौत हो रही है. हाल ही में कोरोना से प्रदेश की जेलों में हुई 5 बंदियों की मौत से विभाग में हड़कंप मच गया है.
छत्तीसगढ़ में कुल 33 जेल हैं. जहां पिछले कुछ दिनों में लगभग 100 बंदी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. राहत कि बात यह है कि कुछ को छोड़ दें तो बाकी संक्रमित बंदी अब स्वस्थ हो चुके हैं.
रायपुर जेल में अब तक 100 कैदी हुए संक्रमित
जेल डीआईजी केके गुप्ता ने ईटीवी भारत से फोन पर चर्चा के दौरान बताया कि, प्रदेश की जेलों में कोरोना की दूसरी लहर में 100 से ज्यादा कोरोना मरीज मिले हैं. जिनका उपचार किया गया. केके गुप्ता के अनुसार रायपुर केंद्रीय जेल में जनवरी 2021 से लेकर अब तक 21 बंदी कोरोना संक्रमित हुए थे जो पूरी तरह ठीक हो चुके हैं. यानि कि अब रायपुर जेल में कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं है.
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गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश की जेलों में व्यवस्थाएं
छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में लगभग 100 कैदी कोरोना संक्रमित हुए थे. जिनका ट्रीटमेंट किया गया और स्थिति अब नियंत्रण में है. कोरोना गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश की जेलों में व्यवस्थाएं की गई है. जेलों में आने वाले नए बंदियों का सबसे पहले कोरोना टेस्ट कराया जाता है. उसके बाद उन्हें 14-14 दिन अलग-अलग बैरक में रखा जाता है. फिर उन्हें जेल में अन्य बंदियों के साथ रखा जाता है.
कोरोना की दूसरी लहर में 5 कैदियों की मौत
केके गुप्ता के अनुसार कोरोना के दूसरे लहर के बीच 5 बंदियों की अब तक मौत हुई है. जिन 5 बंदियों की मौत हुई है उसमें दो दुर्ग, एक अंबिकापुर और दो रायपुर के बंदी शामिल हैं. छत्तीसगढ़ की विभिन्न जेलों में लगभग 18500 कैदी है. यह प्रदेश की जेलों की क्षमता से थोड़े ज्यादा है. रायपुर जेल में भी लगभग 3 हजार से ज्यादा बंदी हैं.
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सिर्फ जशपुर जेल में कोरोना के एक्टिव केस
जेल डीआईजी गुप्ता ने बताया कि पिछले साल कोरोना संक्रमण के दौरान जेलों में बंदियों की संख्या कम करने के लिए कई बंदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था. जो जनवरी में वापस आ गए. हालांकि अभी भी कुछ बंदी वापस जेल नहीं पहुंचे हैं. जिनके खिलाफ जेल प्रशासन की ओर से आगे की कार्रवाई की जा रही है. वर्तमान में सिर्फ जशपुर जेल में एक्टिव केस हैं. इस जेल में 22 कैदी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. जिनका इलाज जारी है. इन्हें अन्य बंदियों से अलग रखा गया है.
जेलों में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए उठाए गए कदम
बता दें कि पिछले साल कोरोना की पहली लहर के बीच बंदियों को कोरोना से बचाने के लिए जेल प्रशासन ने कई कदम उठाए थे. जिसके अंतर्गत छोटी धाराओं में जेल में बंद लगभग 5 हजार से ज्यादा बंदियों को पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया था. ताकि जेल के अंदर क्षमता से ज्यादा बंदी ना रहे और कोरोना संक्रमण का खतरा कम हो सके.
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जानकारी के मुताबिक पिछले साल 26 मार्च से 30 जून 2020 तक छत्तीसगढ़ के कुल 33 जेलों से 5342 बंदियों को छोड़ा गया था-
- रायपुर सेंट्रल जेल से 975
- दुर्ग जेल से 636 बंदियों को छोड़ा गया
- बिलासपुर सेंट्रल जेल से 527
- बलौदाबाजार उपजेल से 251
- महासमुंद जेल से 382 कैदी छोड़े गए
- राजनांदगांव जेल से 207
- जांजगीर जेल से 246 बंदी छोड़े गए
- रायगढ़ जेल से 237 कैदी रिहा किए गए
- जगदलपुर से 199 और अंबिकापुर से 187 विचाराधीन कैदियों को छोड़ा गया था.
रायपुर जेल में पहले क्षमता से 2 गुना ज्यादा बंदियों को रखा गया था. इस जेल में पहले लगभग 3700 बंदी थे, लेकिन कोरोना संकट काल में पैरोल और जमानत पर बंदियों को छोड़े जाने के बाद यह संख्या 2725 हो गई थी.
जेल प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती
जेल प्रशासन ने कोरोना संक्रमण से बंदियों को बचाने के लिए कई उपाय किए हैं. बावजूद इसके लगातार बंदी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. यहां तक कि अब बंदियों के मौत की भी खबर आने लगी है. अब बंदियों की हो रही मौत जेल प्रशासन के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है.